Sunday, April 27, 2025

Elections 2022

कृषि कानूनों की वापसी के बाद का नहीं है भाजपा के कार्यक्रम में तोड़फोड़ का यह वीडियो

banner_image

सोशल मीडिया पर 18 सेकंड की एक वीडियो क्लिप को शेयर करते हुए दावा किया गया है कि तीनों कृषि कानूनों के वापसी के बाद भाजपा नेताओं की पिटाई शुरू हो गई है।

एक सोशल मीडिया यूजर ने वीडियो को शेयर करते हुए लिखा कि तीनों कृषि कानूनों के वापसी की घोषणा के बाद रूझान आने शुरू हो गए हैं। आगे मीडिया पर सवाल उठाते हुए लिखा गया है कि कोई गोदी मीडिया इसे नहीं दिखाएगा।

शेयर किए गए वीडियो में कुछ लोग लोग भाजपा के बैनर लगे एक मंच पर लाठी डंडों से हमला करते दिख रहे हैं।

कृषि कानूनों
FB screenshot

उपरोक्त फेसबुक पोस्ट को यहां देखा जा सकता है। 

उपरोक्त फेसबुक पोस्ट के आर्काइव को यहां देखा जा सकता है।

कृषि कानूनों
FB screenshot

उपरोक्त फेसबुक पोस्ट को यहां देखा जा सकता है।

कृषि कानूनों
FB screenshot

उपरोक्त फेसबुक पोस्ट को यहां देखा जा सकता है।

कृषि कानूनों
FB screenshot

उपरोक्त फेसबुक पोस्ट को यहां देखा जा सकता है।

24 नवम्बर 2021 को TV9 भारतवर्ष द्वारा प्रकाशित एक लेख के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश को संबोधित करते हुए, तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने का ऐलान किया था। रिपोर्ट के मुताबिक, किसान इस तीन कृषि कानूनों के विरोध में बड़े लंबे अरसे से आंदोलनरत थे। रिपोर्ट में तीनों कृषि कानूनों के बारे में जानकारी दी गई है। पहले कृषि कानून का नाम ‘कृषि उत्पादन व्यापार और वाणिज्य विधेयक 2020 था।’ इस कानून के अंतर्गत किसान अपनी सहूलियत के हिसाब से किसी भी जगह पर अपनी फसल को बेचने के लिए आज़ाद थे। यहां तक कि किसान दूसरे राज्य में भी अपनी फसल को बेच सकते थे। 

दूसरे कृषि कानून का नाम ‘कृषक कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक 2020 था।’ इस कानून के अंतर्गत किसान फसल बुआई से पहले ही, तय दर के हिसाब से अपनी फसल को बेच सकते थे। इस कानून को लेकर सरकार का कहना था कि किसानों को अब कम नुकसान होगा। 

तीसरे कृषि कानून का नाम ‘आवश्यक वस्तुएं संशोधन अधिनियम 2020 था।’ यह क़ानून काला बाज़ारी रोकने के लिए बनाया गया था। इस क़ानून के अंतर्गत, व्यापारी एक सीमित मात्रा में ही किसी भी कृषि उपज को जमा कर सकते थे।

लाइव हिंदुस्तान द्वारा प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक, शीतकालीन सत्र के पहले दिन, 29 नवम्बर को संसद ने तीनों कृषि कानूनों को समाप्त करने वाला बिल पास कर दिया था, जिसे अब राष्ट्रपति द्वारा मंजूरी भी मिल गई है।  

Fact Check/Verification

शेयर किये जा रहे वीडियो का सच जानने के लिए हमने इसे invid टूल की मदद से कुछ की-फ्रेम्स में बदला। इसके बाद एक की-फ्रेम के साथ गूगल रिवर्स सर्च किया। इस प्रक्रिया में हमें की-फ्रेम से मिलती जुलती एक तस्वीर मिली। उसपर क्लिक करने पर हमें social news xyz की एक रिपोर्ट प्राप्त हुई। रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना बीते 10 जनवरी को हरियाणा के मुख्यमंत्री के लिए आयोजित होने वाले कार्यक्रम के दौरान की है। रिपोर्ट को पढ़ने बाद पता चला कि शेयर किया जा रहा वीडियो कृषि कानूनों की वापसी से पहले का है।

Screenshot
Screenshot

 

इसके बाद हमने कुछ कीवर्ड्स की मदद से यूट्यूब पर खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें इंडिया टुडे के यूट्यूब चैनल पर 3:23 मिनट का एक वीडियो मिला, जिसको यूट्यूब चैनल पर 11 जनवरी 2021 को अपलोड किया गया था। वीडियो के शुरुआती 20 सेकंड पर शेयर किये जा रहे वीडियो के एक दृश्य को देखा जा सकता है।

 

Screenshot

जनसत्ता द्वारा प्रकाशित एक लेख के मुताबिक़, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर, हरियाणा के करनाल में बीते 10 जनवरी को किसान महापंचायत को सम्बोधित करने वाले थे, लेकिन कृषि कानूनों को वापस लिए जाने के लिए आंदोलन कर रहे आक्रोशित प्रदर्शनकारियों ने रैली के लिए बना मंच तोड़ दिया। इसके बाद मनोहर लाल खट्टर के कार्यक्रम को रद्द करना पड़ा था। 

Conclusion 

इस तरह हमारी पड़ताल में यह साफ़ हो गया कि शेयर किया जा रहा वीडियो, कृषि कानूनों के वापसी के बाद का नहीं है। शेयर किया जा रहा वीडियो बीते 10 जनवरी को हरियाणा के मुख्यमंत्री के लिए आयोजित होने वाले एक कार्यक्रम का है, जिसे अब भ्रामक दावे के साथ शेयर किया गया है।

Result: Misleading

Our Sources

YouTube

Media reports

किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in

image
यदि आप किसी दावे का सच जानना चाहते हैं, किसी तरह की प्रतिक्रिया देना चाहते हैं या हमारे किसी फैक्ट चेक को लेकर शिकायत दर्ज करना चाहते हैं, तो हमें +91-9999499044 पर व्हाट्सएप या checkthis@newschecker.in​. पर ईमेल करें. आप हमारे Contact Us पेज पर जाकर वहाँ मौजूद फॉर्म भी भर सकते हैं.
Newchecker footer logo
Newchecker footer logo
Newchecker footer logo
Newchecker footer logo
About Us

Newchecker.in is an independent fact-checking initiative of NC Media Networks Pvt. Ltd. We welcome our readers to send us claims to fact check. If you believe a story or statement deserves a fact check, or an error has been made with a published fact check

Contact Us: checkthis@newschecker.in

17,944

Fact checks done

FOLLOW US
imageimageimageimageimageimageimage
cookie

हमारी वेबसाइट कुकीज़ का उपयोग करती है

हम कुकीज़ और समान प्रौद्योगिकियों का उपयोग करते हैं ताकि सामग्री को व्यक्तिगत बनाने में मदद मिल सके, विज्ञापनों को अनुकूलित और मापने में मदद मिल सके, और बेहतर अनुभव प्रदान कर सके। 'ठीक है' क्लिक करके या कुकी पसंद करने में एक विकल्प को चालू करके, आप इस से सहमत होते हैं, हमारे कुकी नीति में विस्तार से व्याख्या की गई रूप में।