सोशल मीडिया पर अखबार की एक कटिंग शेयर कर दावा किया गया कि 17 महीने कोमा में रहे ईसाई पादरी ने ठीक होते ही इस्लाम अपना लिया.
तमाम धर्मों के अनुयायी अपने धर्म के प्रचार-प्रसार में लगे रहते हैं. किसी धर्म में आस्था रखना या उसका प्रचार-प्रसार करना एक निजी विषय है. कई धार्मिक मान्यताएं वैज्ञानिक मापकों पर खरी नहीं उतरती, ऐसे में वैज्ञानिक दृष्टिकोण के अनुयायी और धर्म में आस्था रखने वाले लोगों के बीच में असहमति देखी जा सकती है. विभिन्न धर्मों में आस्था रखने वाले लोग अपने भगवान को शक्तिशाली बताते हुए उनके चमत्कारों के बारे में बातें करते हैं.
इसी क्रम में सोशल मीडिया यूजर्स ने अखबार की एक कटिंग शेयर कर यह दावा किया कि 17 महीने कोमा में रहे ईसाई पादरी ने ठीक होते ही इस्लाम अपना लिया.
Fact Check/Verification
17 महीने कोमा में रहे ईसाई पादरी द्वारा ठीक होते ही इस्लाम अपना लेने के नाम पर शेयर की जा रही इस कटिंग की पड़ताल के लिए, हमने इसे गूगल पर ढूंढा. हालांकि, कुछ अन्य दावों के अलावा हमें इस प्रक्रिया में कोई ठोस जानकारी प्राप्त नहीं हुई. वायरल खबर की पड़ताल के लिए हमने ‘coma christian father priest converted to islam indonesia’ कीवर्ड को गूगल पर ढूंढा. इस प्रकिया में हमें यह जानकारी मिली कि यह खबर काफी पहले से इंटरनेट पर मौजूद है.

iMediaEthics द्वारा 13 अक्टूबर 2014 को प्रकाशित एक लेख के अनुसार, यह खबर मलेशियाई न्यूज़पेपर Utusan Malaysia द्वारा प्रकाशित की गई थी. संस्था ने यह खबर World News Daily Report नामक एक हास्य वेबसाइट द्वारा प्रकाशित लेख के आधार पर प्रसारित किया था.

उपरोक्त लेख में यह जानकारी दी गई है कि Utusan Malaysia द्वारा ट्वीट के माध्यम से हास्य वेबसाइट World News Daily Report के आधार पर खबर प्रकाशित करने के लिए खेद भी व्यक्त किया गया था.
बता दें कि उपरोक्त लेख में World News Daily Report द्वारा प्रकाशित हास्य लेख का लिंक भी मौजूद है. लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि प्रकाशन ने इस लेख को वेबसाइट से हटा दिया है. हालांकि, लेख के आर्काइव वर्जन में पूरी खबर को देखा जा सकता है. लेख के अनुसार, इंडोनेशिया के South Jakarta स्थित Metropolitan Medical Centre में इलाज करा रहे 87 वर्षीय एक पादरी ने 17 माह कोमा में रहने के बाद ठीक होते ही इस्लाम अपना लिया.

World News Daily Report की वेबसाइट पर मौजूद डिस्क्लेमर के अनुसार यह एक satire (हास्य) वेबसाइट है.

इसके बाद हमने अख़बार की वायरल कटिंग को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें यह जानकारी मिली कि अख़बार की यह कटिंग साल 2015 से ही सोशल मीडिया पर मौजूद है.

Conclusion
इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह स्पष्ट हो गया कि 17 महीने कोमा में रहे ईसाई पादरी द्वारा ठीक होते ही इस्लाम अपना लेने के नाम पर शेयर की जा रही यह कटिंग, साल 2015 से ही इंटरनेट पर मौजूद है. असल में कटिंग में लिखी बातें एक हास्य लेख पर आधारित है, लेकिन लोग सच मानकर अख़बार की इस कटिंग को शेयर कर रहे हैं।
Result: Fabricated Content/False
Our Sources
Archived version of report published by World News Daily Report on 14 October, 2014
Report published by iMediaEthics on 13 October, 2014
Social media posts from 2015
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