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जैसे-जैसे चुनाव नजदीक आ रहे हैं फेक न्यूज़ भी तेजी से फैल रही है। ऐसी ही एक खबर Newschecker की टीम के सामने आई। व्हॉटसैप और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ये मैसेज बहुत शेयर किया जा रहा है कि अगर आपका नाम वोटर लिस्ट में नहीं है तो आप आधार कार्ड या वोटर आईडी कार्ड दिखाकर धारा 49A के तहत ‘चुनौती वोट’ या ‘चैलेंज वोट’ मांग कर अपना वोट डाल सकते हैं। मैसेज के अगले हिस्से में लिखा गया है कि यदि आपका वोट किसी और ने डाल दिया है तो आप ‘टेंडर वोट’ मांग कर अपना वोट डाल सकते हैं। यदि किसी पोलिंग बूथ पर 14% से ज्यादा टेंडर वोट रिकॉर्ड किए जाते हैं तो वहां पर दोबारा चुनाव होते हैं।
Investigation
पड़ताल के लिए हमने इस फोटो को सबसे पहले क्रॉप किया। इमेज रिवर्स रिसर्च करने के दौरान हमें कुछ ज्यादा हाथ नहीं लगा। लेकिन कुछ वायरल हो रहे ट्वीट्स नजर आये।
*जरूरी सूचना*
अपने हक के लिए वोट जरूर डाले
जब आप पोलिंग बूथ पर पहुंचते हैं और पाते हैं कि आपका नाम मतदाता सूची में नहीं है, तो बस अपना आधार कार्ड या मतदाता पहचान पत्र दिखाएं और धारा 49 ए के तहत “चुनौती वोट” मांगें और अपना वोट डालें।— Chowkidar Akash RSS (@Satynistha) April 5, 2019
अब बारी थी गूगल पर कुछ कीवर्ड्स डालकर सर्च करने की। इस पड़ाव पर हमें कुछ वेबसाइट सहित कई न्यूज़ पेपर्स में ऐसे आर्टिकल मिले जो इन मुद्दों को पूरी तरह से नकारते थे। अमर उजाला में छपी इस खबर को यहां क्लिक कर पढ़ा जा सकता है।
अब हमने चुनाव आयोग की वेबसाइट पर जाकर यह क्लीयर करना चाहा कि क्या वास्तव में दी गई खबर में कोई तथ्य सही है? कंडक्ट ऑफ इलेंक्शन रूल्स, 1961 की धारा 49A, वोटिंग मशीन और उसके डिजाइन के बारे में बात करती है। इसमें चुनौती या चैलेंज वोट का कोई जिक्र नहीं है।
हालांकि कंडक्ट ऑफ इलेंक्शन रूल्स, 1961 में टेंडर वोट का जिक्र किया गया है, धारा 49P में इस बारे में बताया गया है। कंडक्ट ऑफ इलेंक्शन रूल्स, 1961 को विस्तार से यहां पढ़ा जा सकता है। हालांकि इसमें 14% से ज्यादा टेंडर वोट होने पर दोबारा चुनाव की बात कहीं नहीं की गई है।
चुनाव संचालन के नियमों को ध्यान से पढ़ने के बाद ये साफ हो गया कि ये वायरल मैसेज पूरी तरह सच नहीं है इस मैसेज को सच साबित करने के लिए इसमें एक सही तथ्य पेश किया गया है। मध्य प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी वीएल कांताराव ने भी इस मैसेज को फेक करार दिया है।
चुनाव आयोग के मुताबिक चैलेंज वोट का उपयोग वोटर नहीं कर सकता बल्कि वहां मौजूद राजनीतिक दलों के मतदान अभिकर्ता को यदि वोटर पर शक होता है तो वह वोटर की आईडेंटिटी को चैलेंज कर सकता है। अगर वोटर अपनी पहचान साबित करने में नाकाम होता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई हो सकती है।
Result: Fake