Wednesday, April 23, 2025
हिन्दी

Fact Check

क्या कुर्दिश मुस्लिम महिलाओं ने हिजाब और बुर्के के खिलाफ किया नग्न प्रदर्शन? फैक्ट चेक

Written By Runjay Kumar, Edited By JP Tripathi
Nov 27, 2024
banner_image

Claim
कुर्दिश मुस्लिम महिलाओं ने हिजाब और बुर्के का विरोध किया.

Fact
यह प्रदर्शन नारीवादी संस्था फीमेन फ्रांस (Femen France) द्वारा किया गया था.

सोशल मीडिया पर महिलाओं द्वारा नग्न विरोध प्रदर्शन किए जाने का वीडियो इस दावे से वायरल हो रहा है कि कुर्दिश मुस्लिम महिलाओं ने हिजाब, बुर्के और धार्मिक किताब में लिखित घरेलू हिंसा का विरोध किया.

हालांकि हमने अपनी जांच में पाया कि यह प्रदर्शन सिर्फ कुर्दिश महिलाओं द्वारा नहीं, बल्कि नारीवादी संस्था फीमेन फ्रांस (Femen France) द्वारा महिलाओं के विरुद्ध हिंसा उन्नमूलन दिवस पर पेरिस में आयोजित किया गया था. इसमें प्रदर्शनकारी महिलाओं ने न सिर्फ जबरदस्ती हिजाब या बुर्का थोपे जाने के खिलाफ बल्कि महिलाओं के विरुद्ध होने वाले सभी तरह की हिंसाओं के खिलाफ प्रदर्शन किया था.

वायरल वीडियो मीडिया आउटलेट ब्रूट द्वारा जारी किए गए वीडियो रिपोर्ट का है, जिसमें महिलाएं नग्न (टॉपलेस) होकर विरोध प्रदर्शन कर रही हैं. इस दौरान उनके शरीर पर फ्रेंच, अंग्रेजी और अरबी में महिलाओं के हक़ वाले नारे लिखे हुए हैं. 

वीडियो को वायरल दावे वाले कैप्शन के साथ शेयर किया गया है, जिसमें लिखा हुआ है “कुर्दिश मुस्लिम महिलाओं द्वारा हिजाब, बुर्के तथा किताब में लिखित घरेलू हिंसा का विरोध आज इस स्तर पर उतर आया है. भारत में ऐसा विरोध कब शुरू होगा”. 


Courtesy: X/AchAnkurArya

Fact Check/Verification

Newschecker ने वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए सबसे इस वीडियो को ब्रूट(Brut) के सोशल मीडिया अकाउंट पर खंगाला. इस दौरान हमें ब्रूट फ्रांस के इंस्टाग्राम अकाउंट से 24 नवंबर 2024 को अपलोड की गई यह वीडियो रिपोर्ट मिली.

इस रिपोर्ट के कैप्शन और वीडियो में बताया गया था कि नारीवादी संगठन फीमेन फ्रांस ने पेरिस के लूवर म्यूजियम के पास महिलाओं के विरुद्ध होने वाली हिंसा को लेकर प्रदर्शन किया था. इस दौरान प्रदर्शनकारी महिलाओं ने “महिलाएं, जीवन और आजादी” एवं “महिलाओं के खिलाफ युद्ध” बंद करो जैसे नारे लगाए थे. यह रिपोर्ट फ्रेंच पत्रकार रेमी बिसिने ने ब्रूट के लिए कवर किया था.

इसके बाद हमें फीमेन फ्रांस के इंस्टाग्राम अकाउंट से किए गए कई पोस्ट मिले, जिसमें इस वीडियो से जुड़ी कई तस्वीरें मौजूद थी. तस्वीर के साथ मौजूद कैप्शन में बताया गया था कि महिलाओं ने 24 नवंबर को पेरिस में यह प्रदर्शन किया था.

इसी दौरान हमें फीमेन फ्रांस के इंस्टाग्राम अकाउंट से 24 नवंबर 2024 को किया एक पोस्ट मिला, जिसमें इस प्रदर्शन से जुड़ी तस्वीरें और जानकारी मौजूद थी.

पोस्ट के कैप्शन में बताया गया था कि 24 नवंबर, 2024 को महिलाओं के विरुद्ध हिंसा उन्नमूलन दिवस पर नारीवादी एक्टिविस्ट लियो, मरियम नमाजी और पिनार सेलेक के साथ करीब 100 महिला प्रदर्शनकारियों ने महिलाओं के खिलाफ होने वाली हिंसा के विरुद्ध प्रदर्शन किया. विभिन्न देशों से पेरिस आईं इन प्रदर्शनकारियों ने धर्मतंत्रों, युद्धों और तानाशाही द्वारा उत्पीड़ित महिलाओं के हक़ में बयान दिया. महिलाओं ने यह प्रदर्शन लूवर म्यूजियम के पास किया, जो अभिजात्य सांस्कृतिक शक्ति का एक स्मारक है

कैप्शन में आगे बताया गया था कि प्रदर्शनकारी महिलाओं ने दुनिया भर की पीड़ित महिलाओं के साथ एकजुटता दिखाई, चाहे वे अफगानिस्तान, ईरान, इराक, यूक्रेन, फिलिस्तीन, इज़राइल और किसी भी देश की हों. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने महिलाओं के प्रतिरोध वाले गाने गाते हुए अपने चेहरे पर लगे पर्दे या घूंघट को फाड़ दिया. महिलाओं ने अपने शरीर पर नारे लिखकर महिलाओं के प्रतिरोध का संदेश दिया और साफ किया कि पर्दा हटाना केवल एक प्रतीकात्मक संकेत नहीं बल्कि दुनिया के लिए एक घोषणा है कि हम चुप नहीं रहेंगे, हमें मिटाया नहीं जा सकता है और हम अपनी स्वतंत्रता और अपनी बहनों के लिए लड़ना कभी बंद नहीं करेंगे.

अभी तक की जांच से यह तो साफ़ हो गया था कि महिलाओं ने सिर्फ हिजाब या पर्दे के खिलाफ यह प्रदर्शन नहीं किया बल्कि महिलाओं के खिलाफ दुनियाभर में होने वाले अपराध के विरुद्ध यह प्रदर्शन किया गया था.

इसके बाद हमने अपनी जांच में इस प्रदर्शन में शामिल रही नारीवादी कार्यकर्ता मरियम नमाजी से संपर्क किया. उन्होंने साफ़ किया कि “इस प्रदर्शन में सिर्फ कुर्दिश महिलाएं नहीं, बल्कि अलग-अलग देशों से आईं महिलाएं शामिल थीं और हमारा मकसद महिलाओं के खिलाफ होने वाले किसी भी हिंसा का विरोध करना था.”

Conclusion

हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह साफ़ है कि यह प्रदर्शन नारीवादी संस्था फीमेन फ्रांस (Femen France) द्वारा आयोजित किया गया था. इसमें प्रदर्शनकारी महिलाओं ने न सिर्फ जबरदस्ती हिजाब या बुर्का थोपे जाने के खिलाफ बल्कि महिलाओं के विरुद्ध होने वाली किसी भी तरह की हिंसा के खिलाफ प्रदर्शन किया था.

Result: Partly False

Our Sources
Video report by brutofficiel on 24th Nov 2024
Instagram post by femen france
Telephonic Conversation with Feminist Activist Maryem Namazi

किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in

फैक्ट-चेक और लेटेस्ट अपडेट्स के लिए हमारा WhatsApp चैनल फॉलो करें: https://whatsapp.com/channel/0029Va23tYwLtOj7zEWzmC1Z

image
यदि आप किसी दावे का सच जानना चाहते हैं, किसी तरह की प्रतिक्रिया देना चाहते हैं या हमारे किसी फैक्ट चेक को लेकर शिकायत दर्ज करना चाहते हैं, तो हमें +91-9999499044 पर व्हाट्सएप या checkthis@newschecker.in​. पर ईमेल करें. आप हमारे Contact Us पेज पर जाकर वहाँ मौजूद फॉर्म भी भर सकते हैं.
Newchecker footer logo
Newchecker footer logo
Newchecker footer logo
Newchecker footer logo
About Us

Newchecker.in is an independent fact-checking initiative of NC Media Networks Pvt. Ltd. We welcome our readers to send us claims to fact check. If you believe a story or statement deserves a fact check, or an error has been made with a published fact check

Contact Us: checkthis@newschecker.in

17,862

Fact checks done

FOLLOW US
imageimageimageimageimageimageimage