सोशल मीडिया (Social Media) पर किसानों के मौजूदा प्रदर्शन (Farmers’ Protest) से संबंधित फेक खबरों (Fake News) की एक बड़ी खेप आपको आसानी से देखने को मिल जाएगी. इनमें से कुछ फेक खबरें या भ्रामक दावे किसानों के प्रदर्शन के विरोध में शेयर किये गए हैं तो वहीं कुछ फ़ेक खबरें या भ्रामक दावे किसानों के प्रदर्शन के समर्थन में भी शेयर किये गए हैं.
ऐसा ही एक सनसनीखेज दावा वायरल हो रहा है. वायरल दावे में एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि किसानों के प्रदर्शन को बलपूर्वक कुचलने के लिए केंद्र सरकार ने भारतीय सेना का सहारा लिया है. वायरल दावे के साथ जो वीडियो शेयर किया जा रहा है उसमे आर्मी के ट्रक दिल्ली की तरफ जाते हुए देखे जा सकते हैं.
वायरल वीडियो को रिकॉर्ड करने वाला शख्स भी कुछ इसी तरह का दावा कर रहा है. अपने दावे के समर्थन में उक्त व्यक्ति सड़क पर निकटतम शहरों की दूरी बताने वाले बोर्ड्स के हवाले से यह जानकारी देता है कि किसान आंदोलन को कुचलने के लिए मोदी सरकार ने बड़ी साजिश रची है. वायरल वीडियो में दिख रहा शख्स यह जानकारी भी देता है कि यह वीडियो गाजियाबाद टोल प्लाजा के बाद किसी स्थान पर रिकॉर्ड किया गया है. गौरतलब है कि इस दावे को शेयर करने वाले अधिकतर यूजर्स ने अपने ट्वीट या फेसबुक पोस्ट्स को डिलीट कर दिया है.

Fact Check/Verification
वायरल वीडियो की पड़ताल के लिए हमने सबसे इसे की-फ्रेम्स में बांटकर एक की-फ्रेम की सहायता से गूगल सर्च किया लेकिन इस पूरी प्रक्रिया में हमें कोई जानकारी नहीं मिल पाई.

इसके बाद हमने भारतीय सेना का आधिकारिक ट्विटर हैंडल भी खंगाला पर वहां भी हमें वायरल दावे से संबंधित कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई.

इसके बाद हमने वायरल दावे से संबंधित मीडिया कवरेज के लिए गूगल सर्च भी किया लेकिन इस प्रक्रिया में भी हमें किसानों के प्रदर्शन को रोकने के लिए सेना को तैनात करने से संबंधित कोई खबर नहीं मिली.

इसके बाद हमने वायरल वीडियो में दिख रहे नवाब सतपाल तंवर से भी संपर्क करने का प्रयास किया लेकिन हमें कोई जवाब नहीं मिला. हमने सतपाल तंवर का ट्विटर, फेसबुक तथा यूट्यूब भी खंगाला लेकिन वहां हमें वायरल वीडियो नहीं मिल सका.
इसके बाद हमें सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय के अंतर्गत आने वाले Press Information Bureau के फैक्ट चेकिंग विभाग PIB Fact Check के द्वारा इस मामले पर किया गया एक ट्वीट मिला। जिसमें उक्त दावे को गलत बताया गया है तथा सेना के ट्रक्स की आवाजाही को महज नियमित आवाजाही बताते हुए इसके किसानों के मौजूदा प्रदर्शन से किसी भी प्रकार के संबंध को नकारा गया है.
इसके बाद हमने गृह मंत्रालय के एक अधिकारी से भी बात की जहां हमें यह जानकारी दी गई कि सरकार ने किसानों के प्रदर्शन को रोकने के लिए सेना को नहीं बुलाया है और यह जानकारी पूरी तरह से गलत है.
Result: Misleading
Our Sources
MHA
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