Wednesday, April 16, 2025
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कश्मीर की छह साल पुरानी तस्वीरें, नूपुर शर्मा मामले में यूपी पुलिस की कार्रवाई से जोड़कर हुईं वायरल

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बीजेपी की पूर्व प्रवक्ता नूपुर शर्मा के विवादित बयान को लेकर बीते शुक्रवार को उत्तर प्रदेश के कई इलाकों से हिंसा की खबरें आई थीं। इसी के मद्देनजर सोशल मीडिया एक घायल व्यक्ति की कुछ तस्वीरें वायरल हो रही हैं. तस्वीरों में एक व्यक्ति के शरीर पर गहरे चोट के निशान दिख रहे हैं. तस्वीरों के साथ अप्रत्यक्ष रूप से दावा किया जा रहा है कि यूपी में हिंसा के दौरान ये व्यक्ति पत्थर फेंक रहा था, जिसके बाद पुलिस ने इसकी यह हालत कर दी. यह तस्वीरें फेसबुक और ट्विटर पर खूब शेयर की जा रही हैं.

यूपी पुलिस की कार्रवाई
Courtesy: Facebook/iPriyankaDubey
यूपी पुलिस की कार्रवाई
Courtesy: Twitter@REALAJAY4065

नूपुर शर्मा द्वारा पैगंबर मोहम्मद पर की गई आपत्तिजनक टिप्पणी के बाद देश के कई हिस्सों में 10 जून 2022 को मुस्लिम समुदाय ने विरोध प्रदर्शन किया था. इस दौरान यूपी, झारखंड, और पश्चिम बंगाल में भारी हिंसा देखने को मिली. यूपी में कई जगहों पर प्रदर्शनकारियों को पत्थर फेंकते देखा गया. मामले में यूपी पुलिस ने कड़ी कार्रवाई की. खबरों में ऐसे कुछ वीडियो आए, जिनमें पुलिस कथित प्रदर्शनकारियों को बुरी तरह पीटते दिखाई दी. इसके बाद बवाल और भी बढ़ गया जब यूपी प्रशासन ने कई आरोपियों के घरों पर बुलडोजर चला दिया. इन्हीं सब से जोड़ते हुए सोशल मीडिया पर यह पोस्ट वायरल हो रही है.

Fact Check/Verification

गूगल रिवर्स सर्च करने पर हमें यह तस्वीरें 24 अगस्त 2016 के एक फेसबुक पोस्ट में मिलीं. इस पोस्ट में तस्वीरों को कश्मीर के कुपवाड़ा का बताया गया था. उस समय कई और भी फेसबुक यूजर्स ने इन तस्वीरों को कुपवाड़ा का बताकर शेयर किया था.

यूपी पुलिस की कार्रवाई
Courtesy: Facebook/KhasParty1

तस्वीरों को ध्यान से देखने पर इनमें “Rising Kashmir” का वॉटरमार्क दिख रहा है. “Rising Kashmir”, कश्मीर की एक प्रमुख मीडिया संस्था है. तस्वीरों के बारे में जानने के लिए हमने राइजिंग कश्मीर के एडिटर-इन-चीफ हाफिज अयाज गानी से संपर्क किया. अयाज ने हमें इस बात की पुष्टि कर दी कि यह तस्वीरें कश्मीर के कुपवाड़ा की ही हैं.

अयाज के अनुसार, “यह तस्वीरें राइजिंग कश्मीर के फोटोग्राफर ने 23 अगस्त 2016 को कश्मीर के कुपवाड़ा में तनाव के दौरान खींची थीं. इन तस्वीरों का हमने अपनी खबरों में इस्तेमाल नहीं किया था. लेकिन शायद तस्वीरों को किसी ने लीक कर दिया था.”

Conclusion

इस तरह हमारी पड़ताल में ये बात साबित हो जाती है कि इन तस्वीरों का नूपुर शर्मा के बयान को लेकर हुई हिंसा से कोई लेना-देना नहीं है. तस्वीरें लगभग छह साल पुरानी हैं और कश्मीर की हैं.

इसे भी पढ़ें…क्या जम्मू में नूपुर शर्मा के समर्थन में उमड़ा जनसैलाब? पुराना वीडियो भ्रामक दावे के साथ हुआ वायरल

Result: False Context/False

Our Sources

Facebook Posts of August 2016
Quote of Rising Kashmir’s Editor-in-Chief Hafiz Ayaz Gani On Jun 15, 2022

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