Monday, April 7, 2025

Coronavirus

क्या हल्द्वानी के मौलाना की कोरोना जांच करने गयी डॉक्टरों की टीम पर मुस्लिम समुदाय के लोगों ने किया हमला? फर्जी है यह दावा  

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उत्तराखंड के हल्द्वानी का ज़मीन अतिक्रमण विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। रेलवे भूमि अतिक्रमण मामले में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले के बाद से ही सोशल मीडिया दो धड़ो में बंटा हुआ है, जिसके कारण हल्द्वानी को लेकर सोशल मीडिया पर लगातार तरह-तरह के दावे शेयर किये जा रहे है. 

इसी कड़ी में, रेल की पटरी पर इकट्ठा हुए कुछ लोगों की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. दावा किया जा रहा है कि यह तस्वीर उत्तराखंड के हल्द्वानी की है. तस्वीर के ज़रिये कहा जा रहा है कि एक मस्जिद के मौलाना की कोरोना जांच करने आयी डॉक्टरों की टीम पर कुछ स्थानीय मुस्लिम युवकों ने हमला कर दिया। जब प्रशासन ने इलाक़े को सील किया तो विरोध में हज़ारो लोगों का हुज़ूम उमड़ पड़ा।

 

सोशल मीडिया पर यह पोस्ट  #Free Haldwani और #अतिक्रमण मुक्त हल्द्वानी जैसे हैशटैग के साथ वायरल हो रहा है.

 पोस्ट के आर्काइव को यहाँ और यहाँ देखा जा सकता है. 

Fact Check/ Verification 

वायरल तस्वीर को रिवर्स इमेज सर्च करने पर पता चला कि इस तस्वीर को अमेरिकी मीडिया संस्था एबीसी समाचार ने अपने एक लेख में प्रकाशित किया था। लेख का शीर्षक अंग्रेजी में है, जिसका हिन्दी अनुवाद है “सबसे अमीर 62 लोग दुनिया की सबसे गरीब आधी आबादी के बराबर संपत्ति को नियंत्रित करते हैं” इस रिपोर्ट को मेघन केनेली नामक पत्रकार ने 18 जनवरी, 2016 को एबीसी समाचार के लिए लिखा था. इस रिपोर्ट में छपी तस्वीर के साथ दिए विवरण में लिखा है, “कोलकाता की मलिन बस्तियां और बेघर लोग.” इस तस्वीर को समीर हुसैन नामक एक फोटोग्राफर ने गेटी इमेज के लिए साल 2013 में क्लिक किया था. 

इसी तस्वीर को पहले भी हल्द्वानी का बताकर अलग दावे के साथ शेयर किया गया था, जिसका फैक्ट चेक यहाँ पढ़ा जा सकता है। ज्यादा जानकारी के लिए हमने हल्द्वानी के पुलिस सीओ भूपेन सिंह से बात की. हल्द्वानी सीओ ने न्यूज़चेकर से बात करते हुए कहा, “सोशल मीडिया पर हल्‍द्वानी के बनभूलपुरा इलाके के सन्दर्भ में किया जा रहा दावा पूरी तरह से ग़लत है, हल्द्वानी में ऐसी कोई घटना नहीं हुई हैं.”

Conclusion

हमारी पड़ताल में हमने पाया कि हल्‍द्वानी के बनभूलपुरा इलाक़े में डॉक्टरों की टीम पर कोई हमला नहीं हुआ है। जिस तस्वीर को इस घटना का बताकर वायरल किया जा रहा है, वह तस्वीर 10 साल पुरानी है और पश्चिम बंगाल के कोलकाता में रेलवे लाइन के किनारे बसी एक झुग्गी की है.

Result – False 

Our Sources
News Report by ABC News
Getty Images website
Conversation with Haldwani CO

(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044  या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

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