Claim
बीमार बच्ची के वीडियो को लाइक करने पर उसे 1 रुपए और फॉलो करने पर 2 रुपए मिलेंगे.
Fact
नहीं, वायरल दावा फ़र्ज़ी है. ऐसे पोस्ट लाइक या शेयर होने पर फ़ेसबुक की तरफ़ से बीमार व्यक्ति को पैसे नहीं मिलते हैं.
सोशल मीडिया पर भावुक कर देने वाला एक वीडियो वायरल है, जिसमें किसी बीमारी से पीड़ित एक बच्ची मौजूद है. वीडियो में मौजूद दृश्यों के अनुसार, बच्ची के पैर और हाथ सामान्य बच्चे से अलग दिखाई दे रहे हैं.
वीडियो में एक बैकग्राउंड वॉइस भी मौजूद है, जिसमें कहा जा रहा है कि इस वीडियो को लाइक करने पर 1 रुपए और फॉलो करने पर 2 रुपए बीमार बच्ची को मिलेंगे.

Fact Check/Verification
Newschecker ने वीडियो के साथ किए जा रहे दावे की पड़ताल के लिए सबसे पहले संबंधित कीवर्ड की मदद से गूगल सर्च किया. हमें सीबीएस न्यूज की वेबसाइट पर 27 सितंबर 2017 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली.

प्राप्त रिपोर्ट में इस तरह के वीडियो का ज़िक्र किया गया था, जिसमें लोगों से यह कहकर लाइक और शेयर करने की अपील की गई थी कि ऐसा करने पर फ़ेसबुक की तरफ़ से बीमार बच्चे को पैसे मिलेंगे. लेकिन बाद में ऐसे पोस्टों को फ़ेसबुक ने नियमों का उल्लंघन करने के कारण हटा दिया था.

रिपोर्ट में ऐसे ही एक उदाहरण का ज़िक्र किया गया था, जिसमें चेचक से पीड़ित एक बच्चे की तस्वीर इस दावे से शेयर की जा रही थी कि ऐसा करने पर फेसबुक इलाज के लिए पैसे देगा. कुछ ही दिनों में फ़ेसबुक पर इस बच्चे की तस्वीर वायरल हो गई. हालांकि, बाद में फेसबुक ने उस पोस्ट को हटा दिया. फेसबुक ने उक्त पोस्ट के संबंध में सीबीएस न्यूज़ को बयान भी दिया था, जिसमें उन्होंने देरी से पोस्ट हटाने को लेकर माफ़ी मांगी थी.
इसके अलावा, रिपोर्ट में ‘बेटर बिजनेस ब्यूरो’ नाम की एक संस्था के हवाले से यह भी बताया गया है कि इस तरह के पोस्ट शेयर करने वाले पेज ज्यादा लाइक और शेयर करने के बाद पेज बेचकर पैसे कमाते हैं.
जांच में हमें इसी दावे को लेकर 2019 में फैक्टली के द्वारा की गई फैक्ट चेक रिपोर्ट भी मिली. उनकी रिपोर्ट में इस संबंध में फ़ेसबुक हेल्प टीम द्वारा दिया गया एक बयान भी मौजूद है. फ़ेसबुक हेल्प टीम ने ऐसे दावे को धोखाखड़ी बताया था.

पड़ताल के दौरान हमने फ़ेसबुक की वेबसाइट को भी खंगाला. हमें वह पेज भी मिला, जिसमें फ़ेसबुक पोस्ट से पैसे कमाने के अलग-अलग तरीकों का उल्लेख किया गया है. लेकिन हमें वायरल दावे से सम्बंधित कोई जानकारी फेसबुक की वेबसाइट पर नहीं मिली.
हमने जांच में पाया कि फ़ेसबुक पर Fundraiser नाम का एक ऑप्शन मौजूद है, जिसके जरिए जरुरतमंदों की मदद के लिए पैसे इकट्ठे किए जा सकते हैं.

जांच में हमने वायरल वीडियो में दिख रही बच्ची के बारे में भी पता करने की कोशिश की, लेकिन हमें कोई पुख्ता जानकारी नहीं मिल सकी.
Conclusion
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से साफ़ है कि वायरल दावा फ़र्ज़ी है. बीमार व्यक्ति की फ़ोटो या वीडियो लाइक या शेयर होने पर उसे फेसबुक की तरफ़ से पैसे नहीं मिलते हैं.
Result: False
Our Sources
Article Published on CBS News
Article Published on Factly
Article about monetization policy of Facebook
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