Claim-For those who giving gyan to India On Pollution must note that India is the Lowest Per Capita emission Nation in the World.
हिंदी अनुवाद- जो भारत को जनसंख्या के ऊपर ज्ञान देते हैं, वह ये पढ़ लें कि विश्व में भारत ने कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन सबसे कम किया है ।
For those who giving gyan to India On Pollution must note that India is the Lowest Per Capita emission Nation in the World. pic.twitter.com/kV56p9IrDC
— Rishi Bagree ऋषि (@rishibagree) September 25, 2019
Verification–
बढ़ते प्रदूषण को लेकर इन दिनों पूरी दुनिया चिंतित है। इससे उत्पन्न होने वाली समस्याओं का समाधान कैसे किया जाए इस पर आज पूरा विश्व विचार कर रहा है। शायद यही वजह है कि भारत जैसे विशाल देश ने पॉलीथिन पर प्रतिबन्ध लगाने का फैसला लिया है। इसके साथ ही लोगों को प्रदूषण से होने वाली समस्याओं की सटीक जानकारी देने के लिए सोशल मीडिया पर कई संदेश शेयर किये जा रहे हैं।
ऐसा ही एक सन्देश newschecker.in टीम को ट्विटर पर प्राप्त हुआ। खबर में एक तस्वीर के माध्यम से दावा किया गया था कि इस वर्ष भारत ने कार्बन डाईऑक्साइड का उत्सर्जन विश्व के अन्य देशों की तुलना में सबसे कम किया है।
वायरल दावे का सच जानने के लिए हमने गूगल पर खोजा। इस दौरान current affairs.in नामक वेबसाइट में 19 मार्च 2019 को प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ।
लेख में IEA (इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी ) की रिपोर्ट का हवाला देते हुए यह बताया गया है कि 2018 के मुकाबले भारत ने इस वर्ष कार्बन डाइऑक्साइड का उत्पादन 4.8% अधिक किया है साथ ही भारत का कार्बन डाइऑक्साइड उत्पादन दर इस वर्ष चीन और यू एस के मुकाबले अधिक है।
लेख के अनुसार, भारत में कोयले के उपभोग दर में उछाल आने के कारण कार्बनडाइ ऑक्साइड का उत्पादन अधिक हुआ है साथ ही भारत, चीन और यू एस के ऊर्जा खपत में भी इस बार 70% का इज़ाफा हुआ।
गूगल सर्च करने पर हमें THE HINDU की वेबसाइट में मार्च 2019 को प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ। लेख के शीर्षक में छपा था कि ‘भारत के कार्बन डाईऑक्साइड उत्पादन दर में 5% का इज़ाफा।’
वायरल पोस्ट की बारीकी से जाँच के लिए हमने इंटरनेशनल एनर्जी एजेंसी की वेबसाइट को खंगाला, जहां भारत में कार्बन डाईऑक्साइड के उत्पादन में इज़ाफा होने की बात की पुष्टि की गयी है।
हमारी पड़ताल से साफ़ हो गया कि भारत द्वारा कम मात्रा में कार्बन उत्सर्जन का किया जा रहा दावा भ्रामक है।
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