Claim
MP में कमलनाथ सरकार गिराने की साजिश, BJP के पूर्व मंत्री ने इन लड़कियों को दिया था 7 MLA को सेक्स कांड में फंसाने का जिम्मा।
MP में कमलनाथ सरकार गिराने की साजिश, BJP के पूर्व मंत्री ने इन लड़कियों को दिया था 7 MLA सेक्स कांड में फंसाने का जिम्मा https://t.co/VZGof4AjKf
— Ritu (@Ritu25826785) September 24, 2019
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21 सितंबर को मध्य प्रदेश में हुई हनीट्रैप की एक घटना के सार्वजानिक होने के साथ ही सोशल मीडिया पर कई भ्रामक दावे वायरल हो रहे हैं। ऐसा ही एक दावा newschecker टीम को ट्विटर पर प्राप्त हुआ। ट्वीट में कुछ महिलाओं की तस्वीर शेयर करते हुए दावा किया गया है कि बीजेपी के एक पूर्व मंत्री ने मध्यप्रदेश की वर्तमान कमलनाथ सरकार गिराने की साजिश के लिए 7 विधायकों को सेक्स रैकेट में फ़साने की कोशिश की थी।
हमने दावे का सच जानने के लिए गूगल खंगाला आरम्भ किया। इस दौरान हमें वायरल होती खबर किसी भी प्रमाणिक वेबसाइट पर प्राप्त नहीं हुई।
हमने मामले की तह तक जाने के लिए गूगल पर अपनी खोज जारी रखी। खोज के दौरान दैनिक भास्कर की वेबसाइट में प्रकाशित एक लेख में वायरल तस्वीर प्राप्त हुई।
लेख के मुताबिक वायरल तस्वीर में दिख रही महिलाओं ने मध्य प्रदेश के कई अफ़सर-नेताओं को अपने झासें में फसा कर लाखों-करोड़ों रुपये हड़प लिए हैं।
लेख के अनुसार इन महिलाओं ने करीब 20 लोगों को अपने जाल में फंसाकर आपत्तिजनक वीडियो बनाए और इन्हें वायरल करने की धमकी देकर उनसे करीब 15 करोड़ रुपए की वसूली की है। किसी से 50 लाख तो किसी से तीन करोड़ रुपए तक की वसूली की गई। इनसे जब्त मोबाइल और 8 सिम की जांच में करीब 90 वीडियो भी मिले हैं। इनमें से 30 वीडियो आईएएस, आईपीएस अफसरों और नेताओं के हैं।
हमने वायरल खबर को गूगल पर और बारीकी से खोजा जहां खबर की पुष्टि करता हुआ आजतक की वेबसाइट पर प्रकाशित लेख प्राप्त हुआ।
लेख में तस्वीर में दिख रही महिला के साथ और 7 से 8 लड़कियों के शामिल होने की बात कही गई है। मध्य प्रदेश के इस सेक्स रैकेट की मुख्य आरोपी श्वेता जैन और आरती को बताया गया है।
गूगल पर खोज के दौरान हमें खबर से सम्बंधित दैनिक भास्कर का एक और लेख प्राप्त हुआ जहां आरोपी श्वेता जैन और आरती के साथ शामिल एक छात्रा की जानकारी दी गयी है। लेख के मुताबिक नौकरी की तलाश में सवास्या गांव की एक छात्रा किस तरह इस संगीन अपराध में शामिल हुई इस बात का जिक्र है।
हमारी पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ।
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