शुक्रवार, मार्च 29, 2024
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क्या तिरुपति बालाजी मंदिर की सम्पत्तियों की नीलामी कर रही है तमिलनाडु सरकार? जानिए क्या है वायरल दावे का सच

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Claim-

आर्थिक मंदी के बहाने तमिलनाडु सरकार तिरुपति बालाजी समेत 13 मंदिरों की जमीन को करेगी नीलाम, लिस्ट हुई जारी, ये सब देखकर ऐसा लग रहा है जैसे हम फिर से मुग़लों के गुलाम हो चुके हैं। ये हिंदुओं के अंत की शुरुआत है। अगर अब भी हिन्दू नहीं जागा तो कभी नहीं जाग सकता गुलाम बनने के लिए तैयार रहो.! 

https://twitter.com/RealPushpendra/status/1264963407477747712?s=20

जानिए वायरल दावा- 

सोशल मीडिया पर पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ नामक यूज़र द्वारा दावा किया गया है कि प्रदेश में आयी आर्थिक मंदी के कारण तमिलनाडु सरकार ने तिरुपति बाला जी समेत 13 मंदिरों की संपत्तियों को नीलाम करने का फैसला लिया है

Verification

ट्विटर पर पुष्पेंद्र कुलश्रेष्ठ नामक यूज़र द्वारा किये जा रहे ‘तमिलनाडु सरकार द्वारा मंदिरों की संपत्ति नीलाम करने‘ वाले दावे की सत्यता जानने के लिए हमने अपनी पड़ताल आरम्भ की। सत्यता की पुष्टि के लिए वायरल दावे को Google पर कुछ कीवर्ड्स के माध्यम से खोजना शुरू किया। 

खोज के दौरान हमें सबसे पहले अमर उजाला की वेबसाइट पर उक्त मामले पर प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ। लेख में जानकारी दी जा रही है कि मंदिर प्रशासन ने दान में मिली 23 संपत्तियों को नीलाम करने का फैसला लिया है। लेख में आगे यह भी बताया गया है कि मंदिर का प्रबंध करने वाले ‘तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड’ ने इन संपत्तियों की नीलामी करने के लिए दो समितियां बनाई हैं।      

खोज के दौरान हमें हिंदुस्तान टाइम्स की वेबसाइट पर भी प्रकाशित एक लेख प्राप्त हुआ। लेख के मुताबिक तिरुपति मंदिर की 23 संपत्तियों की नीलामी का प्रस्ताव मंदिर की देख-रेख कर रहे है बोर्ड ‘तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम’ ने रखा था। लेख में आगे यह भी जानकारी दी गयी है कि बोर्ड के अध्यक्ष YV Subba Reddy ने मीडिया को बताया कि संपत्ति की नीलामी का केवल अभी प्रस्ताव रखा गया है जिसपर अभी कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है।    

इसके बाद हमने Google पर YV Subba Reddy के बारे में खोजना शुरू किया। जहां हमें deccan Herald की वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख से पता चला कि Subba Reddy आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री YS Jagan Mohan Reddy के रिश्तेदार हैं। उन्हें आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री ने ही TTD के अध्यक्ष पद पर नियुक्त किया है। 

उपरोक्त प्राप्त तथ्य से पता चला कि तिरुपति मंदिर का TTD बोर्ड आंध्र प्रदेश सरकार के अंतर्गत आता है जिसका तमिलनाडु सरकार से कोई संबंध नहीं। प्राप्त तथ्य की पुष्टि करता हुआ हमें Times Now की वेबसाइट पर प्रकाशित एक और लेख प्राप्त हुआ। लेख में बताया गया है कि आंध्र प्रदेश की सरकार ने मंदिर के बोर्ड को विचार-विमर्श करने के बाद फैसला लेने को कहा है।   

खोज के दौरान  हमें Google पर TTD बोर्ड की वेबसाइट भी प्राप्त हुई जहां बोर्ड का पता आंध्र प्रदेश का ही दिया गया है।  

साथ ही हमें ट्विटर पर TTD बोर्ड के अध्यक्ष YV Subba Reddy द्वारा किये गए कुछ ट्वीट्स भी प्राप्त हुए जहां उन्होंने यह बताया है कि TTD बोर्ड 1974 से उन संपत्तियों को बेचता आया है जिन्हें संभालना मुश्किल है। ट्वीट में उन्होंने यह भी बताया कि मंदिर की संपत्तियों की नीलामी का फैसला आंध्र सरकार का नहीं है बल्कि TTD बोर्ड का स्वयं है तथा संपत्तियों को बेचने का प्रावधान पूर्व में ही TTD बोर्ड ने बनाया था। जिन संपत्तियों का विकास संभव नहीं है उनकी नीलामी बोर्ड पूर्व में बने प्रावधान के मुताबिक खुद करवा सकता है।   

पड़ताल के दौरान कई टूल्स और कीवर्ड्स का उपयोग करते हुए हमने वायरल हो रहे दावे का बारीकी से अध्ययन किया जहां हमने पाया कि तिरुपति मंदिर की संपत्तियों की नीलामी का फैसला तमिलनाडु सरकार का नहीं बल्कि आंध्र प्रदेश के अंतर्गत आने वाले तिरुमाला तिरुपति देवस्थानम बोर्ड का है। साथ ही यह पहला वाक़या नहीं है जब मंदिर की संपत्ति की नीलामी हो रही है। इससे पूर्व में भी मंदिर के बोर्ड ने कई बार मंदिर की संपत्तियों की नीलामी करवाई है। 

Tools Used 

Twitter Advanced Search 

Google Search 

Result: Misleading

(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044  या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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