Claim
साल 1989 के आम चुनाव में राजीव गाँधी चोर है का स्लोगन विपक्षी दलों द्वारा दिया गया था। ऐसा वक्तव्य इस समय सोशल मीडिया में तेजी से वायरल हो रहा है।
Verification
ट्विटर पर बीजेपी आईटी सेल के अमित मालवीय ने एक वीडियो अटैच करते हुए राजीव गाँधी के बारे में ट्वीट किया है। उन्होंने बताया है कि साल 1989 के आम चुनाव में विपक्षियों द्वारा राजीव गाँधी चोर हैं का नारा दिया गया था। इसकी जब हमने पड़ताल शुरू की तो कई तथ्य सामने आना शुरू हो गए।
InKhabar नाम की वेबसाइट राजीव गाँधी चोर हैं के नारे पर कहती है कि साल 1988 में ऐसा नारा देश की विपक्षी पार्टियों द्वारा दिया गया था। कांग्रेस के तत्कालीन प्रधानमंत्री राजीव गांधी को बोफोर्स घोटाले के बाद चोर कहा गया था। उस समय देशभर में विपक्षी पार्टियों ने एकजुट होकर चुनाव में नारा लगाया था: ‘गली-गली में शोर है, राजीव गांधी चोर है’। खबर में इस बात का भी जिक्र किया गया है कि ऑल इंडिया रेडियो के पटना केंद्र से 1988 में प्रसारित बच्चों के कार्यक्रम के दौरान एक बच्ची ने चुटकुला सुनाने के नाम पर यही नारा सुनाया- गली गली में शोर है, राजीव गांधी चोर हैं।
पड़ताल के अगले पड़ाव पर हमें
जनसत्ता की एक खबर मिली जिसने इस बात की पुष्टि की है कि साल 1989 के आम चुनावों में राजीव गांधी को विपक्षियों ने चोर कहा था और इसका नारा भी लगाया था।
बारीकी से खोजने के दौरान हमें
टेलीग्राफ का एक लेख प्राप्त हुआ जिसमें साफ़ तौर पर इस बात का जिक्र किया गया है कि चुनाव के दौरान राजीव गांधी चोर हैं के नारे विपक्षियों द्वारा लगाए गए थे।
Result: True