Claim -आजादी की लड़ाई में ऐसा नसीब दुर्लभ है,
काला पानी की सजा काटते गांधी।।
कौन कहता है आज़ादी चरखा घुमाने से मिली थी? यह दावा गौरव प्रधान नाम के एक ट्वीटर यूजर ने महात्मा गांधी पर तंज कसते हुए किया है। इस ट्वीट को सैकड़ों बार रिट्वीट भी किया गया है।
Verification– राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और ब्रिटिश भारत के अंतिम वायसराय लार्ड माउंटबेटन की चाय पीते हुए एक तस्वीर को सोशल मीडिया में वायरल किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि चरखा से देश को आजादी नहीं मिली है।
खबर की प्रारम्भिक खोज के दौरान आये नतीजों को स्क्रीनशॉट में देखा जा सकता है।
वायरल हो रही तस्वीर की असलियत जानने के लिए खोज शुरू की। पड़ताल के दौरान हमें
historyextra.com की एक रिपोर्ट दिखाई पड़ी। इस रिपोर्ट में महात्मा गांधी की कुछ दुर्लभ तस्वीरों को साझा किया गया है। गाँधी और माउंटबेटन का यह चित्र 1 अप्रैल साल 1947 का बताया गया है। लेख के मुताबिक़ आजादी के बाद लार्ड माउंटबेटन और महात्मा गांधी के बीच जिन्ना द्वारा अलग पाकिस्तान बनाये जाने को लेकर चर्चा हो रही थी। हालांकि गांधी भारत के विभाजन के पक्ष में कतई नहीं थे।
बारीकी से पड़ताल के दौरान हमें
News18 का एक लेख प्राप्त हुआ। इस लेख में महात्मा गाँधी और लार्ड माउंटबेटन को लंच पर चर्चा करते हुए दिखाया गया है।
पड़ताल के दौरान हमें
इंडिया टुडे का एक लेख प्राप्त हुआ। इस लेख ने भी महात्मा गाँधी और लार्ड माउंटबेटन को चाय पर चर्चा करते हुए दिखाया है। लेख के मुताबिक़ गाँधी और वायसराय के बीच भारत की आजादी और बंटवारे पर चर्चा की गई थी।
यह फोटो उस समय का है जब ब्रिटिश हुकूमत से भारत की आजादी का ऐलान लगभग तय हो चुका था। कई लेखों को पढ़ने के बाद यह साफ हो गया कि गौरव प्रधान द्वारा सोशल मीडिया पर गाँधी को लेकर गलत दावा किया जा रहा है।
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