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लाख कोशिशों के बाद भी मैली ही रह गई गंगा

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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

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ट्विटर पर कर्नाटक बीजेपी के युवा नेता और लोकसभा प्रत्याशी तेजस्वी सूर्या ने एक ट्वीट किया है। इस ट्वीट में उन्होंने कहा है कि जब मोदी गंगा को साफ़ कर सकते हैं तो बंगलुरु के लोग साथ मिलकर यहाँ के लेक्स की सुरक्षा और उनकी सफाई क्यों नही कर सकते?

Investigation

देश में गंगा साफ़ है या मैली इस बात पर बहुत सी बहसें होती रही हैं। गंगोत्री से निकलकर पूरे देश में भ्रमण करते हुए समुद्र में मिलने वाली इस नदी को जगह-जगह कल कारखानों के कचरों और नालों ने काफी प्रदूषित कर दिया है।

एक ट्वीट ने इसके साफ़ या मैले होने को लेकर फिर से बहस छेड़ दी है। दरअसल कर्नाटक बीजेपी के युवा नेता तेजस्वी सूर्या ने एक ट्वीट कर कहा है कि मोदी ने गंगा साफ़ कर दिया। इसी ट्वीट को रिट्वीट करते हुए एक यूजर ने Newschecker से इसकी हकीकत जाननी चाही है।

सबसे पहले हमने गंगा सफाई अभियान से जुड़े मुद्दों को खंगालना शुरू किया। गूगल खंगालने के दौरान मोदी राज में गंगा कितनी साफ़ हुई इसपर आजतक की एक रिपोर्ट हमें मिली जिसे आप नीचे दिए गए लिंक में पढ़ सकते हैं।

https://bit.ly/2u202wp

केंद्र में मोदी सरकार के बनते ही गंगा सफाई अभियान की बागडोर तेज़ तर्रार राजनेत्री उमा भारती ने संभाली। उनके मंत्री रहते नमामि गंगे जैसे प्रोजेक्ट्स के तहत करोड़ों रुपये खर्च किये गए। पड़ताल के दौरान हमें आजतक की ही एक दूसरी रिपोर्ट मिली जिसे यहां पढ़ा जा सकता है:

https://bit.ly/2XzNKID

उमा भारती के बाद गंगा की सफाई के लिए केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी को सरकार ने अधिकृत किया। आंकड़े गवाह हैं कि इस दौरान गंगा तो साफ़ नहीं हो पाई, हाँ चुनिंदा जगहों पर घाटों की सफाई जरूर की गई। अब बारी थी सरकार की उस वेबसाइट को खंगालने की जो देश में गंगा सफाई का कार्य कर रही है। इस खोज के दौरान हमें नमामि गंगा योजना के बारे में जानकारी मिली जिसमें करोड़ों-अरबों रुपये का प्रावधान किया गया था। इस लिंक पर जाकर जानकारी ली जा सकती है।

https://nmcg.nic.in/cleangangafund/index.html

नमामि गंगे के तहत गंगा कितनी साफ हुई इसकी ठोस जानकारी सरकारी वेबसाइट पर भी उपलब्ध नहीं है। इस परियोजना के तहत अब तक केवल एक ही सालाना रिपोर्ट प्रकाशित की गई है जिसे यहां पढ़ा जा सकता है:

https://nmcg.nic.in/pdf/NMCG Annual Report 2016-17 (English).pdf

रिपोर्ट में गंगा के पानी की गुणवत्ता को लेकर दिए गए कुछ अंश:

गंगा की सफाई पर ‘इकनॉमिक टाइम्स’ की एक रिपोर्ट कुछ अलग ही तस्वीर बयां करती है। जिसके मुताबिक गंगा से जुटाए गए सैंपलों की जाँच में यह बात सामने आई है कि गंगा का पानी साफ़ होने के बजाय 3 गुना ज्यादा दूषित हो गया है। इस लिंक पर क्लिक कर खबर को पढ़ा जा सकता है।

https://bit.ly/2VgzFCD

गंगा कितनी साफ़ हुई इसे लेकर द वायर की खबर को यहां क्लिक कर पढ़ा जा सकता है।

https://bit.ly/2ZtF4oY

मोदी की काशी में गंगा कितनी साफ़ हुई इसकी जानकारी इस वीडियो से ली जा सकती है।

तमाम अखबारों से मिली जानकारी और वीडियो देखने के बाद ये साफ है कि गंगा के साफ होने को लेकर किए जा रहे दावे सही नहीं हैं।

Result: Fake

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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

JP Tripathi
JP Tripathi
Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

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