शुक्रवार, अप्रैल 19, 2024
शुक्रवार, अप्रैल 19, 2024

होमFact Checkक्या दिल्ली सरकार मौलानाओं को हर महीने देती है 44 हजार रुपये...

क्या दिल्ली सरकार मौलानाओं को हर महीने देती है 44 हजार रुपये वेतन? साम्प्रदायिक एंगल के साथ वायरल हुआ भ्रामक दावा

Claim:

अरविंद केजरीवाल मौलानाओं को हर महीने 44000 रूपए देना बंद करे। नहीं तो मंदिरों के पुजारियों को भी रूपए दे।

जानिए क्या है वायरल दावा:

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर इन दिनों कई यूजर्स द्वारा दावा किया जा रहा है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के खिलाफ भी एक मुहिम चलाने की आवश्यकता है कि वो मौलानाओं को हर महीने 44 हजार रूपए देना बंद करें या फिर मंदिरों के पुजारियों को भी हर महीने रूपए देना शुरू करें। केजरीवाल के पास PPE Kit खरीदने के पैसे नहीं है लेकिन मौलानाओं को तनख्वाह देने के लिए पैसे हैं। 

Verification: 

दिल्ली के निजामुद्दीन में आयोजित तबलीगी जमात के कार्यक्रम में शामिल हुए लोगों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने का सिलसिला लगातार जारी है। देश के विभिन्न राज्यों से लगातार जामतियों में कोरोना संक्रमण की पुष्टि हो रही है। इसी बीच साम्प्रदायिक एंगल देकर एक दावा वायरल हो रहा है। दावे के मुताबिक दिल्ली में मौलानाओं को सेलरी मिलती है तो पंडितों और पुजारियों को क्यों नहीं।

दावे को खोजने के दौरान पाया कि इसे कई यूजर्स ने विभिन्न सोशल मीडिया माध्यमों पर शेयर किया है।

फेसबुक और ट्विटर पर वायरल हो रहे दावे को खंगालने के लिए सबसे पहले हमने आम आदमी पार्टी (AAP)  की आधिकारिक वेबसाइट को खोजा। खोज के दौरान हमें इस दावे से संबंधित कोई प्रेस रिलीज़ नहीं मिली।

इसके बाद वायरल दावे की खोज करने के लिए हमने Delhi Waqf Board की आधिकारिक वेबसाइट को भी खंगाला। लेकिन वहां भी हमें वायरल दावे से मिलता-जुलता कोई सुराग हाथ नहीं लगा जिससे सोशल मीडिया पर किया जा रहा दावा सही साबित हो।

आम आदमी पार्टी और दिल्ली वक्फ बोर्ड की आधिकारिक वेबसाइट पर वायरल दावे से सम्बंधित प्रेस रिलीज ढूंढने के साथ ही हमने Government of Delhi की आधिकारिक वेबसाइट को भी खोजा। लेकिन वहां पर मौजूद प्रेस रिलीज़ में हमें मौलानाओं की सैलरी से संबंधित कोई जानकारी नहीं मिली।

 

अब हमने गूगल में अलग-अलग कीवर्डस की मदद से वायरल दावे को खोजना शुरू किया। पड़ताल के दौरान हमें इस दावे से संबंधित अमर उजाला, Zee News और नवभारत टाइम्स द्वारा प्रकाशित की गई मीडिया रिपोर्ट्स मिली। लेख को पढ़ने के बाद हमने जाना कि 23 जनवरी, 2019 को दिल्ली वक्फ बोर्ड ने मस्जिदों के इमामों की सैलरी में बढ़ोत्तरी का फैसला लिया था। दिल्ली वक्फ बोर्ड के चेयरमैन अमानतुल्लाह खान ने बोर्ड के एक कार्यक्रम में सीएम अरविंद केजरीवाल की मौजूदगी में मस्जिदों के इमामों की सैलरी बढ़ाने का एलान किया था। उस कार्यक्रम में बताया गया था कि मौलानाओं की सैलरी 10 हजार से बढ़ाकर 18 हजार और मुअज्जिन की सैलरी 9 हजार से बढ़ाकर 16 हजार कर दी गई थी। उस कार्यक्रम में यह भी कहा गया था कि फरवरी, 2019 से सभी लोगों को बढ़ी हुई सैलरी मिलेगी।

https://zeenews.india.com/india/arvind-kejriwal-announces-salary-hike-for-imams-of-all-mosques-in-delhi-2173451.html

वहीं, ट्विटर खोजने पर हमें आम आदमी पार्टी (AAP) के आधिकारिक हैंडल से किया गया एक ट्वीट मिला। यह ट्वीट 23 जनवरी, 2019 को किया गया था। इस ट्वीट में 4 तस्वीरों को साझा करते हुए लिखा गया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली वक्फ बोर्ड द्वारा Aiwan E Galib सभागार में आयोजित बैठक में भाग लिया।  

अब हमने YouTube पर दिल्ली वक्फ बोर्ड द्वारा आयोजित बैठक के वीडियो को खंगालना शुरु किया। जांच के दौरान हमें AAP KI AWAZ चैनल पर एक वीडियो मिली, जो कि 23 जनवरी, 2019 को अपलोड की गई थी। यह वीडियो उस दौरान की है जब सीएम अरविंद केजरीवाल दिल्ली वक्फ बोर्ड द्वारा Aiwan E Galib सभागर में आयोजित बैठक में पहुंचे थे।

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहे तथ्यों का बारीकी से अध्ययन करने पर हमने पाया कि यह साक्ष्य कहीं भी नहीं मिलता कि दिल्ली सरकार मौलानाओं को 44 हजार मासिक वेतन मुहैया कराती है। हमारी पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ।

Tools Used:

Google Keywords Search

Media Reports

Twitter Search

Facebook Search

You Tube Search

Result: False 

(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़तालसंशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: check this @newschecker.in

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Most Popular