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Fact Check: ‘थूक जिहाद’ के दावे से वायरल यह वीडियो छह साल पुराना है, सांप्रदायिक एंगल का दावा है फर्जी

Authors

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Claim
जुलाई 2024 में न्यायालय के जज हुए थूक जिहाद का शिकार।
Fact
छह साल पुराने इस मामले में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है।

पानी के गिलास में थूकते एक व्यक्ति का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है। वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया गया है कि यह ‘थूक जिहाद’ का मामला जुलाई 2024 का है। वीडियो को यूपी के अलीगढ़ का बताकर शेयर किया गया है।

सोशल मीडिया पर आये दिन इस तरह के वीडियो के माध्यम से मुस्लिम विक्रेताओं पर ‘थूक जिहाद’ के आरोपों के साथ उनसे खाने संबंधी सामान खरीदने के बहिष्कार की मांग के पोस्ट किये जा रहे हैं। इसी बीच उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा रूट पर पड़ने वाली दुकानों पर मालिकों और संचालकों का नाम लिखने का आदेश जारी किया था। हालाँकि, सुप्रीम कोर्ट ने सरकार के इस फैसले पर अंतरिम रोक लगा दी है।

25 जुलाई 2024 को @Lawyer_Kalpana नामक वेरिफ़िएड एक्स अकाउंट से 1:19 मिनट का वीडियो शेयर (आर्काइव) किया गया है। वीडियो में नजर आता है कि एक व्यक्ति पानी के गिलास में थर्मस से पानी भरता है और फिर ऊपर से थूक देता है। वीडियो को जुलाई 2024 की बताते हुए कैप्शन में लिखा गया है, “थूक जिहाद का बिल्कुल नया विडियो (July 2024 का) अलीगढ़ कोर्ट से। न्यायालय के जज भी हुए थूक ज़िहाद का शिकार।”

Courtesy: X/@Lawyer_Kalpana

Fact Check/Verification

दावे की पड़ताल के लिए हमने वीडियो के की-फ्रेम्स को रिवर्स इमेज सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल वीडियो के साथ 29 मई 2018 को जनसत्ता द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट मिली। रिपोर्ट में बताया गया है कि यह मामला अलीगढ़ का है, जहाँ दफ्तर का एक चपरासी महिला जज को थूककर पानी का गिलास देता था। रिपोर्ट में बताया गया है कि जिले में तैनात न्यायिक अफसर पानी पीने के लिए अपनी पानी की बोतल लाया करती थीं। चपरासी उसी बोतल से गिलास में पानी डालकर उन्हें दिया करता था। जब महिला जज को चपरासी की हरकतों पर शक हुआ तो उन्होंने अपने दफ्तर में टेबल पर फाइलों के बीच छुपाकर फ़ोन रख दिया, जिसके कमरे में ये पूरी वीडियो रिकॉर्ड हो गई।

अमर उजाला की रिपोर्ट में बताया गया है कि वीडियो सामने आते ही चपरासी को निलंबित कर दिया गया था। इससे यह स्पष्ट हो गया कि यह मामला छह साल पुराना है और जुलाई 2024 का नहीं है।

जांच में आगे हमने इस मामले से संबंधित कई रिपोर्ट्स को पढ़ा, लेकिन कहीं भी इसमें सांप्रदायिक एंगल नहीं बताया गया है। 29 मई 2018 को टाइम्स ऑफ़ इंडिया द्वारा इस घटना पर प्रकाशित रिपोर्ट में आरोपी का नाम विकास गुप्ता बताया गया है।

28 मई 2018 को एबीपी न्यूज़ द्वारा इस घटना पर शेयर की गई वीडियो में रिपोर्ट 3:15 मिनट पर रिपोर्टर द्वारा बताया जाता है कि आरोपी का नाम विकास गुप्ता है। इस मामले पर प्रकाशित ज़ी न्यूज़ की रिपोर्ट में भी आरोपी का नाम विकास गुप्ता ही बताया गया है।

पढ़ें: Fact Check: नेपाल में हुए विमान क्रैश का डेढ़ साल पुराना वीडियो हालिया विमान हादसे का बताकर वायरल

Conclusion

जांच से हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं की छह साल पहले उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में चपरासी विकास गुप्ता द्वारा जज के गिलास में थूकने की घटना के वीडियो को हालिया बताते हुए झूठे सांप्रदायिक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है।

Result: False

Sources
Report published by Dainik BHaskar on 29th May 2018.
Report published by Amar Ujala on 28th May 2018.
Report published by Times of India on 29th May 2018.
Report published by ABP News on 28th May 2018.

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