गुरूवार, मार्च 28, 2024
गुरूवार, मार्च 28, 2024

होमFact Checkहोशियारपुर में संत पर हुए हमले में नहीं है कोई साम्प्रदायिक एंगल,...

होशियारपुर में संत पर हुए हमले में नहीं है कोई साम्प्रदायिक एंगल, सोशल मीडिया में भ्रामक दावा वायरल

Authors

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Claim

पालघर में 2 साधुओं की भीड़ द्वारा निर्मम हत्या के बाद जहाँ देश में मुद्दा गर्म है तो वहीं पंजाब के होशियारपुर में एक साधु पर हमले की खबर सोशल मीडिया की सुर्ख़ियों में है। रिपब्लिक टीवी के फाउंडर अर्णव गोस्वामी के नाम से बनाये गए ट्विटर हैंडल ने दावा किया है कि पालघर की तरह ही शांतिदूतों ने पुष्पेंद्र स्वरुप महाराज पर भी हमला किया जब वे अपने बेटे के साथ घर में सो रहे थे। दावे में कम्युनल एंगल देते हुए एक धर्म विशेष द्वारा हमले का आरोप लगाया गया है।   

https://twitter.com/ArnabSpeaks25/status/1253899939727507456?s=20

Fact Check

एक तरफ जहाँ दुनिया पर कोरोना का संकट गहराता जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ समाज में कई ऐसी घटनाएं भी घटित हो रही हैं जो सोशल मीडिया की सुर्खियों में हैं। महाराष्ट्र के पालघर में 2 साधुओं की भीड़ द्वारा निर्मम हत्या के बाद कई दावे तेजी से वायरल हो रहे हैं। कई दावे ऐसे भी सामने आए जो कहीं ना कहीं धार्मिक उन्माद पैदा कर सकते थे। इसी बीच पंजाब के होशियारपुर में एक साधु को पीटे जाने की घटना वायरल हो गई। इस घटना को लेकर दावा किया गया है कि पालघर की तरह ही पंजाब में भी शांतिदूतों ने साधू की निर्मम पिटाई कर दी है। ट्वीट का आर्काइव यहाँ देखा जा सकता है।  वायरल दावे की पड़ताल के लिए सबसे पहले पालघर में क्या घटित हुआ था इसे जानने के लिए गूगल खंगालना आरंभ किया। खोजने के दौरान कई समाचार माध्यमों के लिंक सामने आये।   

खोज के दौरान प्राप्त हुई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक महाराष्ट्र के गृहमंत्री ने 100 से अधिक आरोपियों की लिस्ट जारी करते हुए कहा है कि साधुओं की हत्या में कोई भी मुस्लिम आरोपी शामिल नहीं था। 

इसके अलावा महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख का ट्विटर हैंडल खोजा। 22 अप्रैल को 101 आरोपियों की लिस्ट जारी करते हुए उन्होंने साफ किया है कि पालघर की घटना में कोई भी मुस्लिम व्यक्ति शामिल नहीं था।

पालघर में साधुओं की हत्या की जांच फ़िलहाल जाँच एजेंसियां कर रही हैं। लेकिन इस बात का फिलहाल कहीं भी प्रमाण नहीं है कि इस हमले में कोई साम्प्रदायिक एंगल भी था। बात करते हैं पंजाब के होशियारपुर में हुए साधु के ऊपर हमले की। क्या होशियारपुर में संत के ऊपर किसी समुदाय विशेष के लोगों द्वारा हमला किया गया? इस बाबत खोज करने पर कई मीडिया रिपोर्ट्स सामने आयी।    

टाइम्स नाउ हिंदी की खबर के मुताबिक होशियारपुर में संत पुष्पेंद्र स्वरुप पर चोरी की नियत से हमला किया गया था। संत ने बताया कि चोरी की नियत से कुछ नशेड़ी उनके आश्रम में घुस गए थे और उनके साथ मारपीट किया।

इस खबर को लेकर ANI का एक ट्वीट प्राप्त हुआ। ट्वीट में SHO होशियारपुर के हवाले से लिखा गया है कि चोरी की नियत से घुसे कुछ चोरों ने संत पर हमला किया था। इस मामले में संत द्वारा राजनीति ना करने की अपील की गई है।   

खोज के दौरान होशियारपुर पुलिस का एक ट्वीट प्राप्त हुआ। ट्वीट में संत पुष्पेंद्र स्वरुप का वीडियो पोस्ट किया गया है। वीडियो में संत द्वारा साफ़ कहा जा रहा है कि लूट की नियत से 2 नशेड़ी युवक आश्रम में घुसे थे जो सिर्फ पैसे की डिमांड कर रहे थे। संत के मुताबिक आश्रम ने घुसे युवकों के साथ हाथापाई हुई जिसके संत को चोटें आयी थी।   

पंजाब पुलिस ने भी अपने ट्वीटर हैंडल से होशियारपुर पुलिस के पोस्ट को ट्वीट किया है।    

पंजाब पुलिस और पीड़ित संत द्वारा द्वारा मामले पर दिये गए बयान से यह साफ़ हो जाता है कि इस हमले में कोई भी साम्प्रदायिक एंगल नहीं है।हमारी पड़ताल में साफ हो गया कि होशियारपुर में संत पर हुआ हमला किसी विशेष संप्रदाय द्वारा नहीं किया गया था बल्कि चोरी की नियत से किया गया था।    

Tools Used 

  • Google Keywords 
  • Twitter Advanced Search 
  • Snipping 

Result- Misleading Content

(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

Authors

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

JP Tripathi
JP Tripathi
Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Most Popular