Authors
Claim
कर्नाटक में ट्रैक्टर से भगवान राम की मूर्ति गिराई गई.
Fact
यह वीडियो मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के माकड़ोन का है, जहां सरदार पटेल की मूर्ति तोड़ दी गई थी.
सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है, जिसमें कुछ लोग एक ट्रैक्टर से मूर्ति को गिराते हुए दिख रहे हैं. वीडियो को शेयर करते हुए दावा किया जा रहा है कि कर्नाटक में ट्रैक्टर से भगवान राम की मूर्ति गिराई गई.
वायरल वीडियो करीब 58 सेकेंड का है, जिसमें कुछ लोग एक ट्रैक्टर से एक मूर्ति को तोड़ते हुए दिख रहे हैं. इस दौरान वहां भगवान राम की मूर्ति भी मौजूद है. पोस्ट के कैप्शन में लिखा गया है, “कर्नाटक के हिन्दुओं ने बीजेपी सरकार को हराकर कांग्रेस पार्टी की सरकार बनाई थी. अब कांग्रेस सरकार की हरकतों और मुस्लिम तुष्टिकरण की पराकाष्ठा के कारण पछता रहे हैं”.
Fact Check/Verification
वायरल दावे की पड़ताल के लिए वीडियो के कीफ्रेम को रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें 25 जनवरी 2024 को दैनिक भास्कर की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में मौजूद वीडियो में वायरल वीडियो वाले दृश्य मौजूद थे.
वीडियो रिपोर्ट में दी गई जानकारी के अनुसार, यह मामला मध्य प्रदेश के उज्जैन जिले के माकड़ोन का था, जहां माकड़ोन मंडी गेट और बस स्टैंड के पास खाली पड़ी जमीन पर मूर्ति लगाने को लेकर विवाद हुआ था. भीम आर्मी चाहती थी कि यहां डॉ अंबेडकर की मूर्ति लगे, वहीं पाटीदार समुदाय सरदार पटेल की मूर्ति लगाना चाहता था. इस दौरान 24 जनवरी की रात को असामाजिक तत्वों ने सरदार पटेल की मूर्ति स्थापित कर दी. जब यह जानकारी दूसरे पक्ष को लगी तो उन्होंने अगले सुबह ट्रैक्टर चढ़ाकर मूर्ति को गिरा दिया।
इसके घटना के बाद दोनों पक्षों में पथराव हुआ और लाठियां भी चली. भीड़ ने आसपास की दुकानों में भी पथराव किया और इसमें सब इंस्पेक्टर लालचंद शर्मा घायल हो गए थे. इस पूरे बवाल के बाद इलाके के टीआई को निलंबित कर दिया था. रिपोर्ट में मौजूद वीडियो को देखने पर हमने पाया कि भीड़ ने सुनहरे रंग की सरदार पटेल की मूर्ति तोड़ने की कोशिश की थी.
इसके अलावा, हमें घटना से जुड़ी रिपोर्ट ईटीवी भारत की वेबसाइट भी मिली. रिपोर्ट में एक वीडियो भी मौजूद था, जिसमें वायरल वीडियो वाले दृश्य और उज्जैन के एडिशनल एसपी गुरु प्रसाद का बयान मौजूद था. इस रिपोर्ट में भी बताया गया था कि खाली पड़ी जमीन पर मूर्ति लगाने को लेकर दो समुदायों में विवाद हुआ था. इसी दौरान एक पक्ष ने ट्रैक्टर के माध्यम से सरदार पटेल की मूर्ति तोड़ दी थी. इसके बाद दोनों पक्षों में हिंसक भिड़ंत हुई थी. बाद में पुलिस के वरीय अधिकारियों ने मिलकर हंगामे को शांत कराया था.
जांच में हमें 28 जून 2024 को नई दुनिया की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट मिली. इस रिपोर्ट में बताया गया था कि मूर्ति गिराने के विवाद के बाद पुलिस ने अपनी जांच में कमल जाल, मुकेश जाल, सेवाराम मालवीय, सुमित जाल, रोहीत मालवीय, नरेन्द्र मालवीय, राहुल मालवीय, अजय मालवीय, रामचन्द्र मालवीय, कन्हैयालाल मालवीय, महेन्द्र मालवीय, मंजूबाई, यशोदाबाई, महीमा मालवीय, वंदना मालवीय, गंगाबाई मालवीय, आशाबाई मालवीय, अंतरबाई मालवीय, जगदीश चौहान, करण मालवीय, निर्भय मोगीया, श्याम चोहान चौहान, रवि जाल, रवि सोलंकी, रामप्रसाद जाल, सुनिल मालवीय, महेश कुसमारिया, कमल मालवीय, राहुल नरवरिया, जितेन्द्र चौहान, शुभम, पीरुलाल, सूरज बलाई, विजय बलाई, प्रेम मालवीय, नवीन बलाई, नितेश गामी, दिलीप गामी, विजय लाकड़, ओमप्रकाश पाटीदार, विनय सरिया, रवि पाटीदार, संजय पाटीदार, अंकित पाटीदार, ललित पाटीदार, भोला लाकड़, नितेश पाटीदार, जितेन्द्र गामी, कैलाशचन्द्र पाटीदार, संतोष बोहरा, मूलचंद लाकड़, विनोद गामी, अर्जुन पाटीदार एवं अन्य सहित कुल 53 ज्ञात एवं अन्य अज्ञात आरोपितों के विरुद्ध मामले दर्ज किये थे. दोनों पक्षों के 22 उपद्रवियों को गिरफ्तार किया गया था.
Conclusion
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह साफ़ है कि यह वीडियो कर्नाटक का नहीं, बल्कि मध्य प्रदेश के उज्जैन का है, जहां जनवरी महीने में कुछ लोगों ने ट्रैक्टर से सरदार पटेल की मूर्ति को तोड़ दिया था।
Result: False
Our Sources
Article Published by dainik bhaskar on 25th jan 2024
Article Published by ETV Bharat on 25th jan 2024
Article Published by nayi duniya on 28th jan 2024
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