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कुत्ते द्वारा घायल स्वीडिश बच्चे की वर्षों पुरानी तस्वीर को मुस्लिम शरणार्थी की बर्बरता बताकर किया गया शेयर

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

 
Claim- क्या नीली आँखे होना ‘हराम’ है। 
 
Verification-
ट्विटर पर एक घायल बच्चे की तस्वीर शेयर कर दावा किया जा रहा है कि बच्चा स्वीडिश है जिस पर एक मुस्लिम शरणार्थी द्वारा इसलिए हमला किया गया क्योंकि उसकी नीली ऑंखें हैं। पोस्ट को सैकड़ों बार रिट्वीट तथा लाइक किया गया है।
पोस्ट की तस्वीर और उस पर किये गए दावे को देखने पर हमने अपनी पड़ताल आरम्भ की। इस दौरान हमने सबसे पहले तस्वीर के साथ वायरल हुए दावे को गूगल पर खोजा लेकिन खोज में हमें इस बात का पता चला कि अमुक पोस्ट वर्ष 2017 में भी वायरल हुआ।
खोज के दौरान 9gag.comhttps://9gag.com/gag/a8y1Yj6 नामक वेबसाइट पर एक पोस्ट का स्क्रीनशॉट अपलोड हुआ है। स्क्रीनशॉट में वायरल तस्वीर को अपलोड कर बताया गया कि एक 4 साल की बच्ची पर ‘रॉटविलर’ नामक नस्ल के कुत्ते द्वारा हमला किया गया था।
स्क्रीनशॉट में दिए गए शीर्षक को हमने गूगल पर टाइप कर खोजा। इस दौरान एक वेबसाइट पर साल 2008 को प्रकाशित हुए एक लेख में वायरल तस्वीर प्राप्त हुई। लेख के मुताबिक साल 2008 में ‘यूके’ के एक शहर ‘कार्डिफ़’ में एक पिता अपने घर में ‘रॉटविलर’ नस्ल नामक एक कुत्ता लेकर आये थे जिसने उनकी बेटी ‘सोफ़िया विल्स‘ पर घातक हमला कर दिया था।
इन सभी तथ्यों को परखने के बाद newschecker.in की पड़ताल में ‘मुस्लिम शरणार्थी द्वारा हमला’ वाला वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ।
Tools Used
Google Search
Reverse Image Search
Result- Misleading 
      (किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

Authors

A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

Nupendra Singh
Nupendra Singh
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.

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