Claim-
Verification-
सर्वोच्च न्यायालय में राम मंदिर पर सुनवाई के बाद से सोशल मीडिया पर मामले से संबंधित खबरों ने तूल पकड़ा है। ऐसी ही एक खबर हमें शेयर चैट पर प्राप्त हुई। इसी खबर का सच जानने के लिए
newschecker.in के एक पाठक ने Whatsapp पर हमारी टीम को शेयर चैट वाला संदेश शेयर कर उसकी प्रमाणिकता जानना चाही।
संदेश में दावा था कि अयोध्या में सभी लोगों के फ़ोन की रिकॉडिंग होगी, और सोशल मीडिया पर नजर रखी जाएगी साथ ही उनके सेल फ़ोन को मंत्रालय से जोड़ा जायेगा।
हमने Whatsapp पर भेजे गए संदेश को जाँचने के लिए सबसे पहले अयोध्या से संबंधित खबरों को खंगालना आरम्भ किया। इस दौरान हमें ट्विटर पर ANI का एक ट्वीट प्राप्त हुआ जहां अयोध्या के जिला अधिकारी द्वारा दिए गए आदेश प्रकाशित हुआ था। ट्वीट के मुताबिक अयोध्या के जिला अधिकारी ने उन सभी संदेश और पोस्टर पर पाबंदी लगाने की बात कही है, जिन से सामाजिक सौहार्द बिगड़ने की आशंका है।
बारीकी से खंगालने पर हमें
“>Live हिंदुस्तान नामक वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख से पता चला कि अयोध्या प्रशासन ने बस्ती के जिला अधिकारी और एसपी को पत्र लिखकर मदद मांगी। पत्र में डीएम अयोध्या, ‘अनुज कुमार झा’ व एसएसपी आशीष तिवारी ने कहा है कि अयोध्या प्रकरण में उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई पूरी कर ली है। सात नवंबर के बाद कभी भी फैसला आ सकता है। न्यायालय के निर्णयों को ध्यान में रखते हुए विभिन्न संगठनों व दलों की गतिविधियाँ हो सकती हैं। निर्णय के चलते सांप्रदायिक संवेदनशीलता काफी हद तक बढ़ने की संभावना है। निर्णय के बाद कोई संगठन या दल अयोध्या कूच का आह्वान किया जा सकता है, जो अयोध्या की कानून व्यवस्था को भंग कर सकती है। ऐसे में किसी भी संगठन या दल को अयोध्या कूच की अनुमति न दी जाए। इसे रोकने के लिए यातायात बैरियर पिकेट व अस्थायी जेल की व्यवस्था कर ली जाए।
हमने ट्विटर पर अयोध्या पुलिस के हैंडल को भी खंगाला। इस दौरान 3 नवंबर 2019 को एक ट्वीट में अयोध्या पुलिस ने जिले के सभी नागरिकों को बताया कि सोशल मीडिया पर किसी भी व्यक्ति ने अगर आपत्तिजनक लेख वीडियो या तस्वीर शेयर किया तो उसके खिलाफ धारा 505 /153 अ/295A /298 के तहत कानूनी कार्रवाई की जाएगी।
इसके साथ ही हमें यूट्यूब पर अयोध्या के डीएम अनुज कुमार झा का वीडियो प्राप्त हुआ जहां उनके द्वारा बताया गया कि अगर किसी भी व्यक्ति द्वारा कोई आपत्तिजनक लेख ,तस्वीर या वीडियो शेयर किया तो उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी साथ ही अयोध्या में कुछ चुंनिदा लोगों की टीम सोशल मीडिया पर नजर रखेगी।
इन सभी तथ्यों को परखने के बाद साफ़ हो गया कि वायरल दावा भ्रामक है।
Tools Used
- Google Search
- Twitter Advanced Search
- Youtube Search
Result- Misleading