CLAIM–
यह पाकिस्तान नहीं सीरिया या ईरान नहीं बल्कि भारत है, यह बच्चे इस्लाम का अपमान करनेवाले लोगों की हत्या करना चाहते हैं। वहीं हिंदू धर्मनिरपेक्षता की बातें करते हैं।
Verification–
मशहूर लेखिका शेफाली वैद्य ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक तस्वीर शेयर की है। इस तस्वीर में हाथ में बोर्ड लेकर खड़े बच्चे दिख रहे हैं। वहीं बोर्ड पर अंग्रेजी में ‘Massacre’ Those who ‘insult islam लिखा है। वैद्य का दावा है कि यह भारत का पश्चिम बंगाल है जहां बच्चे इस तरह का बोर्ड हाथ में लेकर खडे हैं न ही पाकिस्तान, सीरिया या ईरान है। तो हिंदू धर्मनिरपेक्षता की बातें करते हैं। हमनें 1947 या कश्मीर से कुछ नहीं सीखा। अभी भी कुछ सीखना नहीं चाहते।
हमने शेफाली वैद्य द्वारा शेयर की गई तस्वीर के बारे में जानने की कोशिश की। तस्वीर को गूगल रिवर्स इमेज और यांडेक्स के माध्यम से सर्च किया तो
हमें
similarworlds नामक वेबसाइट पर चार साल पहले प्रकाशित एक आर्टिकल में यह तस्वीर मिली।
वहीं खोज को आगे बढ़ाया तो हमें यह तस्वीर 2014 में
usnews.com नामक वेबसाइट पर प्रकाशित एक आर्टिकल में देखने को मिली। इस खबर में लिखा है कि अमेरिका के नौवें सर्किट की अदालत के तीन जजों के पैनल ने बुधवार को फैसला सुनाया कि Google को एक कम बजट वाली यूट्यूब फिल्म को हटा देना चाहिए, जो इस्लाम के संस्थापक की हास्यास्पद हत्यारे के रूप में उपहास करती है। फिल्म को बढ़ावा देने वाले एक ट्रेलर को 2012 में मुस्लिम-बहुल देशों में जानलेवा हिंसक घटनाओं के लिए दोषी ठहराया गया था वहीं हमले में अमेरिकी राजदूत क्रिस्टोफर स्टेंसेंस की बेंगाजी, लीबिया में मौत हो गई थी।
वही इस खबर में बच्चों की तस्वीर के कैप्शन में लिखा है कि भारतीय मुस्लिम बच्चों ने 2012 मे कोलकाता में अमेरिका विरोधी प्रदर्शन में भाग लिया था और मुस्लिमों का मजाक उड़ाने वाली “Innocence of Muslims” फिल्म का विरोध किया था।
इस आर्टिकल से साफ हुआ कि यह तस्वीर 2012 की है। इसलिए हमनें खोज को आगे बढ़ाया तो हमें यह तस्वीर
Getty image पर देखने को मिली। इस फोटो के डिस्क्रीप्शन में लिखा है कि 5 अक्टूबर, 2012 को कोलकाता में “Innocence of Muslims” फिल्म के खिलाफ एक विरोध सभा में भाग लेने के बाद मुस्लिम बच्चों ने अमेरिका के विरोध में बोर्ड दिखाए। अमेरिका में कम बजट में बनी इस फिल्म में मुस्लिमों का अपमान किए जाने का दावा किया जा रहा है। इस फिल्म के विरोध में लीबिया, सूडान, यमन के अलावा दुनिया के कई मुस्लिम तथा अन्य देशों में अमेरिका के विरोध में प्रदर्शन हुए वहीं कई जगहों पर हिंसा भी हुई।
इससे साफ होता है यह तस्वीर सात साल पुरानी है इसे आज के संदर्भ में वायरल कर सोशल मीडिया में भ्रामकता फैलाई जा रही है।
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