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श्रीनगर के लालचौक पर नहीं फहराया गया तिरंगा, 10 साल पुरानी तस्वीर को एडिट कर किया गया शेयर

जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 खत्म किए हुए एक साल पूरा हो गया है। पिछले साल 5 अगस्त, 2019 को केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को विशेष अधिकार देने वाले अनुच्छेद 370 को रद्द कर दिया था। इसी बीच सोशल मीडिया पर एक तस्वीर वायरल हो रही है। वायरल तस्वीर में श्रीनगर के लाल चौक के क्लॉक टावर पर तिरंगा लहराते हुए देखा जा सकता है।

ट्विटर पर इस तस्वीर को शेयर करते हुए एक यूज़र ने लिखा है कि आज कश्मीर की ऐसी तस्वीरें देखकर हर देशभक्त का गर्व से सीना फूल रहा है। 

वायरल पोस्ट के आर्काइव वर्ज़न को यहां और यहां देखा जा सकता है।

नीचे देखा जा सकता है कि वायरल तस्वीर को ट्विटर पर कई आधिकारिक हैंड्लस और अलग-अलग यूज़र्स द्वारा भी शेयर किया गया है।

वहीं लद्दाख के सांसद जामयांग सेरिंग नामग्याल ने वायरल तस्वीर को पिछले साल अगस्त, 2019 के बाद हुए बदलाव का प्रतीक बताकर ट्वीट किया।

वायरल तस्वीर को फेसबुक पर भी कई यूज़र्स द्वार शेयर किया गया है।  

कई न्यूज़ वेबसाइट पर लाल चौक पर लगे तिरंगे की वायरल तस्वीर को अभी का बताया गया है।

कई न्यूज़ वेबसाइट पर लाल चौक पर लगे तिरंगे की वायरल तस्वीर को अभी का बताया गया है।
कई न्यूज़ वेबसाइट पर लाल चौक पर लगे तिरंगे की वायरल तस्वीर को अभी का बताया गया है।

Fact Check/Verification

सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीर की सत्यता जानने के लिए हमने इसे Yandex रिवर्स इमेज सर्च किया। इस दौरान हमें वायरल तस्वीर से संबंधित कई परिणाम मिले।

हमें Mubasshir Mushtaq नाम के एक यूज़र द्वारा 2010 में लिखा गया एक ब्लॉग मिला। ब्लॉग में वही तस्वीर है, जो इस साल यानि अगस्त, 2020 में शेयर हो रही है।

10 साल पहले लिखे गए ब्लॉग में जो तस्वीर है उसमें तिरंगा नहीं है जबकि वायरल तस्वीर में तिरंगा नज़र आ रहा है। अब हमने दोनों तस्वीरों को एक साथ रखकर ध्यान से देखा।

नीचे तस्वीरों में देखा जा सकता है कि वायरल तस्वीर और असली तस्वीर में कई समानताएं हैं।

10 साल पहले लिखे गए ब्लॉग में जो तस्वीर है उसमें तिरंगा नहीं है जबकि वायरल तस्वीर में तिरंगा नज़र आ रहा है। अब हमने दोनों तस्वीरों को एक साथ रखकर ध्यान से देखा। 
नीचे तस्वीरों में देखा जा सकता है कि वायरल तस्वीर और असली तस्वीर में कई सामांताएं हैं।

पहला अंतर: दोनों तस्वीरों में काले और सफेद रंग की गाड़ी को देखा जा सकता है।

दूसरा अंतर: क्लॉक टावर के पास से एक आदमी को गुजरते हुए देखा जा सकता है।

तीसरा अतंर: दोनों तस्वीरों में एक ट्रक, वोडाफोन का बोर्ड और छतरी को देखा जा सकता है।

चौथा अतंर: दोनों तस्वीरों में लाइट का खंबा भी नज़र आ रहा है।

पांचावा अंतर: असली तस्वीर में लाल चौक के क्लॉक टावर पर कोई तिरंगा नज़र नहीं आ रहा है।  

इससे स्पष्ट होता है कि बिना तिरंगे वाली लाल चौक की तस्वीर के साथ छेड़छाड़ की गई है।

अधिक खोजने पर हमें Getty Images की आधिकारिक वेबसाइट पर 19 अगस्त, 2019 को खींची गई एक तस्वीर मिली। धारा 370 हटने के बाद यह तस्वीर खींची गई थी।

अधिक खोजने पर हमें Getty Images की आधिकारिक वेबसाइट पर 19 अगस्त, 2019 को खींची गई एक तस्वीर मिली। धारा 370 हटने के बाद यह तस्वीर खींची गई थी।

कुछ कीवर्ड्स की मदद से गूगल खंगालने पर हमें वायरल दावे से संबंधित कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली।

Conclusion

सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रही तस्वीर का बारीकी से अध्ययन करने पर हमने पाया कि वायरल हो रही तस्वीर 10 साल पुरानी और एडिटेड है। पड़ताल में हमने पाया कि 10 साल पहले लाल चौक के क्लॉक टावर की खींची गई तस्वीर के साथ छेड़छाड़ की गई है। लाल चौक पर कोई तिरंगा नहीं फहराया गया है।

Result: False


Our Sources

Mubasshir blog Post https://mubasshir.blogspot.com/2010/07/

Getty Images https://www.gettyimages.in/detail/news-photo/barbed-wire-during-curfew-on-eid-al-adha-at-lal-chowk-on-news-photo/1161323528


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