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गांधी-नेहरू की मूर्ति ध्वस्त करने को लेकर मोहन भागवत ने नहीं किया ये ट्वीट, फर्जी है यह अकाउंट

Authors

An Electronics & Communication engineer by training, Arjun switched to journalism to follow his passion. After completing a diploma in Broadcast Journalism at the India Today Media Institute, he has been debunking mis/disinformation for over three years. His areas of interest are politics and social media. Before joining Newschecker, he was working with the India Today Fact Check team.

सोशल मीडिया पर आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत के एक कथित ट्वीट का स्क्रीनशॉट खूब वायरल हो रहा है. ट्वीट में लिखा है कि अब सभी हिंदू विरोधी और देशद्रोहियों की मूर्ति ध्वस्त की जाएगी, चाहे वो गांधी, नेहरू, अंबेडकर या पेरियार की ही क्यों ना हो.

गांधी-नेहरू की मूर्ति ध्वस्त
Courtesy:Facebook/mukeshmukesh.mukeshmukesh.1426876
गांधी-नेहरू की मूर्ति ध्वस्त
Courtesy:Facebook/Tej Singh

स्क्रीनशॉट को इस तरह से पेश किया जा रहा है जैसे यह ट्वीट मोहन भागवत ने किया है. इसे शेयर करते हुए सोशल मीडिया यूजर्स, मोहन भागवत और आरएसएस की आलोचना कर रहे हैं. फेसबुक और ट्विटर पर भागवत के इस कथित ट्वीट के स्क्रीनशॉट को कई लोग पोस्ट कर चुके हैं.

Fact Check/Verification

मोहन भागवत का ट्विटर पर वेरीफाइड हैंडल मौजूद है. उनका आधिकारिक हैंडल “DrMohanBhagwat” है. जबकि वायरल स्क्रीनशॉट में दिख रहा हैंडल “mohan_bhagwat_” है.

गांधी-नेहरू की मूर्ति ध्वस्त
Courtesy:Twitter@DrMohanBhagwat/mohan_bhagwat_

इसके साथ ही, स्क्रीनशॉट वाला ट्विटर हैंडल अब सस्पेंड हो चुका है. खोजने पर हमें इस हैंडल को लेकर न्यूज़बाइट्स नाम की वेबसाइट की एक खबर मिली. ये खबर 1 अप्रैल 2018 को प्रकाशित की गई थी. खबर में बताया गया है कि “mohan_bhagwat_” वाले इस ट्विटर हैंडल को लेकर आरएसएस ने एक बयान जारी किया है कि मोहन भागवत का फेसबुक और ट्विटर पर कोई अकाउंट नहीं है. उनके नाम पर बनाए गए फर्जी सोशल मीडिया अकाउंट से भड़काऊ पोस्ट किए जा रहे हैं.

न्यूज़बाइट्स की खबर में वायरल ट्वीट का भी जिक्र है. खबर के अनुसार, यह ट्वीट 8 मार्च 2018 को किया गया था. इसके बाद यह अकाउंट सस्पेंड हो गया. दरअसल, इस ट्वीट को लेकर नरेंद्र कुमार नाम के एक व्यक्ति ने एससी/एसटी एक्ट के तहत जोधपुर पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई थी. इसी के चलते आरएसएस को स्पष्टीकरण देना पड़ा था कि यह ट्वीट भागवत के नाम पर बने एक फर्जी प्रोफाइल से किया गया है.

इसके बाद, मई 2019 में मोहन भागवत का आधिकारिक ट्विटर अकाउंट बनाया गया. अकाउंट ट्विटर के ब्लू टिक से वेरीफाइड भी हो गया. कुछ खबरों के अनुसार, भागवत का आधिकारिक अकाउंट इसी कारण से बनाया गया था कि उनके नाम पर बने फर्जी ‌अकाउंट्स से दुविधा ना फैले.

Conclusion

कुल मिलाकर निष्कर्ष यह निकलता है कि‌ गांधी-नेहरू की मूर्ति ध्वस्त करने को लेकर किया गया यह ट्वीट, मोहन भागवत के नाम पर बने एक फर्जी अकाउंट से किया गया था. यह अकाउंट अब सस्पेंड हो चुका है. कुछ दिनों पहले भी मोहन भागवत का एक फर्जी ट्वीट वायरल हुआ था. न्यूजचेकर ने इसको लेकर भी फैक्ट चेक किया था.

Result: Imposter Content/False

Our Sources

Official Twitter handle of RSS chief Mohan Bhagwat
Report of NewsBytes, published on April 1, 2018
Self Analysis

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Authors

An Electronics & Communication engineer by training, Arjun switched to journalism to follow his passion. After completing a diploma in Broadcast Journalism at the India Today Media Institute, he has been debunking mis/disinformation for over three years. His areas of interest are politics and social media. Before joining Newschecker, he was working with the India Today Fact Check team.

Arjun Deodia
Arjun Deodia
An Electronics & Communication engineer by training, Arjun switched to journalism to follow his passion. After completing a diploma in Broadcast Journalism at the India Today Media Institute, he has been debunking mis/disinformation for over three years. His areas of interest are politics and social media. Before joining Newschecker, he was working with the India Today Fact Check team.

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