Claim
तमिलनाडु में हिंदी भाषी लोगों के साथ हुए कथित भेदभाव को लेकर एमके स्टालिन और योगी आदित्यनाथ ने चौंकाने वाले बयान दिए.
Fact
पोस्ट में स्टालिन और योगी के नाम पर लिखे ये दोनों बयान फर्जी हैं. दोनों ने ऐसा कुछ नहीं कहा है. दैनिक जागरण ने भी ऐसी कोई खबर नहीं छापी है.
तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के साथ हुई कथित हिंसा को लेकर सोशल मीडिया पर एक चौंकाने वाला पोस्ट वायरल हो रहा है. पोस्ट के मुताबिक, तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने कहा है कि हिंदी भाषी लोग तमिलनाडु छोड़कर चले जाएं नहीं तो उन्हें मार दिया जाएगा और सरकार की कोई जिम्मेदारी नहीं होगी.
पोस्ट में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी एक कथित बयान लिखा है. बयान के मुताबिक, योगी ने हिंदी भाषी मजदूरों को जल्द से जल्द अपने राज्य वापस आने को कहा है और रोजगार देने का वादा किया है.


दोनों मुख्यमंत्रियों के बयान एक स्क्रीनशॉट में लिखे हैं. स्क्रीनशॉट में दैनिक जागरण का लोगो बना है. पूरा स्क्रीनशॉट देखने से ऐसा लगता है कि दैनिक जागरण ने यह दोनों बयान 2 मार्च 2023 को अपने लखनऊ संस्करण में छापे हैं. तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के साथ भेदभाव वाली खबरों के बीच यह पोस्ट फेसबुक पर जमकर वायरल हो रहा है.
Fact Check/Verification
सबसे पहले हमने वायरल पोस्ट में योगी और स्टालिन के नाम पर छापे गए बयानों को कुछ कीवर्ड्स की मदद से सर्च करना शुरू किया. हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली जो बताती हो कि योगी आदित्यनाथ या एमके स्टालिन ने इस तरह के बयान दिए हों. अगर वाकई दोनों मुख्यमंत्रियों की तरफ से इस तरह के चौंकाने वाले बयान आते तो यह एक बहुत बड़ी खबर बनती.
इसके उलट, एनडीटीवी के अनुसार, तमिलनाडु में बिहार के लोगों पर कथित हमले की खबर पर स्टालिन ने कहा है कि “प्रवासी मजदूरों को डरने की जरूरत नहीं है, अगर उन्हें कोई धमकी देता है तो वह हेल्पलाइन पर कॉल करें. तमिलनाडु सरकार और लोग प्रवासी भाइयों की रक्षा के लिए खड़े होंगे”. इस मामले पर तमिलनाडु पुलिस का कहना है कि राज्य में प्रवासी मजदूर शांति से रह रहे हैं और उन पर हमले की खबर अफवाह है.
क्या दैनिक जागरण ने प्रकाशित की ऐसी कोई खबर?
दैनिक जागरण ने एक ट्वीट करते हुए खंडन किया है कि संस्था के नाम पर फर्जी खबर फैलाई जा रही है. दैनिक जागरण ने ऐसी कोई खबर प्रकाशित नहीं की है. दैनिक जागरण की वेबसाइट पर कीवर्ड्स की मदद से सर्च करने पर भी हमें ऐसी कोई खबर नहीं मिली.
इसके साथ ही अगर वायरल पोस्ट में लिखी भाषा को ध्यान से देखें तो इसमें हिंदी वर्तनी की कई गलतियां मिलेंगी. ऐसा होना बहुत मुश्किल है कि दैनिक जागरण जैसी संस्था इतनी गलतियों से भरी कोई खबर छापेगा.

वायरल हो रहे इस पोस्ट में News Banner Maker लिखा एक वाटरमार्क नजर आ रहा है. सर्च करने पर सामने आया कि इस नाम का एक ऐप है, जिससे इस तरह के खबरों के स्क्रीनशॉट बनाए जा सकते हैं. इसी ऐप की मदद से दैनिक जागरण का लोगो लगाकर इस फर्जी खबर को बनाया गया है.

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Conclusion
कुल मिलाकर निष्कर्ष निकलता है कि वायरल स्क्रीनशॉट फर्जी है. एमके स्टालिन और योगी आदित्यनाथ ने हिंदी भाषी प्रवासी मजदूरों को लेकर ऐसे कोई बयान नहीं दिए हैं.
Result: False
Our Sources
Tweet of Danik Jagran, posted on March 6, 2023
Report of NDTV, published on March 4, 2023
Self Analysis
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