हिजाब विवाद के बीच सोशल मीडिया पर एक वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है. वीडियो के साथ दावा किया गया है कि जब कर्नाटक पुलिस ने बुर्काधारी प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करना शुरू किया तो पता चला कि इनमें से 40 प्रतिशत लड़के हैं, जो महिला के भेष में बवाल कर रहे हैं.
ट्वीट का आर्काइव यहां देखा जा सकता है.
वीडियो के साथ कैप्शन में लिखा है, “परेशान होकर कर्नाटक पुलिस ने बुरकाधारी प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार करना शुरू कर दिया। आश्चर्यजनक बात तो यह है कि इन बुरका प्रदर्शनकारियों में 40% लड़के हैं.” फेसबुक पर भी इस कैप्शन के साथ ये वीडियो वायरल है.
हिजाब विवाद के चलते कर्नाटक में कई जगह विरोध प्रदर्शन देखने को मिल रहे हैं. हिजाब का समर्थन कर रही महिलाएं सड़कों पर अपनी आवाज उठा रही हैं. नियम तोड़ने को लेकर कर्नाटक पुलिस ने कुछ दिनों पहले ही 10 लड़कियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी. अब सोशल मीडिया पर इस वीडियो के जरिए दावा किया गया है कि प्रदर्शन कर रही महिलाओं में कुछ पुरुष भी हैं जो भेष बदल कर आए हैं.
Fact Check/Verification
वीडियो की सच्चाई जानने के लिए हमने इसे इन-विड टूल की मदद से खोजने की कोशिश की. इस दौरान हमें “ईटीवी आंध्र प्रदेश” का एक यूट्यूब वीडियो मिला, जिसे 8 अगस्त 2020 को अपलोड किया गया था.
प्राप्त वीडियो में बताया गया है कि आंध्र प्रदेश के कुरनूल जिले की पुलिस ने शराब की तस्करी करने वाले कई लोगों को गिरफ्तार किया. वीडियो में तेलुगू में बताई गई जानकारी के अनुसार, पुलिस ने इन आरोपियों को आंध्र प्रदेश के पंचालिंगला चेक पोस्ट पर गिरफ्तार किया था. यह लोग महिला के भेष में पुलिस को चकमा देकर बच निकलने की फिराक में थे, लेकिन शक के चलते पुलिस ने इनकी तलाशी ली, जिसमें अवैध शराब की बोतलें पाई गईं.
उस समय “एनटीवी तेलुगू” ने भी इस वीडियो को लेकर एक रिपोर्ट छापी थी. खबर के मुताबिक, पुलिस को शक था कि आरोपी तेलंगाना से सस्ती शराब खरीदकर आंध्र प्रदेश में ऊंचे दामों पर बेचने वाले थे. इसी के चलते इन्हें पुलिस ने आंध्र-तेलंगाना बॉर्डर पर पकड़ा था.
तत्कालीन कुरनूल एसपी ने भी इस वीडियो को लेकर एक ट्वीट किया था. “ईटीवी आंध्र प्रदेश” का यूट्यूब वीडियो शेयर करते हुए उन्होंने लिखा था कि बुर्काधारी व्यक्ति को कुरनूल एक्साइज पुलिस ने अवैध तरीके से शराब की बोतलें ले जाते हुए पकड़ा था. दरअसल, अगस्त 2020 में भी यह वीडियो गलत दावे के साथ शेयर किया गया था. कुरनूल एसपी ने इसी का खंडन करते हुए यह ट्वीट किया था. उस समय भी यह वीडियो अलग दावे के साथ वायरल था। ‘न्यूज़चेकर’ ने वायरल दावे की पड़ताल की थी.
Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में यह स्पष्ट हो जाता है कि आंध्र प्रदेश के एक डेढ़ साल पुराने वीडियो को हिजाब विवाद से जोड़कर सोशल मीडिया पर भ्रम फैलाया जा रहा है।
Result: Misleading/Partly False
Sources
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