Thursday, April 17, 2025
भोजपुरी

Fact Check

का अब बिहार में अध्यापक लोगन खुला में शौच करे वालन के निगरानी करीहें? फर्जी बा ई दावा

Written By Saurabh Pandey
Jun 30, 2022
banner_image

सोशल मीडिया पर एगो तस्वीर शेयर कई के यूजर्स ई दावा कईले कि बिहार में अब अध्यापक लोगन खुला में शौच करे वालन के निगरानी करीहें.

जब से भारत में सोशल मीडिया के आगमन भईल बा तब से ही ऑनलाइन फेक न्यूज़ और भ्रामक जानकारी के संख्या में काफी तेजी से वृद्धि भईल बा. अइसे ते शहरी लोग भी फेक न्यूज़ के ई बीमारी के शिकार बाने, लेकिन गांव-देहात में जागरूकता के अभाव के चलत एकरा प्रभाव बहुत ज्यादा बढ़ जाला.

एही क्रम में कई सोशल मीडिया के लोगन ई दावा कइले कि बिहार में अब अध्यापक लोगन खुला में शौच करे वालन के निगरानी करीहें.

फेसबुक यूजर्स द्वारा शेयर कईल गईल पोस्ट

Fact Check/Verification

सोशल मीडिया पर बिहार में अध्यापक लोगन द्वारा खुला में शौच करे वालन के निगरानी के नाम पर शेयर कईल जा रहल अखबार के ई कतरन के पड़ताल खातिर हमनी के “खुले में शौच करने वालों की निगरानी करेंगे शिक्षक’ कीवर्ड्स के गूगल पर खोजनी. गूगल सर्च से प्राप्त भईल नतीजन के अनुसार ई खबर पुरान है.

गूगल सर्च से प्राप्त परिणाम

नवभारत टाइम्स के एगो रिपोर्ट के अनुसार, साल 2017 में बिहार के प्रखंड शिक्षा अधिकारी (ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर) ई आदेश दिहले रहले कि शिक्षक लोगन अब लईकन के पढवले के साथ-साथ खुला में शौच करे वालन के निगरानी भी करीहें.

नवभारत टाइम्स द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के एक अंश

दैनिक जागरण में 23 नवंबर, 2017 के प्रकाशित एगो रिपोर्ट में ई जानकारी दिहल गईल बा कि प्रदेश के तत्कालीन शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ए खबर के अफवाह बतवले रहले. मंत्री वर्मा के अनुसार, खुले में अध्यापक लोगन द्वारा खुला में शौच करे वालन के निगरानी या सेल्फी लेहले से संबंधित कौनों आदेश पारित नाही भईल बा.

दैनिक जागरण द्वारा प्रकाशित रिपोर्ट के एक अंश

एही तरह आजतक, नई दुनिया तथा News24 द्वारा साल 2017 में प्रकाशित कई लेखन से भी ए बात के पुष्टि हो जाला कि ई खबर पुरान है, जेके वर्तमान के बताके भ्रम फईलावल गइल बा.

Conclusion

ए तरह हमनी के पड़ताल में ई बात साफ हो गईल कि बिहार में अध्यापक लोगन द्वारा खुला में शौच करे वालन के निगरानी के नाम पर शेयर कईल जा रहल ई दावा भ्रामक बाड़े. असल में अखबार के ई कतरन पिछले कई साल से इंटरनेट पर मौजूद बा.

Result: Missing Context

Our Sources

Report published by Navbharat Times on 21 November, 2017
Report published by Jagran on 23 November, 2017
Report published by Aaj Tak on 24 November, 2017

कौनो भी संदिग्ध ख़बर के पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझाव खातिर हमनी के WhatsApp करीं: 9999499044  या ई-मेल करीं: checkthis@newschecker.in

image
अगर रउआ कउनो दावा के जांच करवावल चाहत बानी, प्रतिकिया देवे के चाहत बानी या शिकायत दर्ज करवावल चाहत बानी, त हमनी के व्हाट्सएप करीं +91-9999499044 भा हमनी के ईमेल करीं checkthis@newschecker.in​. आपन भी हम से संपर्क कर सके और फॉर्म भर सके।
Newchecker footer logo
Newchecker footer logo
Newchecker footer logo
Newchecker footer logo
About Us

Newchecker.in is an independent fact-checking initiative of NC Media Networks Pvt. Ltd. We welcome our readers to send us claims to fact check. If you believe a story or statement deserves a fact check, or an error has been made with a published fact check

Contact Us: checkthis@newschecker.in

17,795

Fact checks done

FOLLOW US
imageimageimageimageimageimageimage
cookie

हमारी वेबसाइट कुकीज़ का उपयोग करत है

हम कुकीज़ आ एक सदृश तकनीकें के प्रयोग के के ले, सामग्री के व्यक्तिगत बनावे के, विज्ञापन के तयार के, और बेहतर अनुभव प्रदान के ले। 'ठीक बा' क्लिक के या कुकी विकल्प में एक विकल्प के चालू के, आप सभ इस से सहमत होता, हमारी कुकी नीति में विस्तार से व्याख्या के गए प्रकार।