Authors
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.
सोशल मीडिया पर एगो तस्वीर शेयर कई के यूजर्स ई दावा कईले कि बिहार में अब अध्यापक लोगन खुला में शौच करे वालन के निगरानी करीहें.
जब से भारत में सोशल मीडिया के आगमन भईल बा तब से ही ऑनलाइन फेक न्यूज़ और भ्रामक जानकारी के संख्या में काफी तेजी से वृद्धि भईल बा. अइसे ते शहरी लोग भी फेक न्यूज़ के ई बीमारी के शिकार बाने, लेकिन गांव-देहात में जागरूकता के अभाव के चलत एकरा प्रभाव बहुत ज्यादा बढ़ जाला.
एही क्रम में कई सोशल मीडिया के लोगन ई दावा कइले कि बिहार में अब अध्यापक लोगन खुला में शौच करे वालन के निगरानी करीहें.
Fact Check/Verification
सोशल मीडिया पर बिहार में अध्यापक लोगन द्वारा खुला में शौच करे वालन के निगरानी के नाम पर शेयर कईल जा रहल अखबार के ई कतरन के पड़ताल खातिर हमनी के “खुले में शौच करने वालों की निगरानी करेंगे शिक्षक’ कीवर्ड्स के गूगल पर खोजनी. गूगल सर्च से प्राप्त भईल नतीजन के अनुसार ई खबर पुरान है.
नवभारत टाइम्स के एगो रिपोर्ट के अनुसार, साल 2017 में बिहार के प्रखंड शिक्षा अधिकारी (ब्लॉक एजुकेशन ऑफिसर) ई आदेश दिहले रहले कि शिक्षक लोगन अब लईकन के पढवले के साथ-साथ खुला में शौच करे वालन के निगरानी भी करीहें.
दैनिक जागरण में 23 नवंबर, 2017 के प्रकाशित एगो रिपोर्ट में ई जानकारी दिहल गईल बा कि प्रदेश के तत्कालीन शिक्षा मंत्री कृष्णनंदन प्रसाद वर्मा ए खबर के अफवाह बतवले रहले. मंत्री वर्मा के अनुसार, खुले में अध्यापक लोगन द्वारा खुला में शौच करे वालन के निगरानी या सेल्फी लेहले से संबंधित कौनों आदेश पारित नाही भईल बा.
एही तरह आजतक, नई दुनिया तथा News24 द्वारा साल 2017 में प्रकाशित कई लेखन से भी ए बात के पुष्टि हो जाला कि ई खबर पुरान है, जेके वर्तमान के बताके भ्रम फईलावल गइल बा.
Conclusion
ए तरह हमनी के पड़ताल में ई बात साफ हो गईल कि बिहार में अध्यापक लोगन द्वारा खुला में शौच करे वालन के निगरानी के नाम पर शेयर कईल जा रहल ई दावा भ्रामक बाड़े. असल में अखबार के ई कतरन पिछले कई साल से इंटरनेट पर मौजूद बा.
Result: Missing Context
Our Sources
Report published by Navbharat Times on 21 November, 2017
Report published by Jagran on 23 November, 2017
Report published by Aaj Tak on 24 November, 2017
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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.