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किसान नेता राकेश टिकैत के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट के नाम पर बनाये गए 27 पैरोडी अकाउंट

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

अगर आप सोशल मीडिया पर सक्रिय हैं तो किसी बड़े नेता, न्यूज़ चैनल या लोकप्रिय शख्शियत का पैरोडी अकाउंट जरूर देखा होगा. ये पैरोडी अकाउंट कई बार इतनी सावधानी से बनाये जाते हैं कि इनमें और असली अकाउंट में भेद कर पाना काफी मुश्किल हो जाता है. स्वयं प्रधानमंत्री, कई मुख्यमंत्रियों समेत कई बड़े नेता किसी लोकप्रिय शख्शियत के पैरोडी अकाउंट को उसका असल अकाउंट समझकर उनसे संवाद कर चुके हैं.

देश में चारों तरफ किसान आंदोलन की चर्चा चल रही है ऐसे में सोशल मीडिया पर भी इसकी चर्चा जोरों पर है. सरकार और प्रदर्शनरत किसानों के बीच की इस लड़ाई में हर दिन कुछ नए घटनाक्रम प्रकाश में आते हैं. 26 जनवरी को प्रदर्शनरत किसानों द्वारा आयोजित ट्रैक्टर रैली में हिंसा तथा विवाद के बाद सरकार ने हिंसा में लिप्त लोगों के खिलाफ सख्ती दिखाई तो उनमें सबसे प्रमुख नाम भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत का था. राकेश टिकैत ऐसे तो सोशल मीडिया पर ज्यादा सक्रिय नहीं दिखते। लेकिन किसान आंदोलन के बाद उनके नाम पर कई एकाउंट्स बनाये गए.

कल जब राकेश टिकैत की गिरफ़्तारी की बात चली उसके बाद राकेश टिकैत का भावुकता भरा बयान मीडिया में प्रसारित हुआ तब से टिकैत अचानक सोशल मीडिया पर ट्रेंड करने लगे। ट्रेंड करने के साथ ही उनके नाम पर बने ट्विटर अकाउंटों की संख्या में भी वृद्धि दर्ज की गई. राकेश टिकैत के नाम पर बने इन तमाम अकाउंट्स से कई दावे किये जा रहे हैं। ऐसे में कोई शरारती तत्व टिकैत के नाम का इस्तेमाल कर हिंसा भड़काने या किसी गलत संदेश को फैलाने में कामयाब हो सकता है. इसी वजह से हमने अपने पाठकों को पैरोडी अकाउंट्स के इस मकड़जाल के बारे में सत्यापित जानकारी देने का प्रयास किया.

राकेश टिकैत के नाम पर बने सभी अकाउंट्स की जानकारी के लिए हमने ट्विटर पर राकेश टिकैत का नाम सर्च किया। जहां हमें यह जानकारी मिली कि ट्विटर पर राकेश टिकैत के नाम से कई अकाउंट सक्रिय हैं जिनमें से कईयों ने तो अपने ट्विटर बायो में अपने अकाउंट को राकेश टिकैत का आधिकारिक अकाउंट भी बताया है.

राकेश टिकैत के नाम पर बने वे पैरोडी अकाउंट्स जिन्होंने यह स्पष्ट नहीं किया है कि वो आधिकारिक अकाउंट नही हैं।

संभव है कि बाद में इन अकाउंट्स के नाम या यूजरनेम बदल दिए जाएँ। उस दशा में आर्काइव वर्जन से अधिक जानकारी प्राप्त की जा सकती है.

राकेश टिकैत का आधिकारिक अकाउंट

बता दें कि राकेश टिकैत के आधिकारिक अकाउंट से एक ट्वीट कर किसान नेता और संगठन के आधिकारिक अकाउंट के बारे में जानकारी दी गई है.

कई Verified हैंडल्स ने बदला नाम

कल के घटनाक्रम के बाद कई verified ट्विटर हैंडल्स ने भी अपना नाम बदल दिया है। जिससे कई लोगों को भ्रम हो रहा है. बता दें कि वर्तमान में Vivek Gupta तथा Vijay Fulara समेत कुछ अन्य हैंडल्स ने अपने नाम में राकेश टिकैत जोड़ लिया है. ट्विटर पर चर्चा में बने या ट्रेंड कर रहे किसी व्यक्ति का नाम अपने प्रोफाइल में जोड़ने के कई कारण हो सकते हैं. कई बार उक्त व्यक्ति को अपना समर्थन देने के लिए ऐसा किया जाता है तो वहीं कई बार Reach और Engagement बढ़ाने के लिए भी ऐसा किया जाता है.

Vivek Gupta नामक ट्विटर यूजर का पेज
Vijay Falura नामक ट्विटर यूजर का पेज

प्रधानमंत्री मोदी से लेकर मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल तक कई बड़े नेता पैरोडी अकाउंट को आधिकारिक अकाउंट समझ बैठे

गौरतलब है कि आज यानि 29 जनवरी को दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कथित तौर पर राकेश टिकैत के नाम पर बने एक ट्विटर अकाउंट से किये गए ट्वीट को कोट कर एक ट्वीट किया है.

पूर्व में दूरदर्शन के मशहूर धारावाहिक रामायण का दोबारा प्रसारण किया गया था तब प्रधानमंत्री मोदी ने भी अभिनेता अरुण गोविल के नाम पर बने एक पैरोडी को कोट कर एक ट्वीट किया था.

उक्त ट्वीट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है.

पैरोडी अकाउंट्स बनाने का कारण

पैरोडी अकाउंट्स कई कारणों से बनाये जाते हैं. कई बार पैरोडी अकाउंट्स जल्द से जल्द फॉलोवर्स बढ़ाने के लिए बनाये जाते हैं तो कई बार किसी जानी-मानी शख्शियत के चाहने वाले उसके नाम पर अकाउंट बना देते हैं. हमने अपनी रिसर्च के दौरान पाया कि जैसे ही ट्विटर पर कोई मुद्दा कई दिनों तक ट्रेंड करता है, मुद्दे से संबंधित लोगों के नाम पर पैरोडी अकाउंट्स बना दिए जाते हैं. उदारहण के लिए, पत्रकार अर्नब गोस्वामी के जेल जाने के बाद उनके नाम पर अकाउंट्स बनाये गए थे। रामायण के दूरदर्शन पर पुनः प्रसारण के बाद धारावाहिक के पात्रों के नाम पर अकाउंट्स बनाये गए थे तथा चंद्रयान-2 की असफलता के बाद इसरो प्रमुख K Sivan के नाम पर अकाउंट्स बनाये गए थे. ऐसे ही ना जाने कितने मुद्दों के चर्चा में होने पर उससे संबंधित लोगों के नाम पर अकाउंट्स बना दिए गए.

पैरोडी अकाउंट्स और आधिकारिक अकाउंट में अंतर

ट्विटर पर बने पैरोडी अकाउंट्स और आधिकारिक अकाउंट्स में सबसे बड़ा अंतर होता है ब्लू टिक या वेरिफिकेशन का. हालांकि ऐसा हमेशा नहीं होता क्योंकि बहुत से मामलों में चर्चा का विषय बने लोग या तो आधिकारिक तौर पर ट्विटर पर मौजूद नहीं होते हैं या फिर उनके अकाउंट्स वैरिफाइड नहीं होते हैं. ऐसे में संबंधित व्यक्ति के निजी या संबंधित संस्थान के आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आधिकारिक अकाउंट के बारे में जानकारी प्राप्त की जा सकती है.

इस लेख के माध्यम से हम अपने पाठकों से यह निवेदन करते हैं कि वे किसी भी असत्यापित बात पर भरोसा ना करें. फेक न्यूज़ और भ्रामक जानकारी समाज में तनाव और हिंसा का कारण बन सकती है. सोशल मीडिया, WhatsApp Groups या किसी भी भ्रामक दावे की सत्यता जानने के लिए आप किसी फैक्ट चेकिंग संस्था या किसी फैक्ट चेकर से संपर्क कर सकते हैं.

Authors

A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Saurabh Pandey
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

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