POLITICS
Fact Check: पश्चिम बंगाल में भाजपा नेता पर हुए हमले का...
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से साफ़ है कि वायरल वीडियो साल 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा नेता अनिर्बान गांगुली पर हुए हमले का है.
Fact Check: वोटर द्वारा ईवीएम मशीन तोड़ने का पुराना वीडियो हालिया...
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह साफ़ है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा दावा भ्रामक है। व्यक्ति द्वारा ईवीएम तोड़े जाने की यह घटना साल 2023 की है।
VIRAL
Fact Check: पश्चिम बंगाल में भाजपा नेता पर हुए हमले का करीब तीन साल...
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से साफ़ है कि वायरल वीडियो साल 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा नेता अनिर्बान गांगुली पर हुए हमले का है.
Fact Check: वोटर द्वारा ईवीएम मशीन तोड़ने का पुराना वीडियो हालिया चुनाव से जोड़कर...
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह साफ़ है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा दावा भ्रामक है। व्यक्ति द्वारा ईवीएम तोड़े जाने की यह घटना साल 2023 की है।
त्रिपुरा पश्चिम लोकसभा में 100 प्रतिशत से अधिक पोलिंग का क्या है सच? पढ़ें...
लोकसभा के पहले फेज में त्रिपुरा सहित कई राज्यों में वोटिंग हुई. वोटिंग के बाद सोशल मीडिया पर एक दावा काफी वायरल हुआ, जिसमें यह कहा गया कि ईवीएम में गड़बड़ी हुई और त्रिपुरा पश्चिम लोकसभा में 100 प्रतिशत से अधिक पोलिंग हुई.
RELIGION
Politics
Fact Check: पश्चिम बंगाल में भाजपा नेता पर हुए हमले का...
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से साफ़ है कि वायरल वीडियो साल 2021 में पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के दौरान भाजपा नेता अनिर्बान गांगुली पर हुए हमले का है.
Fact Check: वोटर द्वारा ईवीएम मशीन तोड़ने का पुराना वीडियो हालिया...
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह साफ़ है कि सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा दावा भ्रामक है। व्यक्ति द्वारा ईवीएम तोड़े जाने की यह घटना साल 2023 की है।
Coronavirus
Fact Check: महाराष्ट्र पुलिस ने नहीं जारी किया है कोरोना वैक्सीन...
अपनी जांच से हम इस निष्कर्ष पर पहुँचते हैं कि वायरल दावा झूठा है। महाराष्ट्र पुलिस की ओर से कोरोना वैक्सीन से जुड़े सवाल पूछते हुए किसी कॉल से लोगों को सचेत करता हुआ कोई मैसेज नहीं साझा किया गया है।
क्या हल्द्वानी के मौलाना की कोरोना जांच करने गयी डॉक्टरों की...
हमारी पड़ताल में हमने पाया कि हल्द्वानी के बनभूलपुरा इलाक़े में डॉक्टरों की टीम पर कोई हमला नहीं हुआ है और जिस तस्वीर को इस घटना का बताकर वायरल किया जा रहा है वह तस्वीर 10 साल पुरानी है