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उज्जवला योजना के नाम पर मिट्टी के चूल्हे पर खाना बनाती महिलाओं की 6 साल पुरानी तस्वीर, भ्रामक दावे के साथ वायरल

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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

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उज्जवला योजना की खुल गई पोल
आम जनता की हो रही है सीधी लूट।

Reena Mimrot@MimrotReena

उज्जवला योजना की खुल गई पोल
आम जनता की हो रही है सीधी लूट#LPG_Petrol_Loot

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1258:14 AM – Jun 2, 2020Twitter Ads info and privacy63 people are talking about this   

एक तरफ जहाँ पूरा देश कोरोना महामारी के खिलाफ जंग लड़ रहा है तो वहीँ दूसरी तरफ कई दावे सोशल मीडिया की सुर्ख़ियों में हैं। कभी धार्मिक उन्माद तो कभी जातीय संघर्ष की तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल होती रही हैं। सरकार ने इस संकट की घड़ी में कामगार मजदूरों के लिए कई तरह के आर्थिक पैकेज का ऐलान भी किया है जिसका सीधा लाभ उनके बैंक खातों में भेजा जा रहा है। इसी बीच ट्विटर पर एक तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि सरकार के उज्जवला योजना की पोल खुल गई है। तस्वीर में देखा जा सकता है कि कुछ महिलायें खुले में चूल्हे पर कुछ पका रही हैं। गौरतलब है कि उज्जवला योजना के तहत केंद्र सरकार ने आर्थिक रूप से पिछड़े कमजोर लोगों को गैस सिलेंडर का कनेक्शन मुफ्त दिया था। कोरोना के इस संकट काल में भी सरकार ने अगले 3 महीने के लिए इसके लाभार्थियों को मुफ्त में सिलेंडर मुहैया कराने की बात भी की थी। उज्ज्वला योजना को लेकर किये जा रहे दावे वाले ट्वीट का आर्काइव यहाँ पढ़ा जा सकता है। 

ट्विटर पर यह दावा तेजी से शेयर किया जा रहा है।   

प्रेम महस्वा(आदिवासी)@premmahaswa555

उज्जवला योजना की खुल गई पोल
आम जनता की हो रही है सीधी लूट#LPG_Petrol_Loot@DrArchanaINC @MimrotReena29:55 AM – Jun 2, 2020Twitter Ads info and privacySee प्रेम महस्वा(आदिवासी)’s other TweetsPooja meena@Poojameena110

उज्जवला योजना की खुल गई पोल
आम जनता की हो रही है सीधी लूट#LPG_Petrol_Loot@DrArchanaINC @MimrotReena1848:54 AM – Jun 2, 2020Twitter Ads info and privacy54 people are talking about this

फैक्ट चेक : कोरोना के मौजूदा संकट में केंद्र सरकार ने कामगारों और आर्थिक रूप से पिछड़े लोगों के परिवारों को मूलभूत सुविधाओं की पूर्ति के लिए कई स्तर पर सहायता की है। पैदल पलायन से लेकर भुखमरी सहित कई ज्वलन्त मुद्दों पर सोशल मीडिया में कई दावे तेजी से वायरल होते देखे गए। इसी बीच एक तस्वीर को लेकर केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना ‘उज्जवला’ पर सवाल खड़ा किया गया है। तस्वीर के साथ दावा किया गया है कि सरकार इस योजना के तहत परिवारों को सिलेंडर आपूर्ति नहीं कर पाई जिसके चलते महिलाएं मिट्टी के चूल्हे पर खाना बनाने को मजबूर हैं। कहा गया है कि उज्जवला योजना में लूट हो रही है। 

दावे की पड़ताल के लिए सबसे पहले रिवर्स इमेज की सहायता से तस्वीर को खोजने का प्रयास किया। इस दौरान कई ख़बरों के लिंक खुलकर सामने आये। ख़बरों से मालूम हुआ कि यह तस्वीर काफी पुरानी है।   

खोज के दौरान न्यूयार्क टाइम्स द्वारा प्रकाशित एक लेख मिला। इस लेख में वायरल तस्वीर को अपलोड किया गया है। यह तस्वीर करीब 6 साल पुरानी है। न्यूयार्क टाइम्स ने असोसिएट प्रेस द्वारा क्लिक की गई जम्मू की तस्वीर को अपने लेख में अपलोड करते हुए भारत की गरीबी के स्तर पर चर्चा की है।  

Setting a High Bar for Poverty in India

Letter From India NEW DELHI – It is not uncommon for Indians to stand in a line to receive alms from a politician as he gives away clothes, pots and laptops that would make Apple laugh. This is a custom that has survived from a time when the theater of charity was enough to make the poor feel grateful. न्यूयार्क टाइम्स के अलावा The Wall Street Journal ने भी ने भी साल 2014 में इस चित्र को अपने एक लेख में अपलोड किया था।   

कुछ कीवर्ड्स के माध्यम से अब यह पता लगाने का प्रयास किया कि केंद्र सरकार द्वारा उज्ज्वला योजना कब आरम्भ की गई थी। इस दौरान सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर पता चला कि यह योजना मई साल 2016 में आरम्भ की गई थी।   

वायरल दावे का बारीकी से अध्ययन करने पर पता चला कि जिस तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है वह काफी पुरानी है। वायरल तस्वीर उज्ज्वला योजना की शुरुआत से करीब 2 साल पहले क्लिक की गई थी जिसे कई समाचार माध्यमों ने अलग-अलग समय पर अपने लेखों में प्रकाशित किया है। हमारी पड़ताल में वायरल दावा भ्रामक साबित हुआ। 

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(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़तालसंशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: check this@newschecker.in

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Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

JP Tripathi
Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

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