After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.
Claim–
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना पीडितों को बचा रहे महाराष्ट्र के डाॅक्टर से मिलकर हौसला बढ़ाया।
दावे का संक्षिप्त विवरण–
सोशल मीडिया प्लैटफार्म टिकटाॅक पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक शख्स को गले लगाते और उसकी पीठ मलते हुए दिख रहे हैं। दावा किया जा रहा है कि यह शख्स महाराष्ट्र का डाॅक्टर है जो कोरोना पीडितों को बचा रहा है, पीएम नरेंद्र मोदी ने उस डाॅक्टर से मिलकर उसका हौसला बढ़ाया।
Verification–
हमने वायरल दावे की पड़ताल शुरु की। सबसे पहले गूगल में कुछ कीवर्ड्स की मदद से खोज की तो हमें कई खबरें देखने को मिली।
इकोनोमिक टाइम्स की खबर मिली जिसमें लिखा गया है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार 11 बजे ‘मन की बात’ की। उन्होंने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में देशवासियों का हौसला बढ़ाया। उन्होंने कहा कि मैं जानता हूं कि लोगों को लॉकडाउन की वजह से काफी परेशानी हो रही है। इसके लिए मैं क्षमा मांगता हूं। लेकिन, मैं यह बताना चाहता हूं कि यह जरूरी था”।
इसके बाद हमें अमर उजाला की खबर मिली जिसमें लिखा गया है कि कोरोना से जंग लड़ रहे योद्धाओं का मनोबल बढ़ाने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी खुद सबको फोन कर रहे हैं। 21 दिनों के लॉकडाउन में चिकित्सा सेवा समेत कई जरूरी सेवाओं को लोगों की मदद के लिए जारी रखा गया है। इनमें डॉक्टर, नर्स, लैब टेक्नीशियन और स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े लोग शामिल हैं। ऐसे कर्मचारियों का हौसला बढ़ाने के लिए पीएम मोदी ने पुणे के एक सरकारी अस्पताल में पूरी निष्ठा और लगन के साथ जुटी नर्स छाया जगताप से बात की। पीएम मोदी ने सिस्टर से पूछा कि जब कभी भी कोई मरीज कोरोना से पीड़ित आता है तो वह काफी डरा हुआ होता होगा? पीएम ने आभार जताते हुए कहा, आप जैसी नर्स, डॉक्टर और चिकित्साकर्मी सही मायनों में तपस्वी हैं, जो पूरे देश में मरीजों की सेवा कर रहे हैं।
इससे साफ हुआ कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फोन पर पुणे स्थित नर्स छाया जगताप से फोन पर बात कर उनका और सभी डाॅक्टरों का हौसला बढ़ाया था। लेकिन महाराष्ट्र के डाॅक्टर से मिलने की खबर न किसी प्रतिष्ठित मीडिया चैनल में दिखी या किसी न्यूज पेपर नहीं छपी है। वही न हमें पीएम मोदी के
ट्विटर हैंडल पर इसकी जानकारी मिली।
इसके बाद हमनें टिकटाॅक वर वायरल हो रही वीडियो क्लिप में से कुछ स्क्रीनशाॅट्स निकाले और गूगल रिवर्स इमेज की मदद से खोज शुरु की। इस दौरान हमें
openthemagazine.com का पिछले साल का एक आर्टिकल मिला जिसमें एक फोटो मिली। इस फोटो के कैप्शन में लिखा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसरो के चेयरमैन के सिवन को गले लगाकर उनकी सांत्वना की।
इसके अलावा हमें न्यूज 18 की खबर मिली जिसमें बताया गया है कि विक्रम लैंडर का चांद्रयान से संपर्क टूटने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने निराश हुए इसरो चेयरमैन के सिवन और वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाया।
इससे साफ होता है कि सोशल मीडिया मे वायरल हुई वीडियो क्लिप में पीएम मोदी जिन्हें गले लगा रहे हैं वह महाराष्ट्र के डाॅक्टर नहीं बल्कि इजरो के चेयररमैन के सिवन हैं और यह क्लिप भी एक साल पुरानी है। सोशल मीडिया में भ्रामक दावे के साथ इसे शेयर किया जा रहा है।
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Result- misleading
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After completing his post-graduation, Yash worked with some of the most renowned newspapers such as like Lokmat, Dainik Bhaskar & Navbharat for the past 6 years. To make sure that no incorrect news reaches people and to maintain peace and harmony in society, he chose to become a fact-checker.