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Coronavirus
Claim- धर्म का धंधा था, पूरा देश उसमे अंधा था, कोरोना की एंट्री हुई, तो पता चला आधा देश भूखा और आधा देश नंगा था।
जानिए वायरल दावा- सोशल मीडिया पर एक तस्वीर शेयर हो रही है जहां कुछ मजदूरों और उनके बच्चों को कुछ पतीलों के साथ धूप में जमीन पर बैठे हुए देखा जा सकता है। दावा किया जा रहा है कि कोरोनावायरस के कारण यह मजदूर भूखे-प्यासे हैं और बेघर हो गए हैं।
Verification- लॉकडाउन के चलते मज़दूर वर्ग का एक बड़ा तबका बेरोजगारी की कगार पर खड़ा हो गया है। ऐसे में देश के कोने-कोने में बसे प्रवासी मजदूरों के घर वापस लौटने सिलसिला जारी है। इस दौरान सोशल मीडिया पर कुछ मजदूरों की एक तस्वीर वायरल हो रही है। दावा है कि तस्वीर का संबंध कोरोना वायरस से है। वायरल तस्वीर का सत्य जानने के लिए हमने अपनी पड़ताल आरम्भ की। पड़ताल के दौरान हमने तस्वीर को गूगल पर खोजने शुरू किया। खोज के दौरान हमें गूगल पर कई परिणाम प्राप्त हुए।
खोज के दौरान हमें Wrytin.com नामक वेबसाइट पर वायरल तस्वीर प्राप्त हुई जिसे साल 2019 में अपलोड किया गया था।
इसके बाद हमें वायरल तस्वीर साल 2018 में valmiki foundation नामक वेबसाइट पर भी अपलोड प्राप्त हुई। जहां वायरल तस्वीर का भारत में गरीबी दर्शाने के लिए प्रयोग किया गया है।
इसके साथ ही हमें वायरल तस्वीर कई अन्य वेबसाइटों पर अलग-अलग शीर्षकों के साथ अलग-अलग समय पर अपलोड प्राप्त हुई।
अपनी पड़ताल के दौरान कई टूल्स और कीवर्ड्स का उपयोग करते हुए हमने तस्वीर के साथ वायरल हो रहे दावे का बारीकी से अध्ययन किया जहां हमने पाया कि वायरल तस्वीर कुछ वर्ष पुरानी है। इसका कोरोना संक्रमण के इस दौर से कोई संबंध नहीं। वायरल तस्वीर को समय-समय पर अलग-अलग तरीके से कई समाचार माध्यमों द्वारा इस्तेमाल किया गया है।
Tools Used
Reverse Image Search
Google Search
Result: Misleading
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