शुक्रवार, नवम्बर 22, 2024
शुक्रवार, नवम्बर 22, 2024

HomeCoronavirusभारत की नहीं बांग्लादेश की है बुजुर्ग महिला को कंधे पर उठाकर...

भारत की नहीं बांग्लादेश की है बुजुर्ग महिला को कंधे पर उठाकर चल रहे शख्स की यह तस्वीर

Authors

Believing in the notion of 'live and let live’, Preeti feels it's important to counter and check misinformation and prevent people from falling for propaganda, hoaxes, and fake information. She holds a Master’s degree in Mass Communication from Guru Jambeshawar University and has been a journalist & producer for 10 years.

देश में पलायन कर रहे मजदूरों की कहानियां हर चैनल और अखबार में दिखाई जा रही हैं। एक हाथ में बच्चों और दूसरे हाथ में सामान उठाए पैदल ही गांव जा रहे इन मज़दूरों की तस्वीरें सोशल मीडिया पर छाई हुई हैं। इनमें से एक तस्वीर बहुत ज्यादा शेयर की जा रही है। तस्वीर में एक व्यक्ति बुजुर्ग महिला को अपने कंधे पर उठाकर चला जा रहा है।

इस तस्वीर को दलित कांग्रेस के ट्विटर हैंडल से शेयर कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को टैग कर सवाल किया गया है।

ट्वीट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है। 

ट्वीट का आर्काइव लिंक यहां देखा जा सकता है। 

फेसबुक पर भी इस तस्वीर को शेयर किया जा रहा है जिसे नीचे देखा जा सकता है।

Fact Check

इस तस्वीर को हमने Google Reverse Image Search पर डाल कर इसके बारे में जानकारी जुटाने की कोशिश की।

Google Reverse Image Search की मदद से हमें पता चला कि यह तस्वीर हाल की नहीं बल्कि पुरानी है। Pressenza नाम की एक एजेंसी द्वारा इस तस्वीर को नवंबर 2017 में अपलोड किया गया था।

एजेंसी के मुताबिक यह तस्वीरें बांग्लादेश के कॉक्स बाज़ार पहुंच रहे रोहिंग्या रिफ्यूजियों की है। TinEye पर तस्वीर को खोजने पर पता चला कि यह तस्वीर सितंबर 2017 में डाली गई थी।

Yandex पर सर्च करने पर हमें अज़ीज़ नूर नाम के एक यूज़र द्वारा 8 सितंबर 2017 को किये गए ट्वीट में एक वीडियो मिला। इस वीडियो में हमें वही शख्स दिखा जिसकी तस्वीर शेयर की जा रही है। वीडियो में एक शख्स को कहते सुना जा सकता है। जो बांग्ला में कह रहा है कि “आप देख सकते हैं रोहिंग्या शरणार्थी बॉर्डर पार कर के आ रहे हैं”। इस वीडियो को नीचे देखा जा सकता है।

इससे साफ हो जाता है कि बुजुर्ग महिला को कंधे पर उठाकर चल रहे शख्स की तस्वीर भारत की नहीं है। बल्कि बांग्लादेश पहुंचे रोहिंग्या शर्णार्थियों की है।

Tools Used

  • Google Reverse Image Search
  • TinEye Search
  • Yandex Reverse Image Search

Result: False


(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)

Authors

Believing in the notion of 'live and let live’, Preeti feels it's important to counter and check misinformation and prevent people from falling for propaganda, hoaxes, and fake information. She holds a Master’s degree in Mass Communication from Guru Jambeshawar University and has been a journalist & producer for 10 years.

Preeti Chauhan
Believing in the notion of 'live and let live’, Preeti feels it's important to counter and check misinformation and prevent people from falling for propaganda, hoaxes, and fake information. She holds a Master’s degree in Mass Communication from Guru Jambeshawar University and has been a journalist & producer for 10 years.

Most Popular