Crime
Correction: कैसे फ़ेक न्यूज़ का शिकार बनें पालघर में दो साधु?
महाराष्ट्र के पालघर से एक डराने वाला वीडियो कल से सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। इस वीडियो में साधु के कपड़े पहने एक व्यक्ति को भीड़ बेरहमी से पीट रही है। मौके पर पुलिस की मौजूदगी के बावजूद भीड़ बर्बरता के साथ उस व्यक्ति को डंडों से पीटे जा रही है। इस दर्दनाक वीडियो को हम यहां नहीं लगा रहे हैं केवल एक स्क्रीनशॉट का इस्तेमाल कर रहे हैं।

मामले में 110 लोगों को गिरफ्तार कर उनके खिलाफ गंभीर धाराओं में केस दर्ज किया गया है। पकड़े गए 110 लोगों में से 9 नाबालिग हैं। वहीं मामले में लापरवाही बरतने के आरोप में कासा पुलिस स्टेशन के दो अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है।
क्या है पूरा मामला?
गुरुवार यानि 16 अप्रैल को दो साधु; महंत कल्पवृक्ष गिरि (70 साल), सुशीलगिरी महाराज (35 साल), इंटिरियर रोड से होते हुए मुंबई से गुजरात एक अंतिम संस्कार में शामिल होने जा रहे थे। किसी ने उनके चोर होने की अफवाह फैला दी। जिसके बाद दर्जनों लोगों की भीड़ ने उनके ऊपर हमला कर दिया। पालघर के गड़चिनचले गांव के लोग जब इन दो साधुओं को बेरहमी से पीट रहे थे तब वहां पुलिसकर्मी भी मौजूद थे। आरोपियों ने साधुओं के साथ एक ड्राइवर (नीलेश यलगड़े, 30) और पुलिसकर्मियों पर भी हमला किया। हमले के बाद साधुओं को अस्पताल ले जाया गया, जहां उन्हें मरा हुआ घोषित कर दिया गया। साधुओं पर हुए हमले का एक वीडियो रविवार को सोशल मीडिया पर शेयर किया गया और देखते ही देखते ये वीडियो वायरल हो गया।
पता चला है कि ये दो साधु जूना आखाड़े से ताल्लुक रखते थे। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने इस घटना की निंदा करते हुए अपराधियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग की है।
घटना में नहीं है कोई सांप्रदायिक एंगल
घटना को सोशल मीडिया में सांप्रदायिक रंग देकर फैलाने की कोशिश की गई जिसके बाद राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बताया कि इस घटना में कोई सांप्रदायिक एंगल नहीं है तथा मामले की जांच के लिए एडीजी सीआइडी क्राइम अतुलचंद्र कुलकर्णी को नियुक्त किया गया है। साथ ही उन्होंने चेतावनी दी है कि इस तरह के मामले अगर दोबारा सामने आए तो और भी सख्त कदम उठाए जाएंगे।
मुख्यमंत्री के साथ-साथ राज्य के गृह मंत्री ने भी मामले में सांप्रदायिक एंगल होने से इनकार किया है।
Indian Express में प्रकाशित एक रिपोर्ट के मुताबिक गड़चिनचले में ज्यादातर आदिवासी लोग रहते हैं। पिछले कई दिनों से यहां अफवाह चल रही थी कि रात में यहां बच्चा चोर, चोर और शरीर के अंग बेचने वाले गिरोह काम कर रहे हैं। जिसके बाद गांववालों ने कई समूह बनाए थे जो रात को गांव की रखवाली करते थे। और जैसे ही यहां से साधु एक गाड़ी से गुज़रे इन लोगों ने उनपर हमला कर दिया।
Tools Used
- Google Search
- Google Translate
- Twitter Search
Result: Misleading
Correction:
हमने इस लेख में कुछ ट्वीट्स सम्मिलित किए थे। Newschecker टीम ने चर्चा के बाद ये पाया कि नीचे दिए गए ट्वीट सांप्रदायिक नहीं हैं इसलिए इन्हें लेख से हटाया जा रहा है।
Before Correction
वीडियो के सामने आते ही राज्य सरकार पर विपक्ष ने हमला शुरु कर दिया तो वहीं इस घटना को सांप्रदायिक रंग देकर कई जानी–मानी हस्तियों द्वारा शेयर किया गया है। जिनमें पत्रकार दीपक चौरसिया से लेकर फिल्ममेकर अशोक पंडित तक शामिल हैं।



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