Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
Claim-
अब नहीं आएगा मैट्रिक का रिजल्ट, फिर से होगी परीक्षा।
जानिए वायरल दावा –
सोशल मीडिया पर हिंदी समाचार चैनल ABP का एक स्क्रीनशॉट वायरल हो रहा है। तस्वीर में ABP न्यूज़ के लोगो के साथ दावा किया जा रहा है कि छात्रों द्वारा दी गयी मैट्रिक की परीक्षाओं के आने वाले परिणाम अब नहीं आएंगे और साथ ही अब छात्रों को दोबारा देनी होगी परीक्षा।
Verification-
कोरोनावायरस के बढ़ते प्रकोप के मद्देनज़र भारत सरकार ने देश के सभी स्कूलों को शीघ्र बंद करने का आदेश दिया था। जिसके चलते कुछ स्कूलों में होने वाली 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाओं पर भी रोक लग गयी थी, साथ ही कुछ स्कूलों के आने वाले परीक्षाओं के परिणाम भी रुक गए थे। ऐसे में सोशल मीडिया पर मैट्रिक के परिणामों के अब ना आने की खबर वायरल होने लगी। newschecker के एक पाठक ने हमें एक तस्वीर WhatsApp पर भेज कर इसकी प्रमाणिकता जांचने को कहा।
वायरल दावे की सत्यता जानने के लिए हमने अपनी पड़ताल शुरू की। पड़ताल के दौरान हमने सबसे पहले मैट्रिक रिजल्ट नाम से गूगल पर खोजा। इस दौरान हमें Live हिंदुस्तान की वेबसाइट पर प्रकाशित एक लेख में इस बात की जानकारी प्राप्त हुई कि 6 मई से बिहार विद्यालय परीक्षा समिति ने मैट्रिक परीक्षा के मूल्यांकन कार्य को बहाल करने का फैसला किया है साथ ही बताया है कि सोशल डिस्टेंसिंग और COVID-19 के सभी उपायों को ध्यान में रखकर बिहार बोर्ड मैट्रिक परीक्षा की उत्तर कॉपियां जांची जाएँगी।
पड़ताल में हमें अमरउजाला की वेबसाइट पर प्रकाशित एक और लेख प्राप्त हुआ। लेख के मुताबिक बिहार में दसवीं कक्षा की कॉपियों का मूल्यांकन एक सप्ताह के भीतर पूरा होने की संभावना है। जिसके बाद 15 मई के बाद ही परिणाम घोषित किये जा सकते हैं।
अब हमने उत्तर प्रदेश की मैट्रिक परीक्षाओं के बारे में जानकारी प्राप्त करने के लिए खोजना शुरू किया। जहां हमने यूपी सरकार की माध्यमिक शिक्षा वेबसाइट पर मैट्रिक परीक्षाओं के परिणाम के बारे में खंगाला। खोज के दौरान हमें वेबसाइट पर एक लिंक प्राप्त हुआ जहां दसवीं की कॉपियों के मूल्यांकन की कुछ जानकारी प्रकाशित हुई है, चूँकि लिंक में उत्तर प्रदेश के शिक्षकों को ही प्रवेश की अनुमति है इसके कारण लिंक पर प्रकाशित जानकारी हमें प्राप्त नहीं हो पायी।
यूपी में दसवीं कक्षा के परिणामों की क्या स्थिति है, इस तथ्य की जानकारी प्राप्त करने के लिए हमने गूगल पर भी खोजा। खोज के दौरान हमें उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री दिनेश शर्मा द्वारा ट्विटर पर 4 मई को किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ। ट्वीट में उत्तर प्रदेश के शिक्षा मंत्री ने इस बात की जानकारी दी है कि 10वीं व 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं की उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन का कार्य 5 मई से कुछ चिन्हित जनपदों में प्रारंभ होगा ।
इसके बाद हमने दिल्ली में भी दसवीं कक्षा की परीक्षाओं के परिणाम की स्थिति जानने के लिए खोजा। पड़ताल में हमें भारत सरकार के मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ। ट्वीट में एक पत्र अपलोड कर यह जानकारी दी गयी है कि CBSE बोर्ड की कॉपियों को जांचने के लिए केंद्र सरकार ने 3000 हज़ार स्कूलों को मूल्यांकन केंद्र के रूप में खोलने की अनुमति दे दी है।
पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने कुछ और जानकारी जुटाने का प्रयास किया। इस दौरान हमें मानव संसाधन विकास मंत्री ‘डॉ रमेश पोखरियाल’ द्वारा किया गया एक ट्वीट प्राप्त हुआ। जहां इस बात की जानकारी दी गई है कि ‘बची हुई CBSE बोर्ड की 10वीं और 12वीं की परीक्षाओं की तिथि 1जुलाई से 15जुलाई के बीच निर्धारित कर दी गयी है‘।
इसके साथ ही CBSE बोर्ड ने भी ट्वीट कर इसकी जानकारी दी है कि बची हुई 10वीं और 12वीं कक्षा की परीक्षाओं की तिथि 1 जुलाई से 15 जुलाई के बीच निर्धारित की गयी है।
अंत में हमें ABP न्यूज़ के यूट्यूब चैनल पर मैट्रिक की परीक्षाओं पर हाल ही में अपलोड एक खबर प्राप्त हुई। जहां यह बताया जा रहा है कि CBSE ने 10वीं कक्षा की परीक्षाएं लॉकडाउन के चलते रद्द कर दी है और साथ ही कहा है कि लॉकडाउन पर यह निर्भर करता है कि CBSE बची हुई परीक्षा लेगी या नहीं। लेकिन वायरल तस्वीर वाली कोई जानकारी यहाँ मौजूद नहीं है।
पड़ताल के दौरान कई टूल्स और कीवर्ड्स का उपयोग करते हुए वायरल दावे का बारीकी से अध्ययन करने पर हमें पता चला कि मैट्रिक के परिणाम ना आने तथा परीक्षाएं दोबारा होने वाली वायरल ख़बर गलत है। हमें अपनी पड़ताल में कहीं भी इस बात की कोई जानकारी नहीं मिली कि मैट्रिक की परीक्षाओं का परिणाम अब नहीं आएगा या फिर परीक्षाएं दोबारा करवाई जाएँगी।
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(किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें WhatsApp करें: 9999499044 या ई-मेल करें: checkthis@newschecker.in)
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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.