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सोशल मीडिया पर एक अख़बार की कटिंग को शेयर कर दावा किया गया है जो वोट नहीं देगा उसके बैंक खाते से सरकार द्वारा 350 रुपए काटे जायेंगे। अख़बार की कटिंग में लिखा है, ‘नहीं दिया वोट तो बैंक अकाउंट से कटेंगे 350 रुपए: आयोग।’ कटिंग में आगे लिखा है ‘चुनाव आयोग ने कोर्ट से पहले ही ले ली है मंजूरी। अगर अकाउंट नहीं है, तो मोबाइल रिचार्ज से कटेगा पैसा।’
उपरोक्त फेसबुक पोस्ट को यहां देखा जा सकता है।
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Business standard.com की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत निर्वाचन आयोग, जिसे चुनाव आयोग के नाम से भी जाना जाता है। इसका गठन 1950 में हुआ था। यह एक स्वायत्त संवैधानिक विभाग है, जो भारत में संघ और राज्य चुनाव का मुफ़्त और निष्पक्ष संचालन करता है। बतौर रिपोर्ट, मुख्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति भारत के राष्ट्रपति द्वारा की जाती है। इस अधिकारी की कार्य अवधि 6 वर्ष की होती है। 16 अप्रैल 2021 को आज तक द्वारा प्रकाशित एक लेख के मुताबिक, सुशील चंद्रा को भारत का मुख्य चुनाव आयुक्त (EC) नियुक्त किया गया है। बताते चलें कि अगले वर्ष कुछ राज्यों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं, इसी क्रम में सोशल मीडिया पर उपरोक्त दावा शेयर किया गया है।
Fact Check/Verification
अख़बार की कटिंग के साथ शेयर किये गए दावे का सच जानने के लिए, हमने इसे गूगल रिवर्स इमेज की मदद से खोजना शुरू किया, लेकिन इस प्रक्रिया में हमें अख़बार की कटिंग से संबंधित कोई भी रिपोर्ट नहीं मिली।
इसके बाद हमने तस्वीर के साथ कुछ कीवर्ड्स का प्रयोग करते हुए गूगल पर खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें 23 मार्च 2019 को नवभारत टाइम्स द्वारा प्रकाशित एक लेख मिला लेख देखने के बाद पता चला कि शेयर की जा रही कटिंग, NBT द्वारा प्रकाशित की गई थी, जो कि होली विशेषांक में छपी एक मजाकिया खबर थी। उसका सच्चाई से कोई लेना देना नहीं था। ख़बर के नीचे बुरा न मानो होली है भी लिखा था। नवभारत टाइम्स ने लिखा कि ‘चुनाव आयोग ने इस तरह का कोई आदेश नहीं जारी किया है। अगर पाठकों को मजाकिया खबर से कोई भ्रम हुआ तो एनबीटी इसके लिए खेद व्यक्त करता है।’
पड़ताल के दौरान हमें PIB fact check द्वारा 23 नवम्बर 2020 को पोस्ट किया गया एक ट्वीट मिला। इस ट्वीट में PIB fact check ने अख़बार की कटिंग को ट्वीट करते हुए लिखा था कि यह दावा फर्जी है। चुनाव आयोग द्वारा ऐसा कोई निर्णय नहीं लिया गया है।
Conclusion
इस तरह हमारी पड़ताल में यह साफ़ हो गया कि अख़बार की कटिंग के साथ शेयर किया गया दावा गलत है। नवभारत टाइम्स ने 21 मार्च 2019 को अपने होली विशेषांक में एक मजाकिया खबर प्रकाशित की थी, जिसे सोशल मीडिया यूजर्स सच मानकर शेयर कर रहे हैं।
Result: Satire
Our Sources
Media reports
PIB Fact Check
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