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Fact Check
सोशल मीडिया पर दो तस्वीरों का एक कोलाज शेयर कर यह दावा किया गया कि ये दोनों तस्वीरें एक ही व्यक्ति की हैं, तस्वीर में दिख रहे वृद्ध पहले सेना में थे, जब ये सेना में थे तब इनको सैल्यूट किया जाता था अब किसान प्रदर्शन के दौरान पिटाई कर इनकी आंखें फोड़ दी गई हैं.
वर्तमान किसान प्रदर्शन से संबंधित तमाम दावे सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं इनमे से कुछ दावे तो सच हैं लेकिन कुछ दावे भ्रामक भी हैं. सोशल मीडिया यूजर्स किसान आंदोलन के पक्ष और विरोध में अपने-अपने विचार व्यक्त कर रहें हैं. कुछ ऐसा ही वाकया हमें तब देखने को मिला जब सोशल मीडिया पर दो तस्वीरों का एक कोलाज शेयर कर यह दावा किया गया कि दोनों तस्वीरों में दिख रहे वृद्ध व्यक्ति पहले सेना में थे और तब सब उनको सलाम (सैल्यूट) करते थे लेकिन आज जब वह किसान आंदोलन में हिस्सा लेने आये तब पुलिस ने पिटाई कर उनकी आंखें फोड़ दी.
वायरल कोलाज की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले ‘Awesome Screenshot’ नामक टूल की सहायता से सेना की वर्दी पहने वृद्ध की तस्वीर को गूगल पर ढूंढा. पर इस पूरी प्रक्रिया में हमें कोई ठोस जानकारी नहीं मिल सकी. इसके बाद हमने केक पर लिखे नाम को कीवर्ड की तरह प्रयोग कर वायरल तस्वीर को गूगल पर ढूंढा जहां हमें उक्त तस्वीर को लेकर ‘Sikh Military History Forum’ नामक एक फेसबुक ग्रुप में शेयर किया हुआ एक पोस्ट मिला जिसमे यह जानकारी दी गई है कि वायरल तस्वीर ‘Captain Pirthipal Singh Dhillon’ नामक एक पूर्व सैन्य अधिकारी की है जो कि 1993 में सेवानिवृत हो चुके हैं.
इसके बाद हमने उपरोक्त फेसबुक यूजर की प्रोफाइल को खंगाला जहां हमें उक्त यूजर द्वारा 29 नवंबर को शेयर किया एक फेसबुक पोस्ट भी मिला जिसमे उन्होंने उपरोक्त फेसबुक ग्रुप में शेयर की गई जानकारी को अपने निजी प्रोफाइल से भी शेयर किया है.
इसके बाद हमने वायरल कोलाज में दिख रहे पूर्व सैन्य अधिकारी के पुत्र Sukhwinder Singh Sarpanch Oboke नामक उक्त फेसबुक यूजर से संपर्क साधा है. गौरतलब है कि हमसे बातचीत के दौरान Sukhwinder Singh Sarpanch Oboke ने जानकारी दी कि उनके पिता ने किसानों के मौजूदा प्रदर्शनों में हिस्सा नहीं लिया है. साथ ही साथ उन्होंने इस बात की पुष्टि भी कि वायरल कोलाज में दिख रहे दोनों व्यक्ति अलग-अलग हैं जिनमे से एक उनके पिता जी हैं एवं दूसरे व्यक्ति के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं है.
इसके बाद हमें एक ट्वीट मिला जिसमे वायरल कोलाज में दिख रहे दुसरे व्यक्ति कि एक हाई-रिज़ॉल्यूशन तस्वीर मिली जिससे यह साफ़ हो गया है कि वायरल कोलाज में दिख रहे दोनों व्यक्ति एक नहीं हैं.
इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ़ हो जाती है कि वायरल कोलाज में दिख रहे दोनों व्यक्ति एक नहीं हैं. इस प्रकार किसान प्रदर्शन के दौरान एक पूर्व सैन्य अधिकारी की पिटाई कर उनकी आंखें फोड़े जाने का दावा हमारी पड़ताल में गलत साबित होता है.
इसी विषय पर हमारी टीम द्वारा पंजाबी भाषा में किया गया फैक्ट चेक यहां पढ़ा जा सकता है.
https://www.facebook.com/groups/sikhmilitaryhistoryforum/permalink/4198815626799435/
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