Authors
Claim
रेल जिहाद, पटरी की फिश प्लेट खोलते पकड़ा गया मुस्लिम युवक.
Fact
यह घटना 2018 की है. अमर उजाला अखबार की कटिंग को एडिट कर भ्रामक दावा शेयर किया गया है.
सोशल मीडिया पर हिंदी न्यूज पेपर अमर उजाला की एक कटिंग वायरल हो रही है, जिसमें हेडिंग के तौर पर लिखा हुआ है “रेल जिहाद: पटरी की फिश प्लेट खोलते पकड़ा गया मुस्लिम युवक”. इस पेपर कटिंग में मौजूद घटना को बीते दिनों हुए रेल हादसे के बाद शेयर किया जा रहा है.
गौरतलब है कि बीते करीब एक महीने में देश में दो बड़े रेल हादसे हुए हैं. 18 जुलाई को उत्तरप्रदेश के गोंडा में चंडीगढ़-डिब्रूगढ़ एक्सप्रेस के छह डिब्बे पटरी से उतर गए थे. इस हादसे में 2 लोगों की जान चली गई थी. वही करीब 30 से ज्यादा लोग घायल हो गए थे. वहीँ बीते 17 जून को पश्चिम बंगाल के रंगपानी रेलवे स्टेशन पर सियालदह-अगरतला कंचनजंग एक्सप्रेस एक मालगाड़ी से टकरा गई थी. इस दुर्घटना में करीब 10 लोगों की मौत हो गई थी.
वायरल कटिंग कथित तौर पर अमर उजाला के मुरादनगर संस्करण की है, जिसमें हेडिंग के तौर पर लिखा हुआ है “रेल जिहाद: पटरी की फिश प्लेट खोलते पकड़ा गया मुस्लिम युवक”. इसके अलावा सब हेडिंग के तौर पर लिखा हुआ है “बेपटरी होने से बची देहरादून एक्सप्रेस, आरोपी फुरकान अली गिरफ्तार”. इस कटिंग को हालिया बताकर शेयर किया जा रहा है.
Fact Check/Verification
Newschecker ने वायरल दावे की पड़ताल के लिए सबसे पहले कटिंग में मौजूद जानकारी की मदद से न्यूज रिपोर्ट्स खंगाली. इस दौरान हमें आजतक की वेबसाइट पर 20 जनवरी 2018 को प्रकाशित रिपोर्ट मिली.
आजतक की रिपोर्ट के अनुसार, 19 जनवरी 2018 को गाजियाबाद के मुरादनगर की दयानंद कॉलोनी के तीन किशोर शिव, विजय और सचिन पास के रेलवे ट्रैक पर गए थे. इसी दौरान उन्हें सुबह 8 बाजे पोल संख्या 38-19 पर एक युवक बैठा दिखाई दिया. उक्त युवक ने उन किशोरों से फोन करने के लिए मोबाइल मांगा, लेकिन फोन नहीं होने की बात कहकर उन्होंने मना कर दिया. इसी दौरान सचिन नाम के किशोर की नजर रेलवे ट्रैक पर पड़ी तो उसने देखा कि पटरियों को आपस में जोड़ने वाली फिश प्लेट और नट बोल्ट अलग-अलग हैं. जब उन लोगों ने उक्त युवक से इसके बारे में पूछा तो वह भागने लगा.
इसके बाद तीनों किशोर ने दौड़ाकर उसे पकड़ लिया और आसपास के लोगों की मदद से उक्त युवक को रेलवे स्टेशन के मास्टर को सौंप दिया. पकड़े गए आरोपी की पहचान बुलंदशहर के 30 वर्षीय फुरकान के रूप में हुई थी. किशोरों की सूझबूझ से बड़ा हादसा होने से टल गया था, क्योंकि उसी ट्रैक से देहरादून एक्सप्रेस गुजरने वाली थी लेकिन बाद में ट्रेन को काफी देर तक मुरादनगर स्टेशन पर रोका गया था.
इसके अलावा हमें इससे जुड़ी रिपोर्ट नई दुनिया की वेबसाइट पर भी मिली. 20 जनवरी 2018 को नई दुनिया की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार, उक्त युवक से जीआरपी, आरपीएफ, स्थानीय ख़ुफ़िया ईकाई और आईबी ने भी पूछताछ की थी. साथ ही यह भी पता चला था कि आरोपी फुरकान अली पर बुलंदशहर में लूट सहित कई मामले दर्ज हैं.
अपनी जांच में हमने अमर उजाला की ई-पेपर में मौजूद यह खबर भी खंगाली, तो हमें 20 जनवरी 2018 को गाजियाबाद संस्करण में प्रकाशित यह खबर मिली.
हालांकि हमने पाया कि असल में अमर उजाला ने उक्त हेडिंग और सब हेड के साथ यह खबर नहीं छापी थी, जो वायरल कटिंग में मौजूद है, बल्कि असल में अमर उजाला ने हेडिंग के तौर पर “किशोरों की सूझबूझ से बचा रेल हादसा” और सब हेड के तौर पर “बुलंदशहर के युवक ने फिश प्लेट खोलकर झाड़ियों में फेंकी, आरोपी हिरासत में” लिखा था.
Conclusion
हमारी जांच में मिले साक्ष्यों से यह साफ़ है कि यह घटना करीब छह साल पुरानी है और अमर उजाला ने वायरल कटिंग में मौजूद हेडिंग से इस खबर को प्रकाशित नहीं किया था.
Result: Altered Photo
Our Sources
Article Published by AAJ TAK on 20th Jan 2018
Article Published by Nai Duniya on 20th Jan 2018
Epaper by Amar Ujala on 20th Jan 2018
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