मंगलवार, नवम्बर 19, 2024
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क्या युवक के साथ बॉडी बिल्डर प्रतियोगिता में हुआ जातीय आधार पर भेदभाव? यहां जानें सच

सोशल मीडिया पर बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता का एक वीडियो ख़ूब शेयर किया जा रहा है. दावा किया गया है कि वीडियो में दिख रहे बॉडी बिल्डर के साथ प्रतियोगिता में उसकी जाति के आधार पर उसे अपमानित किया गया, जिसके बाद युवक ने विरोध जताने के लिए पुरस्कार में मिली वस्तु को लात मार दी. सोशल मीडिया पर 28 सेकंड के वायरल वीडियो को लोग जातीय आधार पर हुए भेदभाव का बताकर इसके साथ #जय भीम जोड़कर लिख रहे हैं कि “टैलेंट कितना भी हो पहचान जाति से ही होगी।”

दावे के साथ #JaiBhim लिखकर सोशल मीडिया पर लोग इसे भारत की जातीय व्यवस्था में होने वाले भेद भाव के रूप में शेयर कर रहे हैं. 

इस वीडियो को ट्विटर और फेसबुक पर तेजी से शेयर किया जा रहा है. वायरल पोस्ट के आर्काइव को यहाँ देखा जा सकता है. 

Fact Check/ Verification. 

मामले की पड़ताल के लिए सबसे पहले हमने वायरल वीडियो को ध्यान से देखा. 28 सेकंड के इस वीडियो में एक बॉडी बिल्डर युवक कुछ लोगों के साथ एक मंच पर खड़ा दिखाई देता है. युवक मंच पर उपस्थित एक व्यक्ति से पुरस्कार लेकर कुछ बात करता है तभी एक दूसरा व्यक्ति उसे मंच से नीचे उतरने का इशारा करता है. इसके बाद युवक मंच से नीचे उतरकर गुस्से से पुरस्कार को लात मारते हुए निकल जाता है. 

वीडियो में हमे मंच पर “We are  IFFB” और पीछे की और लगी स्क्रीन पर “Championship 2022” लिखा दिखाई देता है. इन्हीं शब्दों की मदद से जब हमने इंटरनेट खंगाला तो  इस घटना से सम्बंधित बीबीसी की एक रिपोर्ट मिली. 

Image: Social media/Twitter
Image: Social Media/Twitter

26 दिसंबर को बीबीसी बांग्ला ने इसी मामले पर एक रिपोर्ट छापी थी. बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, वायरल वीडियो में दिख रहे बॉडी बिल्डर युवक का नाम ज़ाहिद हसन शुवो है और ये पूरी घटना 23 दिसंबर 2022 को बांग्लादेश के ढाका में आयोजित वार्षिक बॉडी बिल्डिंग प्रतियोगिता के दौरान हुई थी. 

रिपोर्ट के अनुसार, ज़ाहिद हसन शुवो ने बीबीसी बांग्ला से इस मामले में बात करते हुए कहा कि “वह आयोजकों और संस्था के फ़ैसले से ख़ुश नहीं थे. उनका गुस्सा प्रतियोगिता में होने वाली अनियमितताओं और भ्रष्टाचार के विरोध में था.” 

ज़ाहिद हसन शुवो ने बीबीसी से अपनी बातचीत में बताया कि “वह इस प्रतियोगिता को पहले भी चार बार जीत चुके हैं. लेकिन इस बार फेडरेशन और आयोजकों के ग़लत फ़ैसले, भ्रष्टाचार और अनियमितताओं के चलते उन्हें जानबूझकर पहले स्थान की जग़ह दूसरा स्थान दिया गया.” 

ज़ाहिद हसन शुवो को जब हमने सोशल मीडिया पर खोजा तो फेसबुक पर उनका एक पेज मिला. अपने फेसबुक पेज पर उन्होंने घटना का पूरा वीडियो शेयर किया है। 

ढाका ट्रिब्यून में छपी एक और रिपोर्ट के मुताबिक, घटना के बाद ज़ाहिद हसन शुवो पर बांग्लादेश बॉडी बिल्डिंग फेडरेशन ने आजीवन प्रतिबंध लगा दिया है. 

बांग्लादेश बॉडी बिल्डिंग फेडरेशन ने अपने फेसबुक पेज पर भी ज़ाहिद हसन शुवो पर लगाए गए बैन की जानकारी दी है. 

Image: FB/BBF

Conclusion 

हमारी पड़ताल में हमने पाया की बॉडी बिल्डर युवक का जो वीडियो जातीय भेदभाव के दावे के साथ शेयर किया जा रहा है वह पूरी तरह से भ्रामक है. असल में यह वीडियो बांग्लादेश के वार्षिक बॉडीबिल्डिंग प्रतियोगिता का है और बॉडी बिल्डर युवक का नाम ज़ाहिद हसन शुवो है.

Result – Missing Context 

Our Sources
Media report by BBC Bangla
Media report by Dhaka tribune

Facebook post by Jahid Hasan and Bangladesh Bodybuilding federation

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