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Crime
सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि झांसी के एसपी सिटी विवेक त्रिपाठी को भाजपा नेताओं ने जमकर पीटा है.
कभी नेताओं द्वारा पुलिस की पिटाई तो कभी पुलिस द्वारा नेताओं की पिटाई के तमाम दावे आये दिन सोशल मीडिया पर वायरल होते रहते हैं. इनमे से कुछ दावे सच होते हैं तो वहीं कुछ गलत या भ्रामक भी होते हैं. भाजपा नेताओं और कार्यकर्ताओं द्वारा पुलिस की पिटाई का एक ऐसा ही वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. वायरल वीडियो को शेयर कर दावा किया जा रहा है कि झांसी में एमएलसी (विधान परिषद सदस्य) चुनाव की मतगणना के दौरान भाजपा प्रत्याशी के समर्थकों ने एसपी सिटी विवेक त्रिपाठी को जमकर पीटा.
https://khabar.ndtv.com/video/show/news/bjp-leaders-pushed-down-the-city-sp-in-jhansi-568327
वायरल दावे की पड़ताल के लिए सबसे पहले झांसी पुलिस का ट्विटर प्रोफाइल खंगाला जहां हमें पूरे प्रकरण पर झांसी पुलिस का बयान मिला. बता दें कि झांसी पुलिस ने अपने बयान में यह जानकारी दी है कि एमएलसी चुनाव के मतगणना केंद्र पर एसपी सिटी विवेक त्रिपाठी की पिटाई की खबर पूरी तरह बेबुनियाद है. मतगणना के दौरान भाजपा प्रत्याशी के समर्थक जबरन मतगणना स्थल पर घुसने लगे जिसका पुलिस ने विरोध किया। जिसके बाद मामला हाथापाई तक पहुंच गया और इसी दौरान किसी ने एक सिपाही को धक्का देकर गिरा दिया. धक्कामुक्की के दौरान गिरे सिपाही को एसपी सिटी बताकर भ्रम फैलाया जा रहा है.
इसके बाद हमें झांसी पुलिस के ट्विटर हैंडल से अपलोड किया हुआ एक और बयान मिला। बयान में खुद एसपी सिटी विवेक त्रिपाठी ने पूरे मामले पर अपना पक्ष रखा है. इस वीडियो में पत्रकारों से बात करते हुए एसपी सिटी विवेक त्रिपाठी कहते हैं “फैजाबाद-झांसी स्नातक खण्ड विधान परिषद निर्वाचन की मतगणना बीकेडी कॉलेज परिसर में चल रही है. जहां पर मतगणना के लिए दो गेट बनाये गए हैं. एक गेट जो माननीय जनप्रतिनिधि हैं जो चुनाव लड़ रहे हैं उनके लिए है और उनके माननीय प्रतिनिधियों के लिए है. दूसरे गेट में अधिकारी, कर्मचारी, मतगणना से संबंधित सभी कर्मचारी दूसरे गेट से प्रवेश करते हैं. एक पार्टी के कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा गेट नंबर 2 से जबरन प्रयास किया गया… अनाधिकृत रूप से घुसने का. जो पुलिस बल वहां मौजूद था… उसमे मैं भी था… उनको गेट तक ही रोका गया और उनको वापस किया गया. इस प्रक्रिया में कुछ पुलिसकर्मियों के बीच… जनप्रतिनिधियों के बीच… जनता के बीच धक्कामुक्की और आगे पीछे ठेलने की भी कार्यवाही हुई… इसमें एक दो पुलिसकर्मी गिर भी गए थे. कुछ मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर चलाया जा रहा है कि एसपी सिटी को चोट लगी है… गिर गए हैं… उनके साथ मारपीट हुई है. ये गलत है. धक्कामुक्की में… गेट से बाहर निकालने के लिए हल्का सा पुलिसबल का प्रयोग करना पड़ा था. कोई गंभीर घटना घटित नही हुई है, जो भी घटना घटित हुई है उसकी जांच कराके कार्रवाई की जाएगी. (पत्रकारों द्वारा पुलिस को चोट आई है या नही, यह सवाल पूछे जाने पर) कोई चोट नही आई है… धक्कामुक्की में हल्की फुल्की खरोंच आ जाती है. मुझे कोई चोट नही है, कुछ पुलिसकर्मियों को खरोंचे आ गई हैं. और इस संबंध में जो भी विधिक कार्यवाही होगी…”
इसके बाद हमें यही वीडियो एसपी सिटी विवेक त्रिपाठी के निजी ट्विटर हैंडल पर भी प्राप्त हुआ जिसे झांसी पुलिस के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से भी रिट्वीट किया गया है.
इसके बाद हमें झांसी पुलिस द्वारा अपलोड किया गया एक और वीडियो मिला जिसमे वायरल वीडियो से धक्कामुक्की में नीचे गिरे सिपाही की फुटेज का एक छोटा क्लिप अपलोड कर यह स्पष्ट किया गया है कि धक्का मुक्की में नीचे गिरने वाले व्यक्ति एसपी सिटी विवेक त्रिपाठी नहीं हैं बल्कि झांसी के थाना सीपरी बाजार में तैनात सिपाही कौशलेन्द्र हैं.
इसके बाद हमने पूरे मामले पर अधिक जानकारी के लिए झांसी पुलिस के एसएसपी से संपर्क किया। उन्होंने हमें ट्विटर पर झांसी पुलिस द्वारा पहले से ही शेयर की गई जानकारी से मिलती जुलती जानकारी दी. इसके बाद हमारे द्वारा यह पूछे जाने पर कि कथित तौर पर सिपाही के साथ धक्कामुक्की के दौरान एसपी सिटी कहां थे? एसएसपी ने हमें एक तस्वीर भेजी जो कि वायरल वीडियो का एक हिस्सा है. गौरतलब है कि एसएसपी द्वारा हमें भेजी गई इस तस्वीर में धक्कामुक्की में नीचे गिरे सिपाही और एसपी सिटी विवेक त्रिपाठी दोनों एक ही फ्रेम में नजर आते हैं जहां एसपी सिटी धक्कामुक्की में गिरे सिपाही से थोड़ी दूरी पर खड़े हैं. एसएसपी ने हमें यह भी बताया कि झांसी पुलिस पूरे मामले पर फुटेज के आधार पर दोषियों को चिन्हित कर उनपर कार्रवाई करेगी.
गौरतलब है कि एसएसपी द्वारा एसपी सिटी का पहचान जाहिर करने के बाद हमने वायरल वीडियो को फिर देखा। पर वायरल क्लिप्स की स्पीड स्लो नहीं कर पाने के कारण हमने inKhabar द्वारा इसी मामले पर अपलोड किये गए एक वीडियो की स्पीड स्लो कर के देखा तो यह बात स्पष्ट हो गई कि, वायरल वीडियो में धक्कामुक्की के दौरान गिरे व्यक्ति सिपाही कौशलेंद्र ही हैं. बता दें कि वायरल वीडियो के शुरुआत में धक्कामुक्की कर रहे लोगों को यह कहते हुए सुना जा सकता है कि “मारेगा तू, मारेगा तू, डंडा कैसे मारा”
उपरोक्त यूट्यूब वीडियो की स्पीड स्लो करने के बाद हमने एसपी सिटी विवेक त्रिपाठी के एक-एक कदम को ट्रेस किया जहां हमें यह पता चला कि एसपी सिटी धक्कामुक्की के वक्त काफी पीछे थे। लेकिन यूट्यूब वीडियो के अनुसार 20 सेकंड के बाद वो खुद भीड़ में घुसते नजर आते हैं. इसके बाद 35 सेकंड तक एसपी सिटी द्वारा भीड़ को रोकते हुए देखा जा सकता है. गौरतलब है कि उक्त वीडियो में एसपी सिटी ने भीड़ को रोकने के लिए डंडा भी भाजा. हालांकि इसके बाद की फुटेज स्पष्ट ना होने के कारण एसपी सिटी को ट्रेस नहीं किया जा सका. लेकिन पूरी फुटेज देखने के बाद एसपी सिटी द्वारा पूरे मामले पर दिया गया वक्तव्य घटना के वीडियो फुटेज से मेल खाता है.
इसके बाद हमने वायरल फुटेज का एक और एंगल से विश्लेषण किया। जहां यह बात साफ़ हो गई कि उपद्रवियों द्वारा मारपीट एवं धक्कामुक्की में सिपाही कौशलेन्द्र नीचे गिरे थे जबकि, एसपी सिटी विवेक त्रिपाठी उनसे थोड़ी दूरी पर खड़े थे.
सोशल मीडिया पर वायरल हुई वीडियो क्लिप को बारीकी से देखने और पुलिस के बयानों के बाद यह स्पष्ट हो जाता है कि एसपी सिटी विवेक त्रिपाठी को भीड़ द्वारा मारा-पीटा नहीं गया है. इस धक्का मुक्की में एक सिपाही कौशलेन्द्र के साथ अभद्रता हुई नजर आती है. हमारी पड़ताल में साफ हो जाता है कि सोशल मीडिया पर कई यूजर्स इस घटना को गलत एंगल के साथ शेयर कर रहे हैं. हालांकि हमें पूरे घटनाक्रम का वीडियो नहीं प्राप्त हुआ है अतः हम इस नतीजे पर नहीं पहुंच सकें कि वायरल वीडियो के अतिरिक्त किसी वीडियो में एसपी सिटी के साथ मारपीट हुई है या नहीं.
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