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इन दिनों सोशल मीडिया पर एक पोस्ट के साथ एक अखबार की कटिंग वायरल हो रही है। पोस्ट में दावा किया गया है कि दशहरे के दिन मुरादाबाद स्थित किसी रामलीला मैदान में, रावण के पुतले के साथ बाबा साहब भीमराव अम्बेडर के पोस्टर का भी दहन कर दिया गया है।
वायरल ट्वीट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।
हिंदू धर्म में दशहरे का बहुत ही खास महत्व है। भारत समेत कई अन्य देशों में भी हिंदू धर्म के अनुयायियों द्वारा इस त्यौहार को पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। हर साल इस त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के तौर पर मनाया जाता है। मान्यताओं के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीराम ने रावण का वध किया था। दशहरे के महत्व से जुड़ी खबर को आप यहां पढ़ सकते हैं। इसी क्रम में सोशल मीडिया पर उपरोक्त दावा वायरल है।
वायरल दावे को अन्य ट्विटर यूजर्स द्वारा भी शेयर किया गया है।
वायरल ट्वीट का आर्काइव वर्जन यहां और यहां देखा जा सकता है।
वायरल दावे को फेसबुक पर भी कई यूजर्स द्वारा शेयर किया गया है।
फेसबुक पर वायरल पोस्ट को यहां और यहां देखा जा सकता है।
Fact Check/Verification
क्या सच में इस दशहरे पर रावण दहन के साथ, भीमराव अंबेडकर के किसी पोस्टर को जलाया गया था? इसका सच पता लगाने के लिए हमने कुछ कीवर्ड्स की सहायता से गूगल पर सर्च किया। इस दौरान हमें कोई नतीजा प्राप्त नहीं हुआ।
पड़ताल के लिए दोबारा कुछ कीवर्ड्स की सहायता से गूगल पर खोजना शुरू किया। इस दौरान हमें 1 अक्टूबर, 2017 का एक ट्वीट प्राप्त हुआ। इस ट्वीट में एक वीडियो को शेयर किया गया है। वीडियो मुरादाबाद स्थित किसी रामलीला मैदान का बताया गया है। वीडियो में रावण दहन होता दिखाई दे रहा है और उसके साथ एक पोस्टर भी जलता नजर आ रहा है।
वायरल ट्वीट का आर्काइव वर्जन यहां देखा जा सकता है।
उपरोक्त ट्वीट में, वीडियो को शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा गया है, ‘उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में रावण का जलता हुआ पुतला। जिसमें बहन मायावती और बाबा साहब अम्बेडकर का फोटो भी जलाया गया।’ इस ट्वीट से इतना तो पता चलता है कि हो सकता है कि साल 2017 में मुरादाबाद में दशहरे के मौके पर ऐसी घटना घटी हो।
पड़ताल के दौरान ही हमें MORADABAD POLICE का एक ट्वीट भी प्राप्त हुआ।
वायरल ट्वीट का जवाब देते हुए मुरादाबाद पुलिस ने दावे का खंडन किया है। साथ ही मुरादाबाद के स्थानीय अखबार ‘विधान केसरी’ ने भी वायरल दावे का खंडन किया है। गौरतलब है कि साल 2017 में विधान केसरी में ही प्रकाशित लेख की कटिंग को वर्तमान का बताकर वायरल किया जा रहा है। ‘विधान केसरी’ के संपादक ने सार्वजनिक सूचना में कहा है कि ‘रावण के साथ कर दिया बाबा साहब का दहन’ नामक शीर्षक से प्रकाशित खबर विधान केसरी में वर्ष 2017 में प्रकाशित हुई थी।
Conclusion
हमने अपनी पड़ताल में पाया कि सोशल मीडिया पर वायरल किया गया दावा भ्रामक है। मुरादाबाद में घटी करीब 4 साल पुरानी खबर को हालिया दिनों का बताकर शेयर किया गया है।
Result: Misleading
Sources
Google Search
Tweet made by MORADABAD POLICE
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