Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
सोशल मीडिया पर एक संदेश तेजी से वायरल हो रहा है। संदेश में दावा किया गया है कि सभी मंत्रालय, विभागों एवं सरकारी निकायों ने सरकारी नौकरियों पर प्रतिबंध लगा दिया है। साथ ही संदेश में लिखा है कि आगे से सरकारी पदों पर कोई भी भर्ती नहीं होगी इसके लिए केंद्र सरकार ने एक नोटिस भी जारी किया है और संदेश में यह भी जानकारी दी गयी है कि 1 जुलाई 2020 के बाद जो भी आवेदन लिए गए हैं वह भी रद्द करने की घोषणा कर दी गयी है।
वायरल संदेश को ट्विटर पर भी सैंकड़ो यूज़र्स द्वारा शेयर किया गया है। इस दौरान ट्विटर पर यूज़र्स ने वायरल संदेश को एक सरकारी सर्कुलर पत्र के साथ शेयर किया है।
इसके साथ ही कुछ वेबसाइट ने भी वायरल संदेश को सरकारी सर्कुलर वाले पत्र के साथ खबर के रूप में छापा है।
Fact check / Verification
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे संदेश तथा उसके साथ ट्विटर पर शेयर किये जा रहे पत्र की सत्यता जानने के लिए हमने अपनी पड़ताल आरम्भ की। पड़ताल के दौरान हमने सबसे पहले वायरल संदेश को कुछ संबंधित कीवर्ड्स के साथ गूगल पर खोजना शुरू किया।
इस दौरान हमें आज तक की वेबसाइट पर हाल ही में 5 सितंबर को प्रकाशित एक लेख मिला। लेख में इस बात की जानकारी दी गयी है कि केंद्रीय वित्त मंत्रालय ने यह जानकारी दी है कि सरकारी नौकरियों की भर्ती में कोई रोक नहीं लगाई गयी है।
इसके साथ ही खोज में हमें वित्त मंत्रालय द्वारा ट्विटर पर किया गया एक ट्वीट भी प्राप्त हुआ। जहाँ मंत्रालय ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा कि सरकारी एजेंसियों यूपीएससी, एसएससी, रेलवे रिक्रूटमेंट बोर्ड के जरिए भर्तियां पहले की तरह ही की जाएंगी। इस दौरान वित्त मंत्रालय ने सरकार द्वारा जारी सर्कुलर भी अपलोड किया है।
दरअसल 04 सितंबर 2020 को व्यय विभाग ने एक सर्कुलर जारी किया था। जहां गैर जरूरी ख़र्चों पर रोक लगाने की बात कही गयी है। इस दौरान सर्कुलर में किसी भी तरह की भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगाने की बात नहीं कही गयी है।
असल में जारी सर्कुलर सिर्फ पदों के निर्माण के लिए आंतरिक प्रक्रिया से संबंधित है। इस दौरान आयातित कागज़ पर कोई छपाई नहीं, किसी किताब की छपाई नहीं की जाएगी साथ ही कई कार्यक्रमों के ख़र्चों को भी कम किया जायेगा।
उक्त संदेश के वायरल होने का कारण
इसके साथ ही सर्कुलर में दो बातें और छपी थीं जिसके कारण सोशल मीडिया पर ऐसी अफवाह फैली। सर्कुलर में आगे यह लिखा है कि विभागों में नए पदों का सृजन वित्त मंत्रालय की मंजूरी के बिना नहीं होगा। इसके साथ ही सर्कुलर में यह भी गया है कि यदि 1 जुलाई, 2020 के बाद कोई नया पद बनाया गया है, जिसके लिए व्यय विभाग की मंजूरी नहीं ली गई है, तो उसे रिक्त ही रखा जायेगा। यदि किसी कारण वश कोई नियुक्ति बेहद महत्पूर्ण है, तो इसके लिए व्यय विभाग से मंजूरी ली जाएगी।
पड़ताल के दौरान हमें PIB Fact Check द्वारा किया गया एक ट्वीट मिला। जहां PIB ने एक मीडिया चैनल द्वारा वायरल संदेश को खबर के रूप में प्रसारित किये जाने पर खबर का फैक्ट चेक किया है। इस दौरान PIB ने इस खबर को गलत ठहराया है।
Conclusion
वायरल संदेश की पड़ताल के दौरान मिले तथ्यों से पता चला कि संदेश को गलत तरीके से सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है। केंद्र सरकार ने किसी भी भर्ती प्रक्रिया पर रोक नहीं लगाया। व्यय विभाग द्वारा जारी सर्कुलर में सिर्फ गैर जरुरी खर्चों तथा विभागों में नय पदों के सृजन पर रोक लगाने की बात कही गयी है।
Result:Misleading
Our Sources
https://twitter.com/PIBFactCheck/status/1305483938803064835
https://doe.gov.in/sites/default/files/Economy%20Measures.pdf
https://twitter.com/FinMinIndia/status/1302203999324483584
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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.