शुक्रवार, मार्च 29, 2024
शुक्रवार, मार्च 29, 2024

होमFact CheckViralनमाज़ पढ़ रहे लोगों पर फ्रांस की पुलिस ने नहीं बरसाया पानी,...

नमाज़ पढ़ रहे लोगों पर फ्रांस की पुलिस ने नहीं बरसाया पानी, तुर्की का वीडियो फ्रांस के नाम पर हुआ वायरल

Authors

A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया गया कि फ्रांस ने सड़क पर प्रदर्शन कर रहे मुस्लिम प्रदर्शनकारियों पर पानी बरसाया.

https://twitter.com/YamrajFromHell/status/1321401156191412224

फ्रांस में बीते दिनों ‘Conflans-Sainte-Honorine’ नामक स्कूल में इतिहास के एक शिक्षक ‘Samuel Paty’ की पैगम्बर मुहम्मद के तथाकथित विवादित कार्टून्स दिखाने की वजह से गला काटकर हत्या कर दी गई थी. इस बर्बर घटना के पीछे इस्लामिक कट्टरता को कारण बताते हुए पुलिस ने अब्दुल्लाख अंज़ोरोव नामक एक शख्श को गिरफ्तार किया है. इस घटना के बाद से ही फ्रांस में माहौल काफी तनावपूर्ण हो गया है. कई इस्लामिक देशों ने फ्रांस के राष्ट्रपति पर यह आरोप लगाया है कि उनके द्वारा इस्लामिक कट्टरता को रोकने को लेकर उठाये गए कदमों से मुस्लिमों के प्रति नफरत बढ़ रही है. फ्रांस में भी इस संदर्भ में कई विरोध प्रदर्शन आयोजित किये जा चुके हैं. वायरल वीडियो में कथित तौर पर मुस्लिमों द्वारा सड़क पर नमाज के दौरान फ्रांस की पुलिस द्वारा मुस्लिमों के खिलाफ सख्ती बरतते हुए उन पर पानी बरसाने का दावा किया जा रहा है. सोशल मीडिया पर ऐसे ही तमाम दावे वायरल हो रहें हैं.

Fact Check/Verification

वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने सबसे पहले वीडियो को की-फ्रेम्स में बांटकर एक की-फ्रेम को गूगल पर सर्च किया लेकिन इस प्रक्रिया में हमें कोई ठोस जानकारी नहीं प्राप्त हुई. 

इसके बाद हमने वायरल दावे से ही लिए गए कीवर्ड्स ‘Streets are for cars, not for praying’  को ट्विटर पर ढूंढा. ट्विटर पर इस कीवर्ड सर्च के परिणामस्वरूप हमें यह जानकारी मिली कि ‘Vaidehi’ नामक एक ट्विटर यूजर ने भी यही वीडियो किया है.

वैदेही इसी ट्विटर थ्रेड के अगले ट्वीट में यह जानकारी देती हैं कि यह वीडियो तुर्की का है.

वैदेही द्वारा शेयर किये गए ट्वीट को देखने पर यह पता चलता है कि उन्होंने स्वयं इस वीडियो को पोस्ट नहीं किया है बल्कि ‘Edip C. Bedirhan’ नामक एक यूजर द्वारा पब्लिश किये गए वीडियो को शेयर किया है.

इसके बाद हमने ‘Edip C. Bedirhan’ नामक उक्त यूजर द्वारा शेयर किया गया दावा ढूंढा जहां हमें यह जानकारी मिली कि यूजर ने तुर्की के वर्तमान राष्ट्रपति Recep Tayyip Erdoğan पर तंज कसते हुए व्यंग्यात्मक तौर पर तुर्की की वीडियो शेयर कर इसे फ्रांस का बताया था.

इसी थ्रेड के अगले ट्वीट में अपने पहले ट्वीट का आशय स्पष्ट करते हुए  Edip C. Bedirhan ने लिखा है कि यह वीडियो Recep Tayyip Erdoğan का दोहरापन दिखाने के लिए शेयर किया गया है. भीड़ पर पानी बरसाती यह तुर्किश पुलिस है जो कि कुर्दिश लोगों को जबरन रोकने का प्रयास कर रही है. गौरतलब है कि जिन इस्लामिक देशों ने फ्रांस के राष्ट्रपति द्वारा शिक्षक ‘Samuel Paty’ हत्या मामले में लिए गए एक्शन की सबसे ज्यादा आलोचना की थी उनमे तुर्की प्रमुख था.

Edip C. Bedirhan द्वारा घटना का जो विवरण दिया है उसके आधार पर विभिन्न कीवर्ड्स का इस्तेमाल कर जब हमने वायरल वीडियो के विभिन्न की-फ्रेम्स को गूगल पर ढूंढा तो हमें वायरल वीडियो 9 नवंबर, 2012 को एक यूट्यूब चैनल पर पब्लिश्ड मिला.

उक्त यूट्यूब वीडियो के डिस्क्रिप्शन का अंग्रेजी में अनुवाद करने पर हमें यह जानकारी मिली कि वायरल वीडियो तुर्की के ‘Yüksekova’ शहर का है. यूट्यूब वीडियो के डिस्क्रिप्शन का रफ़ अंग्रेजी अनुवाद कुछ इस प्रकार है, “The events that took place during the ‘civil Friday prayers’ in Yüksekova district of Hakkari put those who prayed in a difficult situation.”

इसके बाद हमने उक्त घटना से संबंधित मीडिया रिपोर्ट्स के माध्यम से इस पर अधिक जानकारी इक्कट्ठा करनी चाही लेकिन हमें इस घटना का जिक्र किसी भी भरोसेमंद मीडिया रिपोर्ट में नहीं मिला.

Conclusion

इस तरह हमारी पड़ताल में यह बात साफ़ हो जाती है कि वायरल वीडियो फ्रांस का नहीं बल्कि तुर्की का है. हालांकि हमें इस वीडियो के असल स्रोत की जानकारी अभी तक नहीं मिल पाई है. वीडियो के असल स्रोत की जानकारी होने पर लेख को अपडेट कर आवश्यक जानकारी का वर्णन किया जायेगा.

Result: Misleading


Our Sources

YouTube Video

Tweet made by Edip C. Bedirhan


किसी संदिग्ध ख़बर की पड़ताल, संशोधन या अन्य सुझावों के लिए हमें  WhatsApp करें:9999499044या ई-मेल करें:checkthis@newschecker.in

Authors

A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Saurabh Pandey
Saurabh Pandey
A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

कोई जवाब दें

कृपया अपनी टिप्पणी दर्ज करें!
कृपया अपना नाम यहाँ दर्ज करें

Most Popular