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Fact Check
ट्विटर पर वैशाली पोद्दार नामक यूजर ने शरजील इमाम की एक तस्वीर ट्वीट की है। इस तस्वीर को किसान आंदोलन से जोड़कर शेयर किया जा रहा है। दावा किया जा रहा है कि किसानों का आंदोलन ‘एमएसपी’ से ‘एफएसआई’ फ्री शरजील इमाम तक लंबा सफर तय कर चुका है। वायरल पोस्ट में शरजील इमाम को रिहा करने की बात कही जा रही है।
वायरल पोस्ट के आर्काइव वर्ज़न को यहां और यहां देखा जा सकता है।
देखा जा सकता है कि इस दावे को ट्विटर पर अलग-अलग यूज़र्स द्वारा शेयर किया जा रहा है।
जेएनयू के छात्र शरजील इमाम को जनवरी 2020 में बिहार के जहानाबाद से राष्ट्रविरोधी बयान देने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था। उस पर धर्म के आधार पर अपराध, देशद्रोह और धर्मों को विभाजित करने की साजिश के आरोप लगाए गए थे।
ऐसे में सोशल मीडिया परशरजील इमाम की वायरल हो रही तस्वीर की सत्यता जानने के लिए हमने पड़ताल शुरु की। अलग-अलग कीवर्ड्स की मदद से खोजने पर हमें वायरल दावे से संबंधित कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली।
Google Reverse Image Search की मदद से खंगालने पर हमें एक Md. Imran Lone नामक हैंडल से किया गया एक ट्वीट मिला। वायरल तस्वीर को अप्रैल, 2020 में ट्वीट किया गया था।
अधिक खोजने पर हमें 28 जनवरी, 2020 को दैनिक भास्कर द्वारा प्रकाशित की गई मीडिया रिपोर्ट मिली। इसके मुताबिक अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में शरजील इमाम को आपत्तिजनक भाषण देने पर गिरफ्तार किया गया था।
Google Keywords Searchकी मदद से खोजने पर हमें नवभारत टाइम्स और दैनिक भास्कर द्वारा प्रकाशित की गई मीडिया रिपोर्ट्स मिली। इन रिपोर्ट्स के मुताबिक कृषि कानून के खिलाफ चल रहे किसान आंदोलन में शरजील इमाम को रिहा करने की मांग उठाई गई थी।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रही तस्वीर का बारीकी से अध्ययन करने पर हमने पाया कि आठ महीने पुरानी तस्वीर को भ्रामक दावे के साथ शेयर किया जा रहा है। वायरल तस्वीर का किसान आंदोलन से कोई लेना-देना नहीं है।
Twitter https://twitter.com/ImraanSpeaks/status/1250295945817776137
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