Authors
A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.
सोशल मीडिया पर अखबार की एक कटिंग वायरल हो रही है। कटिंग में पीयूष गोयल की तस्वीर के साथ दावा किया जा रहा है कि रेल मंत्रालय अपने 50 फीसदी स्टाफ की छटनी करने जा रहा है।
वायरल हो रही अख़बार की कटिंग ट्विटर पर साल 2019 में भी वायरल हो चुकी है।
Fact check / Verification
सोशल मीडिया पर हाल ही में वायरल हो रही अखबार की कटिंग साल 2019 में भी वायरल हुई थी। इसके चलते हमने इस कटिंग के साथ किये जा रहे दावे का सच जानने के लिए अपनी पड़ताल आरम्भ की।
इस दौरान हमने वायरल खबर को गूगल पर खंगाला शुरू किया। इस दौरान हमें लाइव हिंदुस्तान की वेबसाइट पर साल 2019 में छपा एक लेख मिला।
लेख में इस बात की जानकारी दी गयी है कि रेलवे ने अपने 50 फीसदी कर्मचारियों को कम करने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन अभी तक उस पक्ष में कोई फैसला नहीं लिया गया है।
इसके बाद हमने वायरल दावे की जांच के लिए गूगल पर और खोजा। खोज के दौरान हमें PIB की वेबसाइट पर ही एक प्रेस विज्ञप्ति मिली। जहां भारतीय रेलवे में होने वाली कर्मचारियों की भर्तियों की जानकारी मिली। वेबसाइट पर एक लाख से अधिक भर्तियों की जानकारी दी गयी है।
इसके साथ ही हमने भारतीय रेल की वेबसाइट को भी खंगाला। खोज के दौरान हमें रेलवे की वेबसाइट पर भी नई रिक्तियों की जानकरी मिली।
इसके बाद हमें ट्विटर पर PIB फैक्ट चेक नाम के हैंडल पर वायरल दावा मिला। जहां वायरल दावे का फैक्ट चेक कर इसे गलत बताया है।
इसके साथ PIB फैक्ट चेक हैंडल द्वारा एक और ट्वीट मिला। ट्वीट में PIB की वेबसाइट पर छपी विज्ञप्ति का लिंक मिला। ट्वीट में बताया गया है कि रेल मंत्रालय एक लाख रिक्तियों को भरने के लिए भी काम कर रहा है।
Conclusion
पड़ताल के दौरान हमें पता चला कि अखबार के वायरल कटिंग में दी गयी ‘रेलवे के 50 फीसदी कर्मचारियों को हटाने वाली’ खबर भ्रामक है।
Result-Misleading
Our Sources
https://www.indianrailways.gov.in/railwayboard/view_section.jsp?lang=0&id=0,5,373
https://pib.gov.in/PressReleasePage.aspx?PRID=1632290
https://twitter.com/PIBFactCheck/status/1296026158404734976
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A rapid increase in the rate of fake news and its ill effect on society encouraged Nupendra to work as a fact-checker. He believes one should always check the facts before sharing any information with others. He did his Masters in Journalism & Mass Communication from Lucknow University.