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उत्तराखंड हाई कोर्ट द्वारा हल्द्वानी के रेलवे भूमि अतिक्रमण मामले में सुनाये गए फ़ैसले के बाद से ही “हल्द्वानी “सोशल मीडिया पर ख़ासा चर्चा का विषय बना हुआ है. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में हल्द्वानी में आने वाले 2 किमी के क्षेत्र को रेलवे की ज़मीन मानते हुए वहां बसे लोगों को 7 दिनों में घर ख़ाली करने का आदेश दिया है.
इसी बीच सोशल मीडिया अजय सेहरावत नामक एक ट्विटर यूजर 56 सेकंड लम्बा एक वीडियो और कुछ ट्वीट्स की फ़ोटो साझा करते हुए दावा करते है कि “हल्द्वानी में कोर्ट के ऑर्डर पर गैरकानूनी कब्जा हटाया तो राहुल गांधी के करीबी इमरान प्रतापगढ़ी कह रहे है की दुर्गा मां का मंदिर भी हटा दो।”
2 जनवरी 2023 को किये गए इस ट्वीट को ख़बर लिखे जाने तक तक़रीबन 60 हज़ार लोगों ने देखा और 1100 से अधिक लोगों से इसे आगे शेयर किया।
इस पोस्ट के आर्काइव को यहाँ देखा जा सकता है.
Fact Check/Verification
न्यूज़चेकर ने वायरल ट्वीट की पड़ताल के लिए सबसे पहले अजय सेहरावत की ट्विटर प्रोफाइल को खंगाला. उनकी ट्विटर प्रोफाइल के अनुसार, वह दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता और भाजपा के ओबीसी मोर्चा के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी हैं.
इसके बाद हमने अजय द्वारा किये गए वायरल ट्वीट और वीडियो को देखा. वीडियो में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद इमरान प्रतापगढ़ी कुछ लोगों की भीड़ को संबोधित करते हुए कहते हैं कि “ना बुज़दिल की तरह तुम ज़िन्दगी से हार कर मरना… अरे ईमान वालों जुर्म को ललकार कर मरना… कभी जब भेड़ियों का झुंड तुमको घेर ही ले तो, अगर मरना पड़े तो 4-6 को मारकर मरना”.
वीडियो में कहीं भी इमरान प्रतापगढ़ी द्वारा दुर्गा माता के मंदिर को तोड़ने जैसी कोई बात नहीं कही गयी है. जब हमने इस वीडियो को यूट्यूब पर ढूंढा तो हमें 3 साल पहले महाराष्ट्र के नांदेड़ में हुए उसी मुशायरे का वीडियो ‘इंडिया समय’ नाम के एक यूट्यूब चैनल पर मिला, जिसकी वीडियो क्लिप ट्विटर पर शेयर की गयी है. वीडियो के 2 मिनट 11 सेकंड पर इमरान प्रतापगढ़ी को वही शेर कहते हुए सुना जा सकता है जो इस वक़्त सोशल मीडिया पर ग़लत सन्दर्भ के साथ शेयर किया जा रहा है.
वीडियो की पड़ताल के बाद अब हमने अजय सेहरावत द्वारा साझा किये गए इमरान प्रतापगढ़ी के उस ट्वीट को देखा, जिसमें कथित तौर पर उनके द्वारा हल्द्वानी में दुर्गा माता के मंदिर को तोड़े जाने की बात कही गयी है. जब हमने इमरान प्रतापगढ़ी के ट्विटर हैंडल को खंगाला तो पता चला कि 1 जनवरी, 2023 को रात लगभग 9:30 बजे इमरान प्रतापगढ़ी हल्द्वानी ज़मीन अतिक्रमण को लेकर ट्वीट करते हुए उन तमाम सार्वजनिक संपत्ति, सरकारी एवं निजी संपत्ति, धार्मिक स्थल, स्कूल, और अस्पतालों की जानकारी देते हैं, जो हाईकोर्ट के आदेश के बाद हटायी जाएगी.
2 भागो में किये गए अपने ट्वीट में इमरान प्रतापगढ़ी दुर्गा माता के मंदिर को उन धार्मिक स्थलों का हिस्सा बताते हैं, जिसे हल्द्वानी के 2 किमी क्षेत्र मे किये गए अतिक्रमण का हिस्सा माना गया है.
क्या है हल्द्वानी और रेलवे अतिक्रमण का पूरा मामला?
उत्तराखंड के हल्द्वानी में रेलवे लाइन से लगे लगभग 2 किमी क्षेत्र के मालिकाना हक़ को लेकर सालों से रेलवे और उत्तराखंड सरकार एवं क्षेत्र के लोग कोर्ट में एक दूसरे के सामने हैं. रेलवे द्वारा उस ज़मीन को रेलवे की संपत्ति बताया जाता रहा है, तो दूसरी तरफ वहां के लोगों का दावा है कि वो लोग वहां सालों से रह रहे हैं.
इसी विवाद में उत्तराखंड हाईकोर्ट ने रेलवे के हक़ में फ़ैसला सुनाता हुए रेलवे लाइन से लगे 2 किमी क्षेत्र में बने तमाम ढांचों को अतिक्रमण का हिस्सा माना और लोगों को प्रशासन द्वारा नोटिस मिलने के 7 दिन की अवधि के अंदर अपना घर ख़ाली करने का आदेश दिया.
इसी आदेश के बाद हल्द्वानी में फ़ैसले से प्रभावित लगभग 4000 परिवार ठण्ड में सड़क पर उतर आये और लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं. मामला अब सुप्रीम कोर्ट में है और सर्वोच्च न्यायालय 5 जनवरी को मामले की सुनवाई करेगा।
Conclusion
हमारी पड़ताल में यह साबित हो गया कि इमरान प्रतापगढ़ी का यह वायरल वीडियो क़रीब तीन साल पुराना है और हल्द्वानी अतिक्रमण मामले से इसका कोई संबंध नहीं है. इस मामले में अभी तक इमरान प्रतापगढ़ी से हमारी बात नहीं हो पाई है, लेकिन जैसे वह अपना पक्ष हमारे साथ साझा करेंगे, उसे लेख में अपडेट किया जायेगा।
Result – False
Our Sources
Imran Pratapgarhi’s Youtube Video
Imran Pratapgarhi Twitter