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Fact Check: एमपी में मासूम की लाश को एम्बुलेंस न मिलने की पुरानी खबर को हालिया दिनों का बताकर किया गया शेयर

Authors

A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

Claim

सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि मध्य प्रदेश के मुरैना में हाल ही में एक 8 साल का मासूम पैसे के अभाव में छोटे भाई का शव लेकर बैठा रहा.

सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर यह दावा किया जा रहा है कि मध्य प्रदेश के मुरैना में हाल ही में एक 8 साल का मासूम पैसे के अभाव में छोटे भाई का शव लेकर बैठा रहा.
वायरल दावा

Fact

हाल ही में मध्य प्रदेश के मुरैना में एक 8 साल का मासूम पैसे के अभाव में छोटे भाई का शव लेकर बैठे रहने के नाम पर शेयर किए जा रहे इस दावे की पड़ताल के लिए हमने वायरल पोस्ट से ‘मध्यप्रदेश के मुरैना 8 साल का बच्चा अपने छोटे भाई की लाश को लेकर घंटों तक बैठा रहा 1500₹ ना होने के कारण एंबुलेंस में बच्चे के शव को ले जाने से किया इनकार’ कीवर्ड को गूगल पर ढूंढा. इस प्रक्रिया में हमें यह जानकारी मिली कि यह खबर साल 2022 के जुलाई महीने का है.

गूगल सर्च से प्राप्त परिणाम

सर्च परिणामों से प्राप्त The Quint, News18, TV9 हिंदी, ABP News, BBC, जनसत्ता और पंजाब केसरी द्वारा प्रकाशित लेख प्राप्त हुए. इन मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, मध्य प्रदेश के मुरैना में दो साल के एक बच्चे का निधन हो गया, जिसके बाद मासूम के परिवार ने सरकारी और निजी एम्बुलेंस की सेवाएं देने वालों से शव ले जाने की बात कही. एम्बुलेंस सेवा प्रदाताओं द्वारा एक हजार से पंद्रह सौ रुपए की मांग करने के बाद पैसे के अभाव में मासूम के पिता पूजाराम जाटव सस्ते वाहन की तलाश में चले गए. दिवंगत मासूम का आठ वर्षीय बड़ा भाई गुलशन शव की रखवाली करने लगा. लगभग 45 मिनट तक एम्बुलेंस की प्रतीक्षा करते समय गुलशन कभी पिता के आने की राह देखता तो कभी छोटे भाई के शव को दुलारते हुए रोने लगता. बाद में स्थानीय अधिकारीयों के हस्तक्षेप के बाद परिवार को एम्बुलेंस की सेवा दी गई और मासूम के शव को घर लाया जा सका. मीडिया रिपोर्ट्स में मामले को लेकर कांग्रेस द्वारा इस लापरवाही पर सरकार पर हमला बोलने की भी जानकारी दी गई है.

The Quint द्वारा प्रकाशित लेख का एक अंश

इस प्रकार हमारी पड़ताल में यह बात साफ हो जाती है कि हाल ही में मध्य प्रदेश के मुरैना में एक 8 साल का मासूम पैसे के अभाव में छोटे भाई का शव लेकर बैठे रहने के नाम पर शेयर किया जा रहा यह दावा भ्रामक है. असल में यह दुखद घटना साल 2022 के जुलाई माह में हुई थी, जिसे अभी का बताकर शेयर किया जा रहा है.

Result: Missing Context

Our Sources
Media reports

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A self-taught social media maverick, Saurabh realised the power of social media early on and began following and analysing false narratives and ‘fake news’ even before he entered the field of fact-checking professionally. He is fascinated with the visual medium, technology and politics, and at Newschecker, where he leads social media strategy, he is a jack of all trades. With a burning desire to uncover the truth behind events that capture people's minds and make sense of the facts in the noisy world of social media, he fact checks misinformation in Hindi and English at Newschecker.

Since 2011, JP has been a media professional working as a reporter, editor, researcher and mass presenter. His mission to save society from the ill effects of disinformation led him to become a fact-checker. He has an MA in Political Science and Mass Communication.

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