Authors
Claim
तमिलनाडु में बिहारी मजदूरों के साथ हुई मारपीट की हैं यह वायरल तस्वीरें.
Fact
तस्वीरें मनोरजन के लिए बनायी गयी एक स्क्रिप्टिड यूट्यूब वीडियो से ली गयी हैं. दावा पूरी तरह से फ़र्ज़ी है.
पिछले कुछ समय से भारत के दक्षिणी राज्य तमिलनाडु से वहां काम कर रहे हिंदी भाषी लोगों (मुख्यतः बिहारी मज़दूरों) के पलायन और उनके साथ मारपीट की खबरें आ रही हैं. सोशल मीडिया पर भी इससे सम्बंधित बहुत से अलग-अलग असत्यापित दावे, वीडियो और तस्वीरें शेयर की जा रही हैं.
यूट्यूबर मनीष कश्यप ने भी 08 मार्च को घटना के संबंध में कुछ कथित मज़दूरों की तस्वीरों को पोस्ट करते हुए दावा किया कि फ़ोटो में दिखाई दे रहे लोग तमिलनाडु में फंसे बिहारी मज़दूर है, जिन्हें मारा पीटा गया है और वे लोग तमिलनाडु से निकलने में मदद चाहते हैं.
अपने ट्वीट में मनीष कश्यप लिखे हैं कि “तेजस्वी यादव जी चश्मा हटा के इस फोटो को देखिए मजदूरों के चेहरे पर घाव और जिस मीडिया ने रिकॉर्डिंग किया है उसका मोबाइल नंबर भी है।। एक बार बात करके तो देखिए क्या पता आप झूठ बोल रहे हैं और मजदूर सच में तमिलनाडु में परेशान हैं।।साथ ही साथ जातीय जनगणना की बात करते हैं ना तो एक बार इन लोगों से जात भी पूछ लीजिएगा थोड़ा आपको दिल को सुकून मिलेगा।। और हां इन लोगों को जो मार पड़ी है तमिलनाडु में वह सच है कि झूठ इसकी जानकारी तो आपका प्रशासन ही देगा।। लेकिन बिहारी मजदूर बिहार से बाहर जाकर मार खाते हैं भगाए जाते हैं इसके लिए दोषी आप लोग हैं।। एक और बात बोलूं तेजस्वी यादव जी शायद भाषण में झूठ बोलते बोलते आप लोगों को झूठ सुनने का आदत हो गया होगा।। इसलिए मनीष कश्यप का सच आप लोगों को झूठ लगा। मैं बिहार के मजदूर और गरीबों के बारे में झूठ नहीं फैलाता हूं बल्कि उनका सच्चाई दिखाता हूं और उस सच को आप लोग देखना नहीं चाहते।। “
मनीष कश्यप के इस ट्वीट को खबर लिखे जाने तक लगभग 10 लाख लोगों द्वारा देखा गया है. वहीं, 4 हज़ार से ज़्यादा बार पोस्ट को रिट्वीट किया गया है.
वायरल पोस्ट को फेसबुक और ट्विटर पर जमकर शेयर किया जा रहा है.
वायरल पोस्ट के आर्काइव को यहाँ देखा जा सकता है
Fact Check/Verification
वायरल दावे की पड़ताल के लिए हमने कुछ कीवर्ड जैसे “तमिलनाडु बिहारी मज़दूर” “मज़दूर पलायन तमिलनाडु” को गूगल पर सर्च किया. हमें तमिलनाडु पुलिस का इसी घटना से सम्बंधित 08 मार्च को किया गया एक ट्वीट मिला। गौरतलब है कि तमिलनाडु पुलिस ने यह ट्वीट मनीष कश्यप के वायरल पोस्ट के जवाब में किया था.
अपने ट्वीट में तमिलनाडु पुलिस मनीष कश्यप द्वारा किये गए दावे और पोस्ट की गयी तस्वीरों को झूठा बताया है. पुलिस के अनुसार, तस्वीरों में दिख रहे कथित “तमिलनाडु में फंसे बिहारी मज़दूर” एक निर्देशित वीडियो के पात्र है.
तमिलनाडु पुलिस अपने ट्वीट में लिखती है कि “अपराधी यह समझ ले कि तुम हमेशा सभी को धोखा नहीं दे सकते। जनता आप दिए गए वीडियो को देखिए और समझिए कि यह घटना जो वीडियो में दिखाया गया है, वह तमिलनाडु में हुआ ही नहीं है। यह वीडियो झूठा और निर्देशित है। कठोर कानूनी कार्रवाई की जा रही है। द्वारा तमिलनाडु पुलिस।”
अपनी पड़ताल को आगे बढ़ाते हुए हमने तमिलनाडु पुलिस द्वारा पोस्ट किये गए वीडियो को ध्यान से देखा और वीडियो में दिख रहे BNR न्यूज़ रिपोर्टर की टैग लाइन की मदद से वीडियो को यूट्यूब पर सर्च किया. हमें 06 मार्च 2023 को BNR न्यूज़ रिपोर्टर चैनल पर अपलोड बिलकुल वही वीडियो मिला, जिसे तमिलनाडु पुलिस ने शेयर किया था. 11 मिनट लम्बे इस वीडियो के कैप्शन में लिखा है, “हमको घर जाना है, तमिलनाडु अब नहीं जाऊंगा.”
वीडियो को ध्यान से देखने पर पता चलता है कि मनीष कश्यप के द्वारा पोस्ट की गयी तस्वीरों में दिख रहे दो लोग जिनके सिर पर पट्टियां बंधी हैं, उनकी फ़ोटो इसी वीडियो से ली गयी है. वीडियो का विवरण देते हुए BNR न्यूज़ रिपोर्टर चैनल ने साफ तौर पर लिखा है कि “वीडियो मौजूदा घटनाओं से प्रेरित होकर बनायी गयी है, जिसका मकसद केवल लोगों तक नाटक के माध्यम से जानकारी पहुँचाना है. कृपया वीडियो को गंभीरता से न लिया जाए.”
Conclusion
हमारी पड़ताल में हमने पाया कि YouTuber मनीष कश्यप द्वारा साझा की गयी तस्वीरें मनोरजन के लिए बनायी गयी एक स्क्रिप्टिड यूट्यूब वीडियो का हिस्सा हैं. वायरल दावा पूरी तरह से फ़र्ज़ी है.
Result: False
Our Sources
Tweet from Tamilnadu Police
Youtube video posted by BNR news report
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