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Claim:
कोरोनिल दवा पर रोक लगाने वाले डॉक्टर मुजाहिद हुसैन को आयुष मंत्रालय ने नौकरी से निकाल दिया है।
जानिए क्या है वायरल दावा:
23 जून, 2020 को पतंजलि आयुर्वेद लिमिटेड ने कोरोना की दवा कोरोनिल बनाने का दावा किया था। आयुष मंत्रालय ने इसके विज्ञापन पर तब तक के लिए बैन लगा दिया था जब तक यह सिद्ध नहीं हो जाता कि यह दवा कोरोना वायरस के इलाज में कारगर है। इसी बीच सोशल मीडिया पर आयुष मंत्रालय द्वारा डॉक्टर को निकाले जाने का दावा किया जा रहा है। इस ट्वीट को अब तक 4200 लोगों द्वारा रीट्वीट किया गया है और 7200 यूज़र्स ने इसे लाइक भी किया है।
Verification:
कोरोना वायरस के लिए पतंजलि द्वारा निर्मित कोरोनिल दवा लॉन्च होते ही विवादों में घिर गई। बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण द्वारा दवाई लॉन्च किए जाने के बाद आयुष मंत्रालय ने दवा के प्रचार प्रसार पर रोक लगा दी है। कुछ कीवर्ड्स की मदद से हमने वायरल हो रहे दावे को खंगालना शुरू किया।
देखा जा सकता है कि वायरल दावे को विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कई यूज़र्स द्वारा शेयर किया जा रहा है।
कुछ अलग-अलग कीवर्ड्स की मदद से गूगल करने पर हमें वायरल दावे से संबंधित कोई मीडिया रिपोर्ट नहीं मिली।
फेसबुक और ट्विटर पर वायरल हो रहा दावा रामदेव द्वारा लॉन्च की गई दवा कोरोनिल पर रोक लगाने से जुड़ा है। इससे संबंधित जानकारी हासिल करने के लिए सबसे पहले हमने आयुष मंत्रालय की आधिकारिक वेबसाइट को खंगाला। पड़ताल के दौरान हमने 23 जून को आयुष मंत्रालय द्वारा जारी किया गया एक बयान मिला। आयुष मंत्रालय ने फिलहाल इस दवा के विज्ञापन पर रोक लगा दी है।
अधिक जानकारी खोजने के लिए हमने Ministry of Ayush के आधिकारिक ट्विटर हैंडल को खंगाला। पड़ताल के दौरान हमें आयुष मंत्रालय द्वारा वायरल दावे का खंडन किया गया एक ट्वीट मिला। इसमें बताया गया है कि हाल के दिनों में मंत्रालय ने किसी डॉक्टर या मेडिकल ऑफिसर को नौकरी से नहीं निकाला है।
ट्वीट के आर्काइव वर्जन को यहां देखा जा सकता है।
आयुष मंत्रालय ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर भी वायरल दावे का खंडन किया है। जिसको आप नीचे देख सकते हैं।
वायरल दावे की तह तक जाने के लिए हमने Ministry of Ayush से फोन पर सीधा संपर्क किया। जहां बातचीच में हमने जाना कि हाल फिलहाल में मंत्रालय द्वारा किसी भी डॉक्टर या मेडिकल ऑफिसर को नौकरी से नहीं निकाला गया है। साथ ही उन्होंने हमें बताया कि मंत्रालय में डॉक्टर मुजाहिद हुसैन नामक कोई शख्स काम नहीं करता है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रही खबर फर्ज़ी है।
इससे पहले भी हमने आयुष मंत्रालय द्वारा कोरोनिल दवा को दी गई कथित मंजूरी वाले वायरल दावे को debunk किया था।
सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर वायरल हो रहे दावे का बारीकी से अध्ययन करने पर हमने पाया कि कोरोनिल पर रोक लगाने वाले डॉक्टर को आयुष मंत्रालय द्वारा निकाले जाने की खबर फर्ज़ी है। लोगों को भ्रमित करने के लिए भ्रामक दावा किया जा रहा है।
Result: Fabricated News
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