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Fact Check
Claimदिल्ली के गफ्फार मार्केट में पकड़े गए आतंकवादी।
ट्वीट का आर्काइव यहाँ देखा जा सकता है।
कोरोना संकट के बीच दिल्ली के करोलबाग स्थित गफ़ार मार्केट से आतंकवादी के मारे और पकड़े जाने का एक वीडियो वायरल हो गया। वीडियो बनाने वाला व्यक्ति यह रहा है, “देखिये, लाइव आतंकी का एनकाउंटर होते हुए, गफ़्फ़ार मार्केट से मैंने यह वीडियो बनाई है। बाहर आप कैमरामैन देख रहे हैं और अंदर से पुलिस वाले आतंकी को पकड़ कर ला रहे हैं। इसके पास हथियार या बम हो सकता है। आतंकी को गफ़्फ़ार मार्केट के बेसमेंट पार्किंग से लेकर आ रहे हैं। अभी एक बन्दे को शूट भी किया इन्होने। पूरा करोल बाग़ गफ़्फ़ार मार्केट सील कर दिया गया है।”
ऐसा ही एक वीडियो हमें whatasapp पर भी शेयर होता हुआ नज़र आया। कई WhatsApp समूहों में वीडियो इसी दावे के साथ वायरल होते देखा गया।
सोशल मीडिया के पर कई अन्य यूजर्स ने भी इस दावे को शेयर किया है।
ट्वीट का आर्काइव यहाँ देखा जा सकता है। कुछ अन्य दावों को यहाँ देखा जा सकता है।
दिल्ली में पुलिस द्वारा आतंकी को पकड़े जाने का वीडियो तेजी से शेयर हो रहा है। वीडियो में देखा भी जा सकता है कि कुछ पुलिस वाले एक व्यक्ति को पकड़कर बाहर ले जा रहे हैं। साथ में कुछ कैमरामैन भी दिखाई दे रहे हैं। वीडियो की सत्यता जानने के लिए सबसे पहले इसको invid टूल की मदद से कुछ कीफ्रेम में बदला। एक स्क्रीनशॉट की मदद से गूगल रिवर्स इमेज की सहायता से खोजने पर कहीं भी इस तरह का कोई प्रमाण नहीं मिला जिससे पता चलता है कि हालिया दिनों में पुलिस ने करोलबाग़ से किसी आतंकी को पकड़ा भी है।
एक अन्य स्क्रीनशॉट को क्लेम से मिलते जुलते कीवर्ड्स के माध्यम से गूगल पर खोजने पर हमें Hindustan Times का एक लेख मिला। ख़ास बात यह है कि लेख को साल 2015 में प्रकाशित किया गया है। रिपोर्ट में करोलबाग के निवासियों को हमेशा आतंकी खतरे का डर लगा रहता है इसका जिक्र किया गया है, साथ ही साल 2008 और 1996 में हुए विस्फोट की भी चर्चा की गई है।
खोज के दौरान कुछ अन्य कीवर्ड का प्रयोग करने के बाद भी हमें यह जानकारी नहीं मिल पाई कि करोल बाग़ के गफ़ार मार्केट से किसी आतंकी को पकड़ा गया है। वीडियो को एक बार फिर से बारीकी से देखने पर हमें लगा कि यह मॉकड्रिल का दृश्य हो सकता है। इसकी कई वजहें हैं। आमतौर पर जब भी किसी आतंकी को पकड़ा जाता है तो इंटेलिजेंस इनपुट के आधार पर इलाके को खाली करा लिया जाता है। जहां से भी आतंकी को गिरफ्तार या इनकाउंटर किया जाता है वहाँ आम नागरिकों को जाने की इजाज़त नहीं होती। वीडियो में देखा जा सकता है कि कई सिविलियन वहां जमा हुए हैं। वीडियो की सत्यता जानने के लिए हमने दिल्ली पुलिस से इस सन्दर्भ में बात की। इस दौरान पता चला कि यह एक मॉक ड्रिल वीडियो है जिसे 29 जुलाई को किया गया था। दिल्ली पुलिस के मुताबिक ऐसे ड्रिल समय-समय पर किये जाते हैं जिससे पुलिस की मुस्तैदी लगातार बनी रहे।
इसी वीडियो को लेकर हमें एक ट्वीट भी मिला। तरुण शर्मा नामक ट्विटर हैंडल से किये गए ट्वीट में इसे मॉकड्रिल बताया गया है। यूजर ने अपनी प्रोफाइल में खुद को पत्रकार बताया है।
इसके अलावा हमें मेन स्ट्रीम मीडिया में भी इस तरह की कोई खबर नहीं मिली। यदि करोलबाग में आतंकी पकड़ा गया होता तो मेन स्ट्रीम मीडिया में यह खबर सुर्ख़ियों में होती। हमारी पड़ताल में यह साबित हो गया कि गफ़ार मार्केट से फ़िलहाल किसी आतंकी को गिरफ़्तार नहीं किया गया है। सोशल मीडिया में मॉकड्रिल का वीडियो वायरल हो रहा है। हालाँकि हमें इस बात की कोई जानकारी प्राप्त नहीं हुई कि इस वीडियो को किसने शूट किया है।
Our Sources
Direct Police Verification
Tweet By Journalist- https://twitter.com/tarun10sharma/status/1288460384051945472